सौर सुजला योजना से रियायती दर पर सोलर पंप मिल रहे किसानों
को,अतिरिक्त कमाई खेती, मछली पालन और सब्जी उत्पादन से
कांकेर। फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित देखरेख के साथ पर्याप्त सिंचाई भी जरूरी है। भौगोलिक दृष्टि से पहुंचविहीन और अविद्युतीकृत क्षेत्रों में किसानों के लिए खेतों तक पानी पहुंचाना एक बड़ी समस्या रही है। इन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा बड़ी सहूलियत बन कर उभर रही है।
छुटकारा मिला भारी भरकम बिजली बिलों से
उत्तर बस्तर कांकेर जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में सैकड़ों किसान सौर सुजला योजना के माध्यम से अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर सिंचाई कर रहे हैं। इससे खेतों को भरपूर पानी मिलने लगा है, जिससे उत्पादन भी बढ़ा है।
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पानी की सुविधा होने से कई किसान खेतों के बीच मछली पालन और अतिरिक्त फसल लेकर अतिरिक्त कमाई भी करने लगे हैं। सौर ऊर्जा से पंप चलने से जहां किसानों को बिजली गुल की समस्या तथा भारी भरकम बिजली बिलों से छुटकारा मिला है, वहीं रात में वाटर रिचार्जिंग का समय मिलने से जमीन का जलस्तर भी नहीं गिरता है।
90 प्रतिशत से अधिक की सब्सिडी दे रही राज्य सरकार
सौर ऊर्जा के उपयोग में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी
सौर सुजला योजना में 1.17 लाख से अधिक सोलर सिंचाई पंप स्थापित,चार हजार 970 गौठानों में सोलर सिंचाई पंप स्थापित,एक लाख 38 हजार से अधिक घरों का सोलर विद्युतीकरण।#NYAYKe4Saal #CGModel pic.twitter.com/A6ewn5pHKg
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) December 11, 2022
सुदूर वनाच्छादित दुर्गम स्थलों के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा इन क्षेत्रों में रियायती दर पर किसानों को सोलर पम्प दिए जा रहे हैं।
" गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के- 36 माह"
सौर उर्जा से पेयजल और सिंचाई के लिए बिना खर्चे का पानी,
जल जीवन मिशन के तहत जिले में सर्वाधिक 325 सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना, pic.twitter.com/OFVq1bRfWo
— Janjgir (@JanjgirDist) November 21, 2021
योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 90 प्रतिशत से अधिक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
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5 हॉर्स पावर का पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 10 हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग को 15 हजार रूपए और सामान्य वर्ग को 20 हजार रूपए में प्रदान किये जा रहेे हैं। इसी तरह 3 हॉर्स पावर के पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 7 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग को 12 हजार और सामान्य वर्ग को 18 हजार रूपए में प्रदान किये जाते हैं।
पहाड़ी इलाकों में बिजली की लाइन नहीं पहुंची लेकिन पहुंच गई बिजली
अब सूरज की रोशनी खेतों की प्यास बुझाने लगी है, कांकेर जिले में ही योजना के तहत 6 हजार 821 किसानों के खेतों और 268 गौठान चारागाह में 7 हजार 89 पम्प स्थापित किये गए हैं। क्रेडा द्वारा 5 साल तक सोलर पंप का मेंटेनेंस भी किया जाता है। जिससे किसानों के लिए सिंचाई अब आसान हो गई है।
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दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम सुरूंगदोह के किसान सीताराम ने बताया कि उनका खेत पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण बिजली की लाईन पहुंच पाना बहुत मुश्किल है। सिंचाई सुविधा के अभाव में वे खेती-किसानी के लिए वर्षा के जल पर ही निर्भर थे।
सौर ऊर्जा के उपयोग में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी, पेयजल व सिंचाई के क्षेत्र में हो रहा उपयोग#cgkekhushhaal4saal#NYAYke4Saal #4yearsofcggovt #NYAY #cgmodel #Chhattisgarh pic.twitter.com/0OAFmh8Zik
— Balod (@BalodDistrict) December 16, 2022
सौर सुजला योजना के बारे में पता चलने पर उनके सामने बिना बिजली के सिंचाई का एक नया विकल्प आया। उन्होंने अपने खेत में तीन हार्स पावर का सोलर पंप स्थापित कर लिया। सिंचाई की सुविधा बढ़ने से वे मक्का उत्पादन के साथ सब्जी की खेती और मछली पालन भी कर रहे है, इससे उन्हे अच्छी आमदनी हो जाती है।
पानी का साधन मिलने से बढ़ी किसानों की कमाई
जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के सैकड़ों किसान भी सौर सुजला योजना का लाभ ले रहे हैं। क्षेत्र के राम कृष्णपुर के किसान परिमल बोस ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में 05 हार्स पावर का सोलर पंप लगाया है। सोलर पंप के माध्यम से वे तालाब में पानी भरकर मछली पालन कर रहे हैंं। इससे एक साल में उन्हें लगभग 03 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। साथ ही खेतों में मक्के की खेती से 04 लाख की कमाई हो रही है।
अब साल भर लहलहाते हैं खेत
इसी तरह अंतागढ़ विकासखण्ड के दुर्गम एवं वनांचल ग्राम उसेली के किसान झिटकू राम तारम ने बताया कि उनकी दो एकड़ जमीन दूध नाला के समीप स्थित है। जमीन में वर्षभर जल स्तर बने रहने के बावजूद वह सिंचाई साधन के अभाव में खेती नहीं कर पाते थे। सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिलते ही उन्होंने अपने खेतों में 5 हार्स पावर का सौर ऊर्जा चलित सिंचाई पंप लगवा लिया।
सिंचाई की समस्या दूर होने से अब वह मिर्च, प्याज, टमाटर जैसी सब्जियों के साथ-साथ दलहनी फसलों का उत्पादन भी कर रहे हैं, इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है। अब पूरे वर्ष खेतों में हरियाली रहती है, जिससे वे बहुत खुश हैं। नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम निशानहर्रा की किसान सुकोन्तिन शोरी का खेत भी पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण विद्युत पहुंच से दूर था। पहले वह वर्षा आधारित खेती करती थीं।
सौर सुजला योजना से @KankerDistrict के हजारों किसानों को मिली बिजली बिल की चिन्ता से मुक्ति।
इस योजना के तहत किसानों को लाखों रुपए की कीमत के सोलर सिंचाई पम्प छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण @credacg द्वारा रियायत पर दिए जा रहे हैं।#CGModel #Chhattisgarh pic.twitter.com/fGq4cY7t05
— Jansampark CG (@DPRChhattisgarh) December 30, 2022
अब वह तीन हार्स पावर के सोलर पंप के माध्यम से खेतों की सिंचाई करने लगी हैं। ड्रिप सिस्टम के माध्यम से सिंचाई कर टमाटर, करेला, लौकी जैसी अन्य सब्जियों का उत्पादन कर वह अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। Farmers are getting solar pumps at subsidized rates from Saur Sujala Yojana, additional income from agriculture fish farming and vegetable production, sunlight quenching the thirst of fields in inaccessible areas