अरहर के भंडार का अनिवार्य रूप से खुलासा करने और भंडार
का डेटा ऑनलाइन निगरानी पोर्टल पर अपलोड करने निर्देश
नई दिल्ली। केंद्र के उपभोक्ता कार्य विभाग ने 12 अगस्त को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 Essential Commodities Act 1955 की धारा 3(2)(एच) और 3(2)(आई) और स्टॉक की निगरानी और सत्यापन करने के लिए भी अरहर दाल का भंडारण Storage of Arhar Dal करने वालों के लिए अपने सभी भंडार का खुलासा करने की प्रक्रिया लागू करने का निर्देश जारी किया है।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे भंडार करने वाली संस्थाओं को अपने पास रखे भंडार का डेटा साप्ताहिक आधार पर उपभोक्ता कार्य विभाग के ऑनलाइन निगरानी पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दें। इसके साथ ही केंद्र सरकार दालों की कुल उपलब्धता और मूल्यों पर बारीकी से नजर रखे हुए है।
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केंद्र सरकार के मुताबिक ऐसी खबरें आ रही हैं कि भंडारण करने वालों और व्यापारियों के कुछ वर्ग कीमतों में वृद्धि करने के लिए बनावटी कमी की स्थिति पैदा करने के प्रयास में प्रतिबंधित बिक्री का सहारा ले रहे हैं।
प्रमुख अरहर उत्पादक राज्यों, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिक वर्षा और जल भराव की स्थिति के कारण पिछले वर्ष की तुलना में खरीफ बुवाई में धीमी प्रगति के बाद जुलाई, 2022 के दूसरे सप्ताह से अरहर की खुदरा कीमत में वृद्धि हो रही है।
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ऊंची मांग वाले आगामी त्योहारों के महीनों में अनुचित मूल्य वृद्धि की स्थिति में आवश्यक निवारक उपाय करने के लिए केंद्र घरेलू और विदेशी बाजारों में दालों की समग्र उपलब्धता और कीमतों पर बारीकी से नजर रख रहा है।
घरेलू बाजार में दालों की पर्याप्त उपलब्धता के लिए सरकार के पास वर्तमान में लगभग 38 लाख टन दालें हैं जो बाजार में उपलब्ध भंडार को और बढ़ाने के लिए बाजार में जारी की जा रही हैं।