हिंदी माध्यम वाले स्टूडेंट की अब मुश्किल होगी दूर
इंजीनियरिंग के तकनीकी शब्द रहेंगे इंग्लिश में भी
रायपुर। बारहवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़नेवालों के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी की वजह से पहले साल से ही बेहद कठिन हो जाती थी, पर अगले सत्र से यह मुश्किल दूर हो जाएगी। तकनीकी विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ में पहली बार बीई-फर्स्ट ईयर का पूरा कोर्स हिंदी में तैयार कर लिया है।
Engineering Studies In Hindi Also इसकी पांच पुस्तकें भी तैयार हो गई हैं। Five Books Ready अगले सत्र यानी 2023-24 से हिंदी का यह कोर्स छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ाया जाने लगेगा, जो वैकल्पिक होगा।
खास बात यह है कि हिंदी में इंजीनियरिंग पढ़नेवाले छात्र परीक्षा भी हिंदी में ही देंगे। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) ने इंजीनियरिंग ग्राफिक्स एंड डिजाइन, एप्लायड फिजिक्स, बेसिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, वर्कशाॅप मैन्युफैक्चरिंग एंड प्रैक्टिसेस और एप्लायड केमिस्ट्री की पुस्तकों को हिंदी में तैयार किया है। यह कोर्स अंग्रेजी से अनुवाद करके भी बनाया गया है और कुछ नई किताबें भी लिखी गई हैं। सभी बीई-बीटेक फर्स्ट ईयर की हैं।
इस तरह, राज्य में पहली बार इंजीनियरिंग की पढ़ाई दो भाषा में होने जा रही है। जबकि पॉलिटेक्निक में पढ़ाई और परीक्षा दोनों ही काफी पहले से इंग्लिश के अलावा हिंदी में भी हो रही है। इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर में सभी छात्र मैथ्स,फिजिक्स, केमिस्ट्री,इंग्लिश के अलावा इंजीनियरिंग के बेसिक पढ़ाई करते हैं, इसमें काॅमन सब्जेक्ट रहते हैं। इसलिए फर्स्ट ईयर से ही इसकी शुरुआत होगी।
दरअसल आने वाले कुछ साल में ही देशभर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई इंग्लिश के अलावा हिंदी व अन्य भाषाओं में होगी, जिसकी तैयारी चल रही है। तकनीक शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) इस काम में लगी है। अफसरों ने बताया कि यहां अभी 5 किताबें तैयार की गई हैं। हिंदी की बाकी किताबें देशभर के संस्थानों से ली जाएंगी, जो वहां तैयार की जा रही हैं।
कुछ हिंदी शब्दाें के साथ ही अंग्रेजी के शब्द भी लिखे होंगे
इंजीनियरिंग की हिंदी की किताबों में पूरे शब्द केवल हिंदी में ही नहीं रहेंगे, बल्कि सामान्य बोलचाल व चलन में रहने वाले इंग्लिश के शब्द भी रहेंगे। जैसे डैम को हिंदी में बांध कहते हैं। हिंदी मीडियम के छात्रों के किताब में बांध लिखा रहेगा, साथ में डैम भी लिखा रहेगा। इंजीनियरिंग की हिंदी किताबों में कठिन शब्दों का उपयोग नहीं किया गया है।
प्रदेश में यहां हिंदी मीडियम वाले ज्यादा
राज्य में हिंदी मीडियम स्कूल बड़ी संख्या में हैं। यहां के छात्र बारहवीं के बाद जब इंजीनियरिंग में प्रवेश लेते हैं, तो सभी किताबें इंग्लिश में पढ़नी होती हैं।
इससे अधिकतर हिंदी मीडियम के छात्रों को परेशानी होती है। शिक्षाविदों का कहना है कि इंजीनियरिंग की पूरी पढ़ाई इंग्लिश में होने की वजह से हिंदी मीडियम के कई छात्र फर्स्ट ईयर में फेल हो जाते हैं, या फिर फिजिक्स, केमिस्ट्री से संबंधित विषयों में बैक भी लग जाता है।
जानकारों का दावा है कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर देश के बड़े संस्थानों में जाने वाले छात्रों को इंग्लिश की वजह से ही शुरुआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि विषय विशेषज्ञों को इंजीनियरिंग की हिंदी में पढ़ाई होने और परीक्षा होने से छात्रों को फायदा होने की उम्मीद है।
11 हजार सीटों के लिये काउंसिलिंग
33 कॉलेजों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो रही है। इन कॉलेजों में कुल 11291 सीटें हैं। पिछले दिनों व्यापमं ने प्री इंजीनियरिंग टेस्ट यानी पीईटी के नतीजे जारी किए।
इस परीक्षा में करीब 12 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे। तकनीकी शिक्षा संचालनालय से काउंसिलिंग की तैयारी की जा रही है।इस संबंध में जल्द ही सूचना जारी होगी। पिछली बार इंजीनियरिंग की बड़ी संख्या में सीटें खाली थी।
छात्रों को फायदा
इंजीनियरिंग की पढ़ाई अगले सत्र से हिंदी में भी होगी, जिससे यहां के छात्रों को काफी लाभ होगा। इसकी तैयारी चल रही है।
-डॉ एमके वर्मा, कुलपति-सीएसवीटीयू