कंटेनर मे रेलवे बर्थ की तरह है आराम करने की
व्यवस्था, अपने कपड़े भी खुद धो रहे शिविरार्थी
कोल्लम से दीपक असीम
उत्तर प्रदेश के भारत यात्री जितेंद्र पटेल ने कहा छुट्टी का सबसे बड़ा सुख यह मिला कि कंटेनर में नहीं सोना पड़ा। दिनभर हम खुले में रहते हैं। हजारों लोग हमारे साथ होते हैं। मगर रात को हम कंटेनर में चले जाते हैं। हमारे कंटेनर में 18 लोग सोते हैं। बीच में निकलने की भी जगह नहीं होती। एसी इतने लोगों में क्या काम करेगा?
यात्रा शुरू होने से पहले दिग्विजय सिंह जब कंटेनर शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे तो अजीब लग रहा था। मन में आ रहा था वैनिटी वैन को कंटेनर कह रहे हैं ताकि लोग भ्रम में पड़ जाएं।
मगर जब पास से देखा तो वाकई यह कंटेनर ही है। ट्रक के चेचिस पर रखा हुआ लोहे का एक डिब्बा जिसके अंदर रेल की बर्थ के समान सोने के लिए बिस्तर हैं। रेल की बर्थ जितने चौड़े। सेकंड एसी और फर्स्ट एसी में तो फिर भी बर्थ थोड़ी सी चौड़ी होती है। यहां तो बमुश्किल स्लीपर क्लास जितनी सकरी बर्थ है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 16, 2022
जितेंद्र पटेल समेत अनेक लोगों को इसी में मजा आ गया एक दिन इन्हें पंखे के नीचे ज्यादा जगह मिल गई। हालांकि इसका संबंध छुट्टी से नहीं है। कंटेनर एक स्कूल के आंगन में अंदर खड़े किए गए हैं जहां दालान भी है। और फिर सभी लोग बाहर सोए हों ऐसा भी नहीं है। दिन के 11बजे कंटेनर धूप में खड़ा था, तप रहा था मगर अंदर कुछ पदयात्री सोए पड़े थे। थकान इतनी थी कि गर्मी का एहसास ही नहीं हो रहा था। कंटेनर का एसी सुबह बंद कर दिया जाता है।
तय हुआ था कि हर 3 दिन में भारत यात्रियों के कपड़े धुल कर आ जाएंगे। मगर ऐसा हो नहीं पा रहा। यूपी फिशरमैन कांग्रेस के चेयरमैन देवेंद्र निषाद ने छुट्टी के दिन का उपयोग कपड़े धो कर किया। कहने लगे सारे सफेद कपड़े पसीने और लोगों के छूने से पोंछे जैसे हो गए हैं।
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आज छुट्टी है तो कपड़े धो लेता हूं। कह रहे थे पैरों को चलने की आदत हो गई है। आज चल नहीं रहे तो पैर दुख रहे हैं। सबका अपना अपना शरीर है सबकी अपनी अपनी आदतें हैं।
महिलाओं ने छुट्टी में की खरीददारी
"Look over there, its Rahul Gandhi!"#BharatJodoYatra pic.twitter.com/fqgfAf0a21
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महिलाओं ने छुट्टी का इस्तेमाल खरीदारी करके किया। बाकी लोग अपने अपने दोस्तों और कंटेनर साथियों के साथ झुंड बनाकर कोल्लम के समुद्र तट देखने निकल गए। हो सकता है गोदी मीडिया में इनकी तस्वीर आए और यह कहा जाए कि यह लोग पदयात्रा के नाम पर अय्याशी और पर्यटन कर रहे हैं। जाकी रही भावना जैसी।
आयोजकों ने इस छुट्टी के दिन का उपयोग पद यात्रियों को कुछ सिखा समझा कर किया। कन्हैया कुमार ने ग्रुप डिस्कशन कराया। कुछ पोस्टर भी तैयार किए। हम भारत यात्रा क्यों कर रहे हैं? हमारा मकसद क्या है? अब तक का सफर हमारा कैसा रहा? इसे लेकर बातचीत हुई। इसके बाद एक मीटिंग भी हुई जिसमें लोगों को बोलने का मौका दिया गया।
राहुल से आगे चलने लगे भारत यात्री
When women are actively engaged in a movement, everyone benefits. #BharatJodoYatra pic.twitter.com/wyUXjPPZhr
— Bharat Jodo Nyay Yatra (@bharatjodo) September 15, 2022
जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई तो भारत यात्रियों अर्थात कन्या कुमारी से कश्मीर तक पैदल चलने वाले पूर्णकालिक पद यात्रियों को राहुल गांधी के पीछे चलना पड़ता था। पीछे इतनी भीड़ हो जाती थी की कई बार भारत यात्री पीछे छूट जाते थे। उनके पैरों पर लोगों के पैर पड़ जाते थे। धक्का-मुक्की में चलना मुश्किल होता था। जूते उतर जाते थे।इससे भी बड़ी दिक्कत यह थी कि भारत यात्रियों को कोई पहचान नहीं मिल रही थी।
स्वागत सत्कार राहुल गांधी के बाद किसी का भी हो जाता था। यात्रा का इंतजार कर रहे लोगों को समझ ही नहीं आता था कि कौन आदमी भारत यात्री है और कौन पिछले गांव से शामिल हुआ कोई अजनबी।
भलते लोग हार पहन कर इतराते थे और भारत यात्री बस देखते रह जाते थे। महिलाओं की हालत सबसे ज्यादा खराब होती थी। भीड़ में जाएं तो धक्के और पीछे रह जाए तो दौड़।
राहुल नहीं सबसे आगे सेवादल के लोग कांग्रेस का झंडा लेकर चल रहे
Rich traditions of Kerala on full display. Our unique diversity is our biggest strength. It must be preserved and celebrated. #BharatJodoYatra 🇮🇳 pic.twitter.com/87xNgqNv94
— Congress (@INCIndia) September 16, 2022
भारत यात्रियों ने अन्य लोगों से बोला तो कोई सुनवाई नहीं हुई। मगर जैसे ही उन्होंने अपनी बात दिग्विजय सिंह के आगे रखी दिग्विजय सिंह ने भारत यात्रियों को राहुल से भी आगे कर दिया।
फोकस भले ही राहुल गांधी पर रहता हो और फोटो वीडियो से आपको लगता हो कि राहुल गांधी सबसे आगे चल रहे हैं मगर हकीकत में सबसे आगे सेवादल के लोग झंडा लेकर चलते हैं।
उनके बाद अब 117 पदयात्री होते हैं जिन्हें पुलिस भीड़ से बचाती है। उनके बाद राहुल गांधी होते हैं। राहुल गांधी के साथ कुछ बड़े नेता और पीछे अतिथि यात्री और उनके भी पीछे स्थानीय लोग।
जिन बड़े नेताओं को अतिथि यात्री का दर्जा दिया गया है उनके लिए ना तो पूरा पैदल चलना अनिवार्य है और ना ही पूरे समय यात्रा में रहना।
वे अपना कोई काम निपटाने जा सकते हैं और एक दो दिन बाद फिर यात्रा में शरीक हो सकते हैं। अभी दिग्विजय सिंह आगे का इंतजाम देखने गए हुए हैं। इमरान प्रतापगढ़ी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक कांग्रेस को हरकत में ला रहे हैं। उज्जैन में हलचल शुरू भी हो गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश केरल के कोल्लम पहुंचे,राहुल
गांधी के साथ 12 किमी यात्रा में शामिल
देश जोड़ने का पैगाम लेकर, हम आगे बढ़ चुके हैं.#भारत_जोड़ो_यात्रा कोल्लम | केरल pic.twitter.com/jM52dwxPPF
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 16, 2022
एक दिन के आराम के बाद #BharatJodoYatra शुक्रवार सुबह 6:45 बजे कोल्लम से फिर शुरू हो गई है। इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल है। 12.5 किलोमीटर चलने के बाद यात्रा समुद्र के किनारे नींदकरा में रुकेगी। दोपहर में काजू श्रमिकों, काजू उद्यमियों, ट्रेड यूनियन और RSP तथा फॉरवर्ड ब्लॉक के नेताओं के साथ बातचीत तय है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यात्रा में शामिल होने के लिए गुरुवार शाम को रायपुर से केरल के त्रिवेंद्रम के लिए रवाना हो गए थे। वहां से सड़क मार्ग से कोल्लम पहुंचे। तय कार्यक्रम के मुताबिक यात्रा कोल्लम के पोलायथोड़ु जंक्शन से आगे बढ़ी। विभिन्न पड़ावों से होते हुए करीब 11 बजे यह पदयात्रा शिवम बीच रिसॉर्ट पहुंचेगी। यात्रा कोल्लम के पोलायथोड़ु जंक्शन से आगे बढ़ गई है। इसमें राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हैं।
वहां करीब एक-डेढ़ घंटा बिताने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे के लिए रवाना हो जाएंगे। यह शहर वहां से 55-60 किमी की दूरी पर है। त्रिवेंद्रम से मुख्यमंत्री हवाई जहाज से रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे आएंगे। यहां उनके आने का संभावित समय 4.45 बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पदयात्रा की शुरुआत के दिन सात सितम्बर को कन्याकुमारी गए थे। 8 सितम्बर को पदयात्रियों ने कन्याकुमारी से प्रस्थान किया था। मुख्यमंत्री पूरे दिन यात्रा का हिस्सा रहे। बाद में वे रायपुर लौट आए थे। अगले दिन उन्होंने प्रदेश में दो नए जिलों का औपचारिक उद्घाटन किया था।
कन्याकुमार से श्रीनगर तक की यात्रा
भारत यात्री और केरल के प्रदेश यात्री आज सुबह तेज़ धूप में 13 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद नींदकरा में विश्राम कर रहे हैं। यहां बह रही समुद्री हवा ही एकमात्र सुविधा है। जल्द ही विभिन्न समूहों के साथ बातचीत शुरू होगी। #BharatJodoYatra pic.twitter.com/jS16h4chiK
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 16, 2022
तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 11 सितम्बर को केरल की सीमा में पहुंची। यह त्रिवेंद्रम, कोच्चि होते हुए 30 सितम्बर को कर्नाटक पहुंचेगी। यहां से मैसुरु, बेल्लारी होते हुए यात्रा आंध्र प्रदेश जाएगी। वहां से महाराष्ट्र के नांदेड़, जलगांव होते हुए मध्य प्रदेश में दाखिल होगी।
उसके बाद इंदौर से होते हुए राजस्थान के कोटा, दौसा, अलवर में यात्रा पहुंच जाएगी। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर होते हुए दिल्ली, वहां से अम्बाला, पठानकोट और जम्मू होते हुए राहुल गांधी श्रीनगर पहुंचेंगे।