कृषि मंत्री तोमर ने दी किसानों के
कल्याणार्थ योजनाओं की जानकारी
नई दिल्ली। किसान ड्रोन पर सब्सिडी देश में किसानों की आय बढ़ाने एवं कृषि की लागत को कम करने के लिए केंद्र सरकार नई मशीनों, उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराती है। अब इन यंत्रों में सरकार ने किसान ड्रोन को भी शामिल कर लिया है। किसान ड्रोन की मदद से किसान आसानी से अपने खेतों में कीटनाशकों एवं खाद का छिड़काव कम समय एवं कम लागत में कर सकते हैं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग की पहल की है।
फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों व पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को सरकार बढ़ावा दे रही है, जिसका बजट में भी प्रावधान किया गया है।
देश के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के एजेंडा में है। कृषि मंत्री ने कहा कि 25 मार्च तक किसानों को ब्याज सहित फसल बीमा क्लेम का भुगतान करें कंपनियां किसानों को ड्रोन खरीद पर दिया जाने वाला अनुदान सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने व आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की गई है। व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है।
जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति-जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रु. की सहायता राशि दी जाएगी।
विभिन्न संस्थानों को भी ड्रोन खरीदने के लिए दिया जाएगा अनुदान इस प्रौद्योगिकी को किसानों व अन्य हितधारकों के लिए किफायती बनाने हेतु, खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ-साथ, फार्म मशीनरी प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद हेतु लागत के 100% की दर से सहायता प्रदान की जाएगी।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75% तक अनुदान दिया जाएगा। अब किसानों को 15 जुलाई तक दिया जायेगा। खरीफ फसलों के लिए ऋण कस्टम हायरिंग केंद्रों को भी ड्रोन खरीद पर दिया जाएगा अनुदान।
ड्रोन से कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए किसान सहकारी समिति व ग्रामीण उद्यमियों के तहत मौजूदा व नए कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) द्वारा ड्रोन खरीद के लिए ड्रोन व इसके संबंधित पुर्जों की मूल लागत के 40% की दर से या 4 लाख रु. तक, जो भी कम हो, वित्तीय सहायता राशि दी जाएगी।
सीएचसी स्थापना करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन लागत के 50% की दर से अधिकतम 5 लाख रु. तक वित्तीय सहायता के पात्र हैं।