राजस्व सर्वे के बाद अबूझमाड़ के 720 किसानों ने बेचा
धान, किसानों को 4 करोड़ 22 लाख रुपये का भुगतान
नारायणपुर। देश-दुनिया से अनभिज्ञ रह रहे अबूझमाड़वासी अब राज्य शासन की योजनाओं का लाभ उठाने लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अबूझमाड़ क्षेत्र में राजस्व सर्वे का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
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इस सर्वे से अबुझमाड़ अंचल के किसानों और ग्रामीणों को नई-नई योजनाओं का लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। अबूझमाड़िया किसान न केवल अपना धान समर्थन मूल्य पर बेच रहे हैं। बल्कि उन्हें राशन, बिजली, पेयजल, पेंशन सहित सभी मुलभूत सुविधाएं बेहतर ढंग से मिल रही हैं।
मसाहती सर्वे नहीं होने से थी समस्या, अब हुआ निराकरण
अबूझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्वे, अबूझमाड़िया किसानों को मिल रहा जमीन का मालिकाना हक।
समर्थन मूल्य पर लगभग 2200 किसान पहली बार बेचेंगे धान।
अबूझमाड़िया किसानों के जीवन में भरे खुशियों के रंग, 7 हजार 7 सौ से अधिक किसानों को मिला मसाहती खसरा।
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— Narayanpur (@NarayanpurDist) December 10, 2022
अबुझमाड़िया किसानों ने पहली बार समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा, इससे खेती-किसानी में उनकी रूचि बढ़ी है। इस चालू सीजन में 720 अबुझमाड़िया किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने पर उन्हें 4 करोड़ 22 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। Farmers of Abujhmad got freedom from middlemen, for the first time paddy was sold at support price, after revenue survey 720 farmers of Abujhmad sold paddy, payment of Rs 4 crore 22 lakh to farmers
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मसाहती सर्वे नहीं होने के कारण पहले किसानों को औने-पौने दाम पर धान बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता था। अब उन्हें इस दिक्कत से निजात मिल गई है। शासकीय योजनाओं का लाभ उन्हें बेहतर ढंग से मिल रहा है। गौरतलब है कि अबूझमाड़ के करीब 2500 किसान राजस्व सर्वे उपरान्त मसाहती खसरा मिलने के बाद धान बेचने हेतु पंजीयन कराया।
नारायणपुर में 110 गांवों का मसाहती सर्वे पूर्ण
27 अगस्त 2019 को मंत्री परिषद के निर्णय के पालन में छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग द्वारा नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वे के लिए 246 ग्रामों को अधिसूचित किया गया। इन गांवों में सम्पूर्ण ओरछा विकासखण्ड के 237 ग्राम तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम शामिल थे।
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अब तक नारायणपुर जिले के 110 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है। इसमें नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम और ओरछा विकासखण्ड के 101 ग्राम शामिल है। अब तक 7 हजार 700 से अधिक किसानों को मसाहती खसरा का वितरण किया जा चुका है।
किसानों को मिला मालिकाना हक
अबुझमाड़ अंचल में बहुत से किसान वर्षों से वन क्षेत्रों के भीतर काबिज भूमि पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमि का सर्वें नहीं होने के कारण उनके पास भूमि संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं थे। जिसके कारण वे शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे और न ही उन्हें खेती-किसानी के लिए बैंकों से ऋण मिल पाता था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे किसानों की तकलीफ को समझते हुए नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ अंचल में सर्वे का काम शुरू कराया और किसानों को मसाहती पट्टे प्रदान किया गया। इससे वर्षों से काबिज भूमि पर खेती-किसानी करने वाले किसानों को उस भूमि का मालिकाना हक मिला। भूमि का मालिकाना हक मिलने से अबूझमाड़ के अनेक किसानों के जीवन खुशियों से भर गया।
अबुझमाड़िया किसानों को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
अबूझमाड़ के किसान मसाहती सर्वे होने के बाद पहली बार समर्थन मूल्य में धान बेच रहे।
अबूझमाड़ के किसानों को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए रानू राम ने मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel का आभार व्यक्त किया।#CGModel #CGKeKhushhaal4Saal #CGSwabhimaanKe4Saal #NYAYKe4Saal #4Bachhar pic.twitter.com/ID0pdYZEFN
— Narayanpur (@NarayanpurDist) December 29, 2022
सर्वे उपरांत किसानों को शासकीय योजनाओं के साथ-साथ अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। अबूझमाड़ 35 किसानों को 112 लाख रूपए के सोलर ड्यूल पंप दिए गए हैं, इससे 87 एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई हो रहा है।
अबूझमाड़ क्षेत्र में आने वाले गाँव बासिंग में नवीन धान खरीदी केंद्र खुलने से बहुत खुश हैं। बासिंग के समीपवर्ती गाँव किहकाड़ के किसान श्री बालाराम ने स्थानीय बोली में गाना गाकर अपनी खुशी व्यक्त की,पूरे उत्साह के साथ माननीय मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel के प्रति आभार व्यक्त किया। pic.twitter.com/DMMfKXwqHP
— Amarjeet Bhagat (@amarjeetcg) December 22, 2021
साथ ही 493 प्रकरणों में केसीसी ऋण के माध्यम से 128 लाख रूपए और 1700 उद्यानिकी टूल कीट, बीज मिनी कीट भी वितरित किए गए हैं। इसी तरह 2731 हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र, 1573 को निवास प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। मनरेगा के तहत मसाहती 249 किसानों के भूमि का समतलीकरण भी किया गया है।