कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने एग्री कार्निवाल
के पोस्टर एवं ब्रोशर का विमोचन किया
रायपुर। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने शनिवार 24 सितंबर को अपने निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर Indira Gandhi Agricultural University Raipur द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग तथा अन्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से अगले माह में 14 से 18 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किये जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्निवाल 2022’’ के पोस्टर एवं ब्रोशर का विमोचन किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कृषि के विकास एवं किसानों की बेहतरी के कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी विकास तथा किसानों की समृद्धि के लिए राज्य सरकार के साथ कदम मिलाकर कार्य कर रहा है एवं कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कृषि मंत्री को बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस, नाबार्ड, कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इन्टरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), एनएबीएल तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से 14 से 18 अक्टूबर तक अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्निवाल 2022’’ का आयोजन होगा है। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के निदेशकों, कृषि वैज्ञानिकों , विभिन्न कृषि उत्पाद निर्माता कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों, स्टार्टअप्स उद्यमियों एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक शामिल होंगे।
इस अवसर पर एक वृहद अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मेला सह -प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। एग्री कार्निवाल के दौरान प्रत्येक दिन कृषकों, छात्रों एवं आम नागरिकों के लिए विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र में उगाई जा रही फसलों एवं कृषि प्रदर्शनी का भ्रमण आयोजित किया जाएगा।
इस पांच दिवसीय कृषि मड़ई के दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे,जिनमें कृषि उपज निर्यात बढ़ाने हेतु क्रेता-विक्रता सम्मेलन, नवाचार स्टार्टअप्स एवं उद्यमिता पर कार्यशाला, लघु वनोपज के प्रसंस्करण एवं निर्यात पर संगोष्ठी, जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों के पंजीयन हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला, परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यताओं हेतु एनएबीएल द्वारा प्रशिक्षण, फसल प्रजनन आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण आदि प्रमुख हैं।
कृषि मड़ई में फसलों की नई किस्में, अधिक आय देने वाली वैकल्पिक फसलें, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक एवं जैविक कृषि, जैव उर्वरक एवं जैव कीटनाशक, पशु पालन, मछली पालन एवं चारा उत्पादन, समन्वित फसल पोषक तत्व तथा कीट एवं बीमारी प्रबंधन, मृदा उर्वरता एवं मृदा स्वास्थ्य, वर्षा जल प्रबंधन एवं भू-जल संवर्धन, संरक्षित खेती, उन्नतशील कृषि यंत्र प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आदि के संबंध में विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाएगी।
इस दौरान कृषि आधारित स्टार्टअप्स के सफल उद्यमियों द्वारा नवीन स्टार्टअप्स स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में लगभग 20 हजार किसानों के शामिल होने की संभावना है। इस अवसर पर विधायक विनय भगत, धर्मजीत सिंह एवं ममता चन्द्राकर तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल उपस्थित थे।