गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचकर कमाये 1.10 लाख रूपए
धमतरी। कुछ सालों पहले शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि गोबर भी किसी का जीवन बदल सकता है। लेकिन छत्तीगढ़ में गोधन न्याय योजना के लागू होते ही कई लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यहां गौठान समितियां आर्थिक रूप से सशक्त तो बन ही रही हैं, बल्कि आम ग्रामीणों और गोधन की सेवा से जुड़े चरवाहों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया है।
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गोबर से कण्डे बनाने तक सीमित रहने वाले चरवाहों के भाग्य भी इस योजना से खुलने लगे हैं। धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह के 61 वर्षीय चरवाहे मोहित ने गोबर बेचकर जमा की राशि से अपने जमीन खरीदने के सपने को पूरा कर लिया।
मोहितराम यादव ने बताया कि लगभग ढाई साल पहले तक वह गोबर से कण्डे बनाकर उसका उपयोग घरेलू ईंधन के तौर पर करते थे। बचे हुए कण्डों को वे औने-पौने दाम में बेच दिया करते थे। गोधन न्याय योजना के लागू होने से प्रतिदिन गोबर बेचकर उन्होंने एक लाख से अधिक की राशि अर्जित कर ली।
जब से गोधन न्याय योजना आई है तब से उनका भाग्य चमक उठा है। उन्होंने उत्साहित होकर ठेठ बोली में कहा कि- हमर सरकार हमरे मन असन रोजी-मजदूरी करके गुजारा करने वाला मन बर ए योजना ल बनाय हवै..। कभू नई सोंचे रेहेन कि गउठान म गोबर बेच के हमर जिनगी संवर जाही…!‘
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यादव ने बताया कि पोटियाडीह में गौठान बनने के बाद से वह रोजाना औसतन 50 किलोग्राम गोबर बेचा करते हैं, जिससे उनकी चरवाहे के काम के अतिरिक्त 100 रूपए प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। अब तक उन्होंने 550 क्विंटल गोबर बेचकर एक लाख 10 हजार रूपए की आय अर्जित की है।
पूरे भारत में छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 30 लाख हेक्टेयर जैविक कृषि क्षेत्र है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की योजनाओं ने जैविक कृषि क्षेत्र के दायरे में वृद्धि की है… इसमें 'गोधन न्याय योजना' का योगदान है, जिसमें गोबर खरीदी कर जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा रहा है। pic.twitter.com/77HQqNHD2g
— Congress (@INCIndia) February 5, 2023
उन्होंने बताया कि बड़े बेटे की शादी के बाद उन्होंने घर बनाने की सोचा। उन्होंने जमा पूंजी से गांव में ही 14 डिसमिल प्लॉट खरीदने का सौदा कर लिया, लेकिन रजिस्ट्री के लिए एक लाख से अधिक राशि लगने का पता चला तो उनकी चिंता बढ़ गयी। फिर उनकी पत्नी द्रौपती ने शासन से गोबर बेचने से मिली राशि की याद दिलाई।
फिर क्या था, जमा राशि को निकालकर यादव ने जमीन की तत्काल रजिस्ट्री करा ली। जमीन खरीद कर यादव और उनका परिवार बेहद खुश हैं। द्रौपती ने बताया कि वह गौठान समिति की सक्रिय सदस्य हैं।
गोबर से आ रही समृद्धि अपार
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गोबर विक्रेताओं को अब तक 206.49 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। #CGModel #NYAYKe4Saal #Godhan@bhupeshbaghel pic.twitter.com/2JwTMTQcy7
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 10, 2023
उनके घर में 8 गाय-भैंस, 26 बकरे-बकरियां और लगभग 32 मुर्गे-मुर्गियां हैं। कल तक मुश्किल से जीवनयापन करने वाले यादव परिवार के जीवन में गोधन न्याय योजना ने खुशियों के नये रंग भरे हैं इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया है।