भीषण गर्मी के दौर में पशुओं
की उचित देखभाल जरूरी
रायपुर। पशुओं का लू से बचाव देश में इस समय सूरज की तेज गर्मी के कारण गर्म हवाएं चल रही है। तापमान लगभग 40 डिग्री सेंटीग्रेड से उपर है। इन परिस्थितियों में पशुओं को लू लगने एवं उनके बीमार होने की संभावना अधिक बनी रहती है।
गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़ते हुए तापमान से जानवरों को ‘लू’ (हिटस्ट्रोक) लगनें एवं डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) हो जाती है, जिसे पशुओं की उचित देखभाल कर पशुओं को लू लगने से बचाया जा सकता है। पशुओं में लू लगने के लक्षण वर्तमान मौसम में नमी और ठंडक की कमी होने के कारण पशुओं के स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते ‘लू‘ लगने से पशु को तेज बुखार आ जाता है और बेचैनी बढ़ जाती है।
आहार लेने में अरूचि, तेज बुखार, हॉफना, नाक से स्त्राव बहना, आंखों से आँसू गिरना व आंखों का लाल होना, मुँह से लार टपकना, तेज सांस लेना तथा सुस्त होकर खाना-पानी बंद कर देना पतला दस्त होना और शरीर में पानी की अत्यधिक कमी होने से लड़खड़ाकर गिरना आदि लू लगने के प्रमुख लक्षण होते हैं।
नवजात, बीमार, अधिक वजनी तथा गहरे रंग के पशु-पक्षी में ‘लू’ लगने की आशंका अधिक होती है। यह भी पढ़ें हरियाणा में 5, 10, 20 व 50 दुधारू गाय या भैंसों की डेयरी पर ऋण राशि के 75 प्रतिशत अनुदान इस तरह करें पशुओं की देखभाल पशुपालकों को पशुओं के बीमार होने के पहले बचाव के उपाय करना लाभकारी होता है।
इसके लिए पशुपालक पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति बहुत अधिक सावधानी बरतें। पशुओं को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक कोठे में रखे कोठे को खुला न रखकर टाट आदि से ढंक कर रखा जाए। गर्म हवाओं के थपेड़ों से बचाने के लिए टाट में पानी छिड़क कर वातावरण को ठंडा बनाए रखें।
पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पोषण आहार तथा पीने के लिए हमेशा ठण्डा व स्वच्छ पानी दें। पशुओं को ठोस आहार न देकर तरल युक्त नरम आहार खिलाएं, विवाह व अन्य आयोजनों के बचे हुए बासी भोज्य पदार्थ पशुओं को न खिलाएं एवं कोठे की नियमित रूप से साफ-सफाई करें।
नवजात बछड़ों-बछियों की विशेष देखभाल करें, संकर नस्ल तथा भैंसवंशी पशुओं को पानी की उपलब्धता के आधार पर कम से कम दिन में एक बार अवश्य नहलाना-धुलाना चाहिए।
यदि पशु असामान्य दिखे तो तुरंत निकट के पशु चिकित्सा संस्थान के अधिकारी-कर्मचारी को सूचित कर तत्काल उपचार कराया जाना चाहिए। इसके अलावा लावारिस पशुओं तथा पक्षियों के लिए यथासंभव घर के बाहर तथा छत पर पानी, खाने की व्यवस्था करने की भी अपील है।