मुख्यमंत्री बघेल की वनांचल में शिक्षा, स्वास्थ और खेल सुविधाओं के विकास के लिए की कई घोषणाएं,महुआ की दर कम से कम 30 रुपये सुनिश्चित करने के निर्देश
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार 19 मई को बीजापुर विधानसभा के कुटरू में नागरिकों से भेंट-मुलाकात के लिए पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने आदिवासी परंपरा के प्रतीक स्वरूप मुख्यमंत्री को मुंगरू पागा बांधकर और कटोक लगाकर सम्मानित किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए आम जनता को कई महत्वपूर्ण सौगात दी। आम लोगों से बात-चीत के दौरान आई मांग पर भी मुख्यमंत्री बघेल ने त्वरित निर्णय लेते हुए कई घोषणाएं की।
इनमें वनांचल में शिक्षा, स्वास्थ, खेल और धान खरीदी केन्द्र जैसी नागरिकों की मूलभूत जरूरतों से संबंधित स्वीकृति शामिल है। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने वनाधिकार पट्टा मिलने, जाति प्रमाण पत्र समय पर मिलने और योजनाओं का लाभ मिलने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।
भूपेश ने पूछा तो किसान बोले- हमारा 20
हजार से 2 लाख तक का कर्ज हुआ माफ
स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा मैं कुटरू में पहली बार आया हूँ। हमने ऋण माफी की। आपको भी ऋण माफी का लाभ हुआ होगा। किसानों ने बताया कि उनका 20 हजार से 2 लाख तक कर्जा माफ हुआ है।
मुख्यमंत्री बघेल के कहते ही कि परसों फिर आपके खाते में राजीव गांधी न्याय योजना का पैसा आएगा, तालियां जोर-जोर से बजने लगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास जमीन नहीं है, उन्हें भी 7 हजार दिया जा रहा है।
हमारी सरकार बैगा गुनिया, गायता, पेरमा, मांझी को भी 7 हजार दे रही है। इस पर स्थानीय लोगों ने खुशी से ताली बजाकर आभार जताया। उन्होंने तेंदू पत्ता की संग्रहण राशि के बारे में जानकारी ली और पूछा किस किसान ने ट्रैक्टर लिया है, तभी किसान मंगलूराम ने बताया कि मैंने आपकी सरकार बनते ही ट्रैक्टर ले लिया था।
मुख्यमंत्री बोले- पहले किश्त न चुका पाने के कारण किसानों का ट्रैक्टर खींचा जाता था, लेकिन अब पहली बार हो रहा है कि किसानों का ट्रैक्टर नहीं खींचा जा रहा है, क्योंकि पर्याप्त राशि मिल रही है।
ग्रामीणों ने कहा-हमारे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे, भूपेश ने तुरंत
आत्मानंद स्कूल और सरकारी कॉलेज खोलने घोषणा कर दी
मुख्यमंत्री बघेल से भेंट-मुलाकात में स्थानीय ग्रामीण सत्यसागर हरिकेला ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुटरू क्षेत्र में एक भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल नहीं है। राज्य सरकार के स्वामी आत्मानंद स्कूल की गूंज पूरे देश में है। कुटरू क्षेत्र में आदिवासी लोग अधिक हैं, जो प्रायवेट अंग्रेजी स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा सकते।
बीजापुर और बरेली में अंग्रेजी माध्यम स्कूल हैं, लेकिन वह काफी दूर है। यह कहतेे हुए सत्यसागर ने मुख्यमंत्री से क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निवेदन किया, जिसका सभी ग्रामीणों ने समर्थन किया।
लोगों की मांग पर तुरंत निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कुटरू में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की। हाईस्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए बीजापुर और दूसरे स्थानों पर जाने की छा़त्र-छात्राओं की परेशानी दूर करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कुटरू में शासकीय महाविद्यालय खोलने की भी मंजूरी प्रदान की।
खेल मैदान सहित कई मांगें, तुरंत मंजूरी दी भूपेश ने
कॉलेज छात्र और राजीव गांधी युवा मितान क्लब के सदस्य मंगलूराम कुड़ियाम की मांग पर मुख्यमंत्री ने तुरंत कुटरू में ग्राम पंचायत अड्डावली में खेल मैदान निर्माण की घोषणा की।
इसके साथ ही कुटरू में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मिनी स्टेडियम और सरकारी बैंक खोलने की भी स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही कुटरू में हाईस्कूल के नए भवन की मंजूरी भी दी।
उन्होेंने बेदरे़े, फरसेगढ़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फरसेगढ़ में नवीन धान खरीदी केंद्र खोलने के साथ जैवारम प्राथमिक स्कूल के मिडिल स्कूल में उन्नयन की भी स्वीकृति दी।
नक्सलियों ने पति को मारा लेकिन रीता की हिम्मत
को नहीं मार पाए, मुख्यमंत्री ने दी आर्थिक सहायता
कुटरू गांव से कुछ महीने पहले एक बुरी खबर आई थी। जब अड्डावली गांव में रहने वाले घनश्याम मंडावी को नक्सलियों ने मार डाला। घनश्याम अड्डावली यहां की सरपंच रीता मंडावी के पति थे।
गांव में कुछ नया करने और आदिवासी समाज में छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने का जिम्मा उठाकर लोगों को जागरूक करने वाले घनश्याम मंडावी नक्सलियों की नजर में खटक रहे थे। गांव वाले समाज की मुख्यधारा से कटे रहें। इसके लिए नक्सलियों ने घनश्याम मंडावी की हत्या कर दी।
नक्सलियों को लगा कि ऐसा करके वो गांव, समाज और घनश्याम के परिवार की हिम्मत को तोड़ देंगे, लेकिन उन्हें ये पता नहीं था कि मॉं, पत्नी और सरपंच तीनों की भूमिका निभा रही रीता मंडावी के हौसले उनकी धमकियों से कहीं ज्यादा मजबूत हैं।
पति की मौत के बाद भी डरने की बजाए रीता ज्यादा मजबूती से खड़ी हुईं। रीता अपने 4 साल के बेटे और 2 साल की बेटी के साथ अपना काम करती रहीं जो वो अपने स्वर्गीय पति के साथ करती थीं। लोगों को जागरूक करना और शासन की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाना उन्होंने नहीं छोड़ा।
विशेष संरक्षित जनजाति मुरिया की सदस्य रीता मंडावी, सरपंच के रूप में मिलने वाले मानदेय को भी गांव के लोगों के लिए खर्च कर देती हैं। पति के निधन के बाद रीता को बस एक ही बात की चिंता थी कि उसके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी, लेकिन अब रीता की ये चिंता भी दूर हो गई है जिससे वो पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुटरू क्षेत्र के अपने प्रवास के दौरान नक्सली हिंसा की पीड़ित रीता मंडावी को 5 लाख रूपए कि आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी का कहना है कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेंगी और अपने जीवन को पहले की तरह ही समाज सेवा और लोगों को जागरूक करने में समर्पित करेंगी।
समर्थन मूल्य और कर्ज माफी पर भूपेश ने पूछा
तो सभी ग्रामीणों हाथ उठा कर जताई सहमति
इस दौरान किसानों ने बताया कि वनाधिकार पट्टों के वितरण के क्षेत्र में बड़ा काम कुटरू में हुआ है। इससे यहां के लोग काफी खुश हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि समर्थन मूल्य में धान कितने लोग बेच रहे हैं और कितने लोगों की कर्ज माफी हुई है। सभी किसानों ने हाथ उठाया।
गोधन न्याय योजना के एक हितग्राही ने खुश होकर बताया कि उन्होंने 70 हजार रुपए का गोबर बेचकर घर बनवाया है। मुख्यमंत्री ने लघु वनोपज के संग्रहण और महुआ इमली आदि की खरीदी के संबंध में भी जानकारी ली। संग्राहकों ने बताया कि अभी महुआ 25 रुपये में बेच रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले तो महुआ का 40 रुपये मे बिक रहा था। संग्राहकों ने बताया कि अभी सीजन की वजह से रेट कम हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि कम से कम 30 रुपये महुआ का रेट सुनिश्चित करें।
किसान मंटूराम ने बताया रात भर पत्नी संग करते हैं
गोबर की निगरानी, 28 हजार रूपए की हुई आमदनी
गोबर की चौकीदारी। जी हां, सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप गोबर की चौकीदारी करते हैं,और ये बात मंटूराम ने स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतायी। मौका था बीजापुर जिले के कुटरू में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम का।
मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि मैं रात में टॉर्च लगा कर गोबर की चौकीदारी करता हूं,और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं। उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं। मंटूराम ने बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रु में बेचा है।
बकौल मंटूराम पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है। कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे। इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे।
पत्नी के साथ शिफ्ट में चौकीदारी
मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं। उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं। वे कहते हैं कि रातभर जागना संभव नहीं है। इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं। रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं।
आखिर क्यों पड़ी चौकीदारी की जरूरत-मंटूराम बताते हैं कि रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि गोबर कोई ले तो नहीं गया। वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है, तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है । एक दिन इकठ्टा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए। इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा।
गोधन न्याय योजना से मिले रुपयों से मरम्मत कराई मकान की
मंटुराम कश्यप ने बताया कि उनके पास 15 गाय-भैंसे हैं। अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं। उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था।
जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे । गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है। मकान में प्लास्टर भी करा लिया है। अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गयी है।
‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’ सुनाया तो मुख्यमंत्री ने दी चॉकलेट
भेंट-मुलाकात के दौरान बालक युवान हेमला ने अपनी सुरीली आवाज में मुख्यमंत्री को फिल्म ‘केसरी‘ का गाना ‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’ सुनाया। मुख्यमंत्री ने खुश होकर बच्ची को पास बुलाया और चॉकलेट दी।
हाट-बाजार की जानकारी ली, स्वसहायता समूह से की बात
मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीण से हाट-बाजार क्लिनिक योजना के सुचारू संचालन के बारे में जानकारी लेने पर ग्रामीण ने बताया कि हाट-बाजार में इलाज के लिए गाड़ी आती है।
जिसमें दवा और इलाज दोनों ही मुफ्त हो रहा है। इस मौके पर स्व सहायता समूह से जुड़ी ऐसी महिलाएं भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करने आई जिनकी जिंदगी में सुखद बदलाव ग्रामीण विकास की योजनाओं एवं आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने से आए हैं।
इन महिलाओं ने बताया कि स्व सहायता समूह से जुड़कर वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुई हैं। वे अपने परिवार को भी आर्थिक रूप से सहयोग दे पा रही हैं। गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन से आर्थिक आय के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं।
इसके साथ ही बिहान योजना का जो दायरा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा है उसकी वजह से महिलाओं की आर्थिक आय बढ़ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्व सहायता समूह की महिलाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों के विस्तार और बिहान के माध्यम से स्व सहायता समूह को मजबूत करने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। स्व सहायता समूह ग्रामीण विकास की मजबूत कड़ी के रूप में कार्य कर रही है और गौठान आजीविकामूलक केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं।