कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने प्रशिक्षुओं को सीधे तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए डीबीटी योजना की शुरुआत की
नई दिल्ली। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) Ministry of Skill Development & Entrepreneurship (MSDE) ने 2 जुलाई शनिवार को घोषणा की है कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) Direct Benefit Transfer (DBT) कार्यक्रम का एक हिस्सा होगी, जो सभी प्रशिक्षुओं को सीधे तौर पर सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
इससे पहले कंपनियां प्रशिक्षुओं को पूरी राशि का भुगतान करती थीं और फिर सरकार से उसके लिए प्रतिपूर्ति की मांग करती थीं। सरकार डीबीटी योजना के शुभारंभ के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में अपना योगदान सीधे स्थानांतरित कर देगी, जो छात्रवृत्ति का 25% यानी कि प्रति माह 1500 रुपये तक देय होगा।
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान Union Minister for Skill Development and Entrepreneurship and Education Dharmendra Pradhan ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्किल इंडिया के तहत प्रशिक्षुता को काफी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं के पहले समूह के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी की आर्थिक सहायता उनके खातों में पहुंच चुकी है। इससे न केवल प्रशिक्षण कार्यक्रम को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह कदम हमें स्किल इंडिया की क्षमता को शीघ्र साकार करने के और करीब भी ले जाता है।
भारत के युवाओं को कौशल युक्त, पुन: कौशल से पूर्ण और अधिकतम कौशल युक्त बनाने, प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन बढ़ाने तथा राष्ट्रीय अभियानों में उनका सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एक सहभागी आंदोलन में बदलना अनिवार्य है। यह न केवल उम्मीदवारों के समक्ष वास्तविक समय के औद्योगिक वातावरण को उजागर करता है बल्कि उन्हें प्रशिक्षण के दौरान भी अर्थव्यवस्था में योगदान करने का अवसर देता है।
इससे सरकार, व्यवसायों और शैक्षिक प्रणालियों के सहयोग से स्थायी कौशल विकास रणनीति बनाकर स्किल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा मिलता है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का उद्देश्य कौशल विकास के इस तरह के स्थायी मॉडल के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता को और बढ़ावा देना तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करना है।
देश में प्रशिक्षुता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 19 अगस्त, 2016 को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) National Apprenticeship Promotion Scheme (NAPS) शुरू की गई थी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रेरित करना और गहन कौशल विकास के माध्यम से उनकी क्षमताओं को अधिकतम करते हुए सही नौकरी की भूमिका खोजने में सहायता करना है। आज तक, 12 लाख से अधिक प्रशिक्षु विभिन्न उद्योगों से जुड़ चुके हैं।
भारत एक कुशल कार्यबल के निर्माण के उद्देश्य से विभिन्न प्रशिक्षुता सुधारों की शुरुआत के साथ ‘विश्व की कौशल राजधानी’ बनने का सपना पूरा होने की राह पर है। यह कल्पना की गई है कि आने वाले वर्षों में इन योजनाओं को और बढ़ाया जाएगा तथा सभी अनुबंध डीबीटी DBT अनुबंध होंगे।