बलरामपुर की महिलाओं ने दिखाई स्वावलंबन की
राह, हुआ एक लाख 80 हजार रूपए का मुनाफा
बलरामपुर। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरूवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजनांतर्गत बाड़ी विकास से बलरामपुर जिले Balrampur District की स्वसहायता समूह की महिलाएं self help group women’s गौठान में सामुदायिक रूप से मिर्च की खेती Community chilli cultivation in Gauthan कर रही हैं।
समूह ने अभी तक पौने दो लाख रूपए से अधिक का मुनाफा कमा लिया हैै। जिले के टिकनी गौठान की निराला एवं गुलाब महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गौठान के लगभग 1.50 एकड़ भूमि में मिर्च की खेती की जा रही है।
खेती प्रारंभ करने के पूर्व उन्हें उद्यानिकी विभाग द्वारा अच्छी पैदावार हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।
अधिकारियों ने महिलाओं को बाड़ी में मिर्च की जेके 46 पान की प्रजाति लगाने का सुझाव दिया। समूह की सदस्यों ने ऋण लेकर मिर्च की खेती की, जिसमें गुलाब महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 12 हजार 840 रूपये एवं निराला स्व-सहायता समूह द्वारा 7530 रूपये की लागत से यह खेती की गई।
अच्छी देखभाल एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के द्वारा दी गई सलाह पर अमल करते हुए खेती करने पर अच्छी फसल प्राप्त हुई। बाजार में विक्रय करने पर गुलाब स्व-सहायता समूह को 92 हजार 980 रूपये तथा निराला स्व-सहायता समूह को 86 हजार 830 रूपये का मुनाफा प्राप्त हुआ।
समूह की महिलाओं ने बताया कि अभी तक उनके द्वारा 4 बार मिर्च की तोड़ाई की गई है तथा आने वाले समय में 04 से 05 बार मिर्च की तोड़ाई और की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल एवं मण्डी में मिर्च की आवक कम होने पर और आमदनी प्राप्त होगी।
समूह के सदस्यों ने बताया कि अम्बिकापुर के थोक विक्रेता नियमित रूप से बाड़ी में पहुंचकर उनसे मिर्च की खरीदी करते हैं, जिससे उन्हें बाड़ी में ही मिर्च का उचित दाम मिल जा रहा है।
महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि बदलते सूचना तकनीकों से हम अब जागरूक हो रहे हैं। हमें मण्डी के भाव की जानकारी प्राप्त हो जाती है। जिसका लाभ हमें बाड़ी से उत्पादित फसलों को उचित दाम में विक्रय करने के लिए होता है। उन्होंने बताया कि आगामी शीत ऋतु में हम उद्यान विभाग की सहायता से मटर, गोभी, आलू आदि सब्जियों की खेती करेंगे।