अपने देवता का आदेश मान कर 5 दशक
से मना रहे हैं समय से पहले हर त्यौहार
धमतरी। देशभर में दिवाली का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। पांच दिन के इस त्योहार के आने से कुछ समय पहले ही बाजारों में एक अलग तरह की चहल-पहल देखने को मिलती है।
लेकिन क्या आपको पता है, कि हमारे छत्तीसगढ़ में एक गांव ऐसा भी है, जहां दिपावली का त्योहार एक सप्ताह पहले ही मनाया जाता है।
इतना ही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि दिवाली ही नहीं छत्तीसगढ़ के इस गांव में हर त्योहार एक सप्ताह पहले ही मनाया जाता है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि, आखिर इस अजीब सी परंपरा के पीछे क्या वजह है? तो चलिए आज इस परंपरा के बारे में जानते हैं।
दरअसल, ये परंपरा छत्तीसगढ़ में धमतरी के सेमरा गांव में मनाई जाती है। इसके अलावा आपको ये परंपरा देश के किसी भी कोने में देखने को नहीं मिलेगी।
दिवाली मानने की अनोखी परंपरा
खुशियों के इस पर्व दिवाली को मनाने की देश भर में अलग-अलग वजहे हैं। इस साल भी 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन हर घर में जगमगाते दिए अंधकार को पीछे धकेल देते हैं और हमारे जीवन में नई रोशनी लाते हैं।
ऐसे में आज हम आपको एक अनोखी दिवाली के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दिवाली के पहले ही दिवाली मनाई जाती है। इस गांव में 18 अक्टूबर को लक्ष्य पूजा और 19 को गोवर्धन पूजा के साथ दिवाली का आरंभ हो चुका है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बेहद अनोखी अंदाज में दिवाली मनाई जाती है।
5 दशक से निभाई जा रही है परंपरा
जिले के सेमरा गांव में दिवाली के एक सप्ताह पहले ही त्यौहार को मनाने की परंपरा पिछले 5 दशकों से चली आ रही है। केवल दिवाली ही नहीं बल्कि होली और हरेली पोला त्यौहार भी एक सप्ताह पहले ही मनाया जाता है।
हर बार की तरह इस साल भी गांव के हर आंगन में खूबसूरत रंगोली बनाई गई है। लोगों ने मिट्टी के दिए से पूरा गांव जगमगा दिया है। वहीं बच्चों-बड़ों सभी ने पटाखों की आवाज से आसमान में शोर मचा दिया है।
परंपरा के पीछे का रहस्य
गांव के एक शख्स ने इस सवाल के जवाब में बताया कि, हमारे गांव में सिदार देव हैं, जिन्होंने गांव को एक बड़ी विपत्ति से मुक्त किया था। इसके बाद गांव के एक पुजारी को सपना आया था, जिसके अनुसार सिदार देव ने गांव में कभी आपदा विपत्ति नहीं आने का आश्वासन दिया।
देव ने कहा कि इसके लिए आप लोगों को सबसे पहले मेरी पूजा करनी होगी। यही कारण है कि यहां हर साल 7 दिन पहले ही त्यौहार मनाया जाता है।