शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों/केंद्र शासित
प्रदेशों के प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक पर रिपोर्ट जारी की
नई दिल्ली। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने 3 नवंबर 2020-21 के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (पीजीआई) जारी कर दिया है। यह राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण का एक विशिष्ट सूचकांक है।
भारतीय शिक्षा प्रणाली लगभग 14.9 लाख स्कूलों, 95 लाख शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26.5 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में एक है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की सफलता के सम्बन्ध में प्रदर्शन और उपलब्धियों पर अंतर्दृष्टि और डेटा संचालित व्यवस्था प्रदान करने हेतु सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई तैयार किया।
चंडीगढ़, पंजाब, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश ने विभिन्न मानकों को पूरा करके बेहतर प्रदर्शन के चलते पहली बार लेवल-दो हासिल किया है।
जम्मू-कश्मीर से अलग होने वाले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने एक साल में ही स्कूली शिक्षा में देशभर में सबसे अधिक सुधार किया है। एक साल पहले तक प्रदेशों की प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक रिपोर्ट (परफार्मेंस ग्रेडिंग रिपोर्ट) में सबसे निचले स्तर ( 10 वां लेवल) पर रहने वाले लद्दाख को 2020-21 में बेस्ट परफारमेंस का दर्जा मिला है।
चंडीगढ़, पंजाब, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश ने विभिन्न मानकों को पूरा करके बेहतर प्रदर्शन के चलते पहली बार लेवल-दो हासिल किया है। खास बात यह है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में लगभग 14.9 लाख स्कूल, 95 लाख शिक्षक और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26.5 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली बन गई है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने बृहस्पतिवार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का वर्ष 2020-21 का प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (पीजीआई) जारी किया है। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण का एक विशिष्ट सूचकांक है।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की सफलता के संबंध में प्रदर्शन, उपलब्धियों और डेटा के आधार पर यह पीजीआई तैयार किया गया है। पीजीआई का मुख्य उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को रेखांकित करना है। इससे पहले स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए पीजीआई रिपोर्ट जारी की है।
#UDISE+: In 2021-22, the total number of students in school education from primary to higher secondary has increased by 19.36 lakhs compared to 2020-21. In 2021-22, enrolment in higher secondary has improved by 6.1% (16.56 lakh) which is one of the highest in recent years. pic.twitter.com/Ncub5LAhJ2
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) November 4, 2022
पीजीआई रिपोर्ट बनाने के लिए 70 संकेतकों में 1000 अंक शामिल किए गए हैं, जिन्हें 2 श्रेणियों में बांटा गया है, यह परिणाम और शासन प्रबंधन (जीएम) है। इन श्रेणियों को आगे 5 उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें सीखने के परिणाम (एलओ), पहुंच (ए), अवसंरचना और सुविधाएं (आईएफ), समानता (ई) और शासन प्रक्रिया (जीपी)। इस रिपोर्ट में राज्यों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, उच्चतम श्रेणी स्तर 1 है, जो कुल 1000 अंकों में से 950 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए है। जबकि निम्नतम श्रेणी स्तर 10 है, जो 551 से कम अंक के लिए है। अब रिपोर्ट के आधार पर स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग की मदद की जाएगी।
कुल सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बेहतर प्रदर्शन के चलते लेवल-2 का दर्जा मिला है। इसमें केरल, पंजाब,चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश हैं। इन राज्यों ने वर्ष 2020-21 में लेवन -2 (स्कोर 901-950 के बीच) हासिल किया है।
जबकि वर्ष 2017-18 में इस स्तर में अभी तक किसी भी राज्य या यूटी इसमें शामिल नहीं हो पाया था। वर्ष 2019-20 में इस लेवल में एक भी राज्य नहीं था। अच्छी बात यह है कि निचले तीन लेवल के पायदान पर कोई भी राज्य नहीं है जबकि वर्ष 2019-20 में दो राज्यों इस सूची में थे। इस प्रकार गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश अब तक किसी भी राज्य द्वारा प्राप्त उच्चतम स्तर को हासिल करने वाले नए राज्य बन गए हैं।
पिछले सालों तक स्कूली शिक्षा में सबसे खराब प्रदर्शन वाले संघ शासित प्रदेश लद्दाख अब दूसरे राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के लिए एक मिसाल बन गया है लद्दाख ने वर्ष 2020-21 में पीजीआई रिपोर्ट में लेवल 8 से सीधे लेवल चौथा लेवल हासिल किया है। इस कारण बेस्ट परफार्मेंस का दर्जा भी मिला है।
लद्दाख ने वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में अपने अंकों में 299 अंकों का सुधार किया है, जो एक वर्ष में अब तक का सबसे अधिक या बड़ा सुधार है।
2020-21 के लिए पीजीआई रिपोर्ट https://pgi.udiseplus.gov.in/#/home पर देखी जा सकती है
Yet another step towards the implementation of #NEP2020!
Today, Hon'ble Education Minister Shri @dpradhanbjp launched the portal for the selection of #PMSHRI schools.
To know more about the process, click here: https://t.co/4858hNiIdg pic.twitter.com/zHjR76Ckvl
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) November 3, 2022