बाल दिवस पर कार्यक्रम में ‘सुग्घर पढ़वैया’
योजना का शुभारंभ किया मुख्यमंत्री ने
रायपुर। बच्चे ही सही मायने में भावी राष्ट्र निर्माता हैं। उनका लालन पालन, शिक्षा दीक्षा बड़े ही ध्यान पूर्वक करना चाहिये । बचपन में जो सीखते हैं वो जीवनभर काम आता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साइंस कॉलेज परिसर स्थित ऑडिटोरियम में बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।
उन्होंने बच्चों से कहा कि खेल और पढ़ाई दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। आप लोग खूब पढ़िये, खूब खेलिये और समय का सदुपयोग करिये । कार्यक्रम की खासबात रही कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पूरे कार्यक्रम का संचालन स्कूली बच्चों द्वारा ही किया गया।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 नवंबर सोमवार को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में स्कूली बच्चों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने बाल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। मुख्यमंत्री बघेल ने ‘सुग्घर पढ़वैया’ और ‘लइका मन के गोठ’ पुस्तकों का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति गीत, छत्तीसगढ़ी नृत्य एवं गीत तथा कराटे का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चार प्रतिभाशाली बच्चों राकेश कुमार, संजना बांधे, दीपिका ठाकुर तथा विद्या राजपूत को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है तथा उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। भविष्य में इसके और बेहतर परिणाम आएंगे।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव द्वारकाधीश यादव एवं विकास उपाध्याय, प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र कुमार दुग्गा, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं राज्य के विभिन्न जिलों से छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सराहा-कार्यक्रम में कांकेर जिले के भानवेड़ा की कक्षा 11वीं की दिव्यांग छात्रा भावना साहू द्वारा पैरों से बनायी ड्राईंग को मुख्यमंत्री बघेल ने भी सराहा। भावना ने जल ही जीवन की थीम पर पानी के सदुपयोग का संदेश दिया।
स्कूली बच्चों ने लगायी प्रदर्शनी-बाल दिवस के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑडिटोरियम में प्रदर्शनी भी लगायी। प्रदर्शनी में बालवाड़ी के माध्यम से बच्चों को सिखाना, बहुमुखी प्रतिभाशाली बच्चों का प्रस्तुतीकरण, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा शामिल हैं।
इसी तरह बच्चों द्वारा कुशल वाचन, मौखिक गणित का प्रदर्शन, खिलौनों से सीखना, अंगना में सीखना, व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत बच्चों द्वारा तैयार सामग्री प्रदर्शन, विभिन्न कौशल में दक्ष कुशल बच्चों का प्रस्तुतीकरण, गणित एवं विज्ञान क्लब के माध्यम से गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट योजना अंतर्गत अंग्रेजी हिंदी माध्यम स्कूलों के बच्चों द्वारा स्कूल में की जा रही गतिविधियों का प्रदर्शन, शारीरिक विकास आत्मरक्षा के लिए बालिकाओं का प्रदर्शन, स्थानीय भाषा में शिक्षा एवं संविधान से परिचय आदि विषयों के स्टाल लगाए गए हैं तथा स्टालों का नेतृत्व भी बच्चों द्वारा किया गया।