नक्सल क्षेत्र में भी लग रहे कैमरे
रायपुर। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में दोबारा से बाघों की गणना का काम शुरू हो चुका है। इस बार वन विभाग राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के हर एक प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है, ताकि बेहतर नतीजे दे सकें। Tiger count resumes in Udanti-Sitanadi Tiger Reserve
टाइगर रिजर्व के डीएफओ वरूण जैन ने कहा कि टाइगर रिजर्व का कुछ क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, वहां पर कैमरे नहीं लग पाए थे, मगर इस बार कोशिश होगी कि नक्सल-प्रभावित क्षेत्र में पूरे 25 दिनों तक कैमरे लगे रहें।
पूरा एरिया कवर हो। यह सच है कि कैमरों की कमी है, इसलिए अचानकमार टाइगर रिजर्व से कैमरे लेकर नए सिरे से ट्रैपिंग का काम शुरू किया है। 100 नए कैमरों की खरीदी के लिए मांग-पत्र भेजा गया है।
जहां तक पुरानी रिपोर्ट में तस्वीरों के धुंधले होने का सवाल है तो ऐसा नहीं है, तस्वीरें साफ थीं। हर 4 साल में होने वाली अखिल भारतीय बाघ गणना के लिए स्टाफ को प्रॉपर ट्रेनिंग दिलवाई गई है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए।
2023 में प्रोजेक्ट टाइगर हो रहा है पूरा, तब जारी होगी रिपोर्ट
एनटीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू हुआ था, 2023 में इस प्रोजेक्ट को 50 साल पूरे होने जा रहे हैं।
अब संभव है कि बाघों की गणना की रिपोर्ट जुलाई 2023 में जारी हो। इसके साथ ही एनटीसीए बाघों के संरक्षण का प्रबंधन कितना इफेक्टिव है, इसे लेकर भी सर्वे हो रहा है। टीम छत्तीसगढ़ के दौरे पर है, यह रिपोर्ट भी साल 2023 में जारी होगी।