छत्तीसगढ़ को दक्षिण अफ्रीका की दवा का मिला
लाइसेंस,वन विभाग शुरू करेगा खरीदी की प्रक्रिया
रायपुर। जंगली हाथी को बेहोश करने वाली जिस दवा का इस्तेमाल अब तक होता आया है, उससे हाथी 30 मिनट में बेहोश होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में वन विभाग को दक्षिण अफ्रीका South Africa की ऐसी दवा का लाइसेंस मिल गया है, जो इन्हें 3 मिनट में बेहोश कर देगी। अर्थात, इंजेक्शन लगने के तीन मिनट में हाथी जहां खड़ा रहेगा, 3 मिनट में वहीं जड़ हो जाएगा। ऐसा करके ज्यादा उत्पात वाले हाथियों को जीपीएस ट्रैकर लगाना आसान होगा।
अभी प्रदेश के कई क्षेत्रों में हाथी उत्पात मचा रहे हैं। इस दवा के इस्तेमाल से ऐसा हाथियों के बारे में ठीक-ठीक जानकारी मिलती रहेगी कि वह कहां हैं और किस तरफ जा रहे है।
छत्तीसगढ़ में प्रदेश में सरगुजा, सूरजपुर, जशपुर, कुनकुरी, बलरामपुर, धरमजयगढ़, कोरबा, रायगढ़, कटघोरा, महासमुंद, गौरेला पेंड्रा मरवाही, बलौदाबाजार और धमतरी हाथियों के कारीडोर में आता है।
यहां हाथी अक्सर उत्पात मचाते हैं और दर्जनों गांवों में इनकी दहशत से रतजगा होता रहता है। इसलिए वन विभाग 2 साल से कोशिश में था कि साउथ अफ्रीका की इस दवा को खरीदे।
अब लाइसेंस मिलने के बाद विभाग ने इसकी खरीदी के लिए शासन को पत्र लिखा है। वहां से अनुमति मिलते ही खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
आधा घंटे में कई किमी दूर चले जाते हैं हाथी
अभी हाथी को बेहोश करने to make an elephant unconscious के लिए जो इंजेक्शन लगाया जा रहा है, उसका असर आधा घंटे में होता है। तब तक उत्पाती हाथी कई किमी दूर चले जाते हैं और इनका पीछा करने वाले भी तब तक खतरे में रहते हैं, जब तक ये बेहोश न हो जाएंगे। नई दवा से यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
एक इंजेक्शन 60 हजार का
खरीदे जाने वाले इटारफीन इंजेक्शन के 10 वायल छत्तीसगढ़ वन विभाग Chhattisgarh Forest Department लेगा। ये 6 लाख रुपए में आएंगे, यानी 5 एमएल का एक वायल 60 हजार रुपये में पड़ेगा। 10 वायल से 50 हाथी बेहोश किए जा सकेंगे। अभी जलाजीन 50 एमएल ढाई हजार तो कीटामीन 50 एमएल 4 हजार रुपये का आता है।
दो साल की प्रक्रिया के बाद मिला लाइसेंस
हाथी को जल्दी बेहोश करने वाली दवा इसलिए नहीं खरीद पा रहे थे क्योंकि लाइसेंस नहीं था। दो साल की प्रक्रिया के बाद अब लाइसेंस मिला है। दवा खरीदी जल्दी कर लेंगे।
एम. मर्सीबेला, डायरेक्टर-जंगल सफारी