मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गोधन न्याय योजना की शुरूआत दुर्ग जिले के नगर पंचायत पाटन के गौठान से 20 जुलाई 2020 से की गई थी। राज्य शासन द्वारा कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है। योजनांतर्गत राज्य सरकार द्वारा पशु पालकों से 2 रूपए प्रति किलोग्राम में गोबर क्रय कर वैज्ञानिक तरीके से गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद बनाने में किया जा रहा है। उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को को-ऑपरेटिव सोसायटी के माध्यम से 10 रूपए प्रति किलोग्राम में विक्रय किया जा रहा है। गौधन न्याय योजना का मुख्य उद्देश्य पशु पालकों के आय में वृद्धि एवं गोबर को वर्मी खाद बनाने में उपयोग किया जा रहा है। गोबर खरीदी हेतु 166 नगरीय निकायों में 377 खरीदी केंद्र स्वीकृत किए गए है।
गोधन न्याय योजना के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा कुल 21647 पशुपालकों से करीब डेढ़ लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी किया जा चुका है। वर्तमान में कुल दो लाख 53 हजार 946 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 21077 क्विंटल गोकाष्ठ और सुपर कम्पोस्ट बनाया जा रहा है। शहरी गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा कण्डे एवं दीया बनाकर 51 लाख रूपए से अधिक की आय अर्जित की गई है। शहरी क्षेत्रों में परियोजना का क्रियान्वयन हेतु स्वच्छ भारत मिशन, 14वें वित्त आयोग एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन आदि कार्यक्रम का अभिसरण करते हुए करीब नौ हजार स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे है।
छत्तीसगढ़ : शहरी क्षेत्रों के लिए 377 गोबर खरीदी केंद्र
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