उत्तर बस्तर कांकेर जिला प्रशासन को मिली
शिकायत के बाद हरकत में आया अमला
कांकेर। उत्तर बस्तर कांकेर जिला प्रशासन की पहल पर कर्नाटक में बंधक बनाए गए छत्तीसगढ़िया मजदूरों को छुड़वा कर सकुशल लाया गया है। इन सभी को निर्धारित राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार से करवाया गया है।
जिला प्रशासन के मुताबिक आमाबेड़ा तहसील के ग्राम चिखड़ी निवासी शिवलाल पाण्डे़ द्वारा 17 वर्षीय पुत्र टीकम पांडे एवं विरेन्द्र यादव को बैंगलोर ले जाकर बंधक बनाए जाने की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग में की गई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देशानुसार छः सदस्य टीम का गठित कर 26 जुलाई को बच्चों को लाने के लिए बैंगलोर भेजा गया।
संयुक्त टीम में बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया, संरक्षण अधिकारी त्रिसंध्या साजू, श्रम निरीक्षक निम्मी साहू, आमाबेड़ा थाना के सहायक उप निरीक्षक कैलाश पाण्ड़ेय, प्रेमलाल मरकाम और अजाक थाना के शारदा यादव के टीम द्वारा रेस्क्यू करते हुए सरजापुर पुलिस की मदद से टमाटर सब्जी कंपनी मठनहली में बच्चो का चिन्हांकित कर 14 मजदूरों को बैंगलोर से वापस कांकेर लाया गया। जिसमें कांकेर जिले के 07, कोण्डगांव के 05, नारायणपुर और बालोद जिले के एक-एक मजदूर शामिल है।
रेस्क्यू टीम द्वारा फार्मर रमेश नायडू से बच्चो को प्रतिदिन मजदूरी के हिसाब से भुगतान करवाया गया, यह राशि को कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा मजदूर सभी 14 बच्चो को 02 लाख 28 हजार 940 रूपये का राशि प्रदाय किया गया।
जिसमे बिरेन्द्र यादव को 09 हजार 200, निरबत्ती को 14 हजार 700, दयारो को 14 हजार 700, आभा कुमेटी को 14 हजार 700, ललिता को 61 हजार 500, रमेश को 14 हजार, रिता सलाम को 07 हजार 300, बिनेश जैन को 11 हजार 500, टिकम को 17 हजार 200, छबिलाल को 14 हजार 500, सुकदेव को 17 हजार, राजू को 01 हजार, विक्की को 07 हजार 640 और सुरज कुमार को 24 हजार रूपये की राशि प्रदाय किया गया।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस.पी वैद्य, डीएसपी डॉ. अनुराग झा, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा और श्रम विभाग के सहायक संचालक पंकज बिजपुरिया सहित बच्चो के परिजन उपस्थित थे।