राज्य में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का सफल
आयोजन, 06-79 वर्ष की आयु के लोग हुए शामिल
रायपुर। राजधानी रायपुर में तीन दिनों से चल रहे राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेलों का रंगा-रंग समापन 10 जनवरी मंगलवार को बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में हुआ। समारोह में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हमारे ग्रामीण इलाकों में प्रचलित खेल जो लुप्त हो रहे थे, उनको प्र्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई है।
राज्य के ग्रामीण अंचल से लेकर शहरों तक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में शामिल 14 पारंपरिक खेलों में बीते 6 अक्टूबर से लेकर आज तक विभिन्न चरणों में सभी आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए उन्होंने सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे राज्य में खेल के प्रति एक सकारात्मक वातावरण बना है।
मंत्री पटेल ने कहा कि राज्य में छत्तीसगढ़िया संस्कृति को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया तीज-त्यौहारों में लोगों की भागीदारी और इसे उत्साहपूर्वक मनाने के लिए शासन द्वारा अवकाश भी घोषित किए गए हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया गया। समापन समारोह में नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ 8 जनवरी को किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़िया खेलों को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर पूरे प्रदेश में लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं में इन खेलों में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। गांव-गांव में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है। महिलाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन हर वर्ष सितम्बर-अक्टूबर माह किए जाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने इस दौरान की थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में 25 लाख और नगरों में 1.30 लाख लोगों की रही भागीदारी
खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले ने बताया कि राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में सभी जिलों के विजेताओं 1711 प्रतिभागी शामिल हुए। ये स्पर्धाएं 8 जनवरी से 10 जनवरी 2023 तक चली। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत 06 अक्टूबर को हुई थी।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में राज्य स्तरीय स्पर्धा में सबसे छोटी 06 वर्ष की बालिका ने फुगड़ी में और 79 वर्षीय बुजुर्ग महिला सुकारो दाई ने गेंड़ी दौड़ में हिस्सा लिया।
बालोद जिला के भैंसबोड़ गांव के माई लोगिन मन खो-खो म पाइस पूरा छत्तीसगढ़ म दूसरा स्थान।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के माध्यम ले गांव के माई लोगिन पहुंचिस राजधानी,दिखाइस अपन खेल के करामात।
कहिस -अपन कका के सेती निकले हन बाहिर।#CGModel #Chhattisgarh #छत्तीसगढ़िया_ओलंपिक@BalodDistrict pic.twitter.com/NhX013unzv
— Chhattisgariha Mukhyamantri – Bhupesh Baghel (@CGMukhyamantri) January 10, 2023
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही।
उन्होंने बताया कि बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बाटी और कबड्डी, छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम में संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठुल, गेंडी दौड़, माधव राव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खो-खो और गिल्ली डंडा और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ खेलों की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई।
14 पारंपरिक खेल की हुई स्पर्धाएं
यह निश्चित ही आज की सबसे मनमोहक तस्वीर है।#छत्तीसगढ़िया_ओलंपिक के प्रति जुनून व खेलने का जज़्बा कितना गहरा है, यह इस तस्वीर के माध्यम से देखा जा सकता है।
– पारंपरिक खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों के उत्साह को देख ड्यूटी पर तैनात यह बहन भी अपने आपको खेलने से नहीं रोक पाई। pic.twitter.com/z9N9bDTfGV
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) January 10, 2023
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया। घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया है।
इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव नीलम नामदेव एक्का और संचालक श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, नागरिक, वरिष्ठ अधिकारी और खिलाड़ी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।