बेटी की पढ़ाई के लिए मां ने छोड़ दी थी अपनी नौकरी,चीफ जस्टिस आफ इंडिया और मुख्यमंत्री की मौजूदगी गोल्ड मेडल से किया गया सम्मानित
रायपुर। मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता , हौंसलों से उड़ान होती है। ये कविता हम हमेशा ही सुनते आए हैं, लेकिन इसे चरितार्थ करके दिखाया है दिल्ली की रहने वाली एक दृष्टिहीन छात्रा यवनिका ने।
यवनिका रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी (आनर्स) 2021 बैच की टापर हैं और इन्होंने प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल हासिल किया है। यवनिका को ये गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह Fifth Convocation of Hidayatullah National Law University Raipur में चीफ जस्टिस आफ इंडिया की मौजूदगी में प्रदान किया गया।
यवनिका yavanikaa दृष्टिहीन छात्रा हैं, लेकिन उन्होंने इसे कभी भी अपनी कमजोरी नहीं समझा, बल्कि उनके हौंसले उन्हें उड़ान भरने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे। दिल्ली की रहने वाली यवनिका के पिता भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं तथा मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं। यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी।
यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रहीं।
अपने मंजिल को पाने मे यवनिका ने अपनी पूरी जान लगा दी और आखिरकार वो इसमें कामयाब भी हुईं। इतना ही नहीं यवनिका ने खुद के लिए नई मंजिल तय की है और इसे पाने के लिए वो नेशनल ला कालेज बंगलौर में एलएलएम कोर्स में एडमिशन लेकर पढ़ाई भी कर रही हैं। यवनिका का कहना है कि रायपुर की पांच साल की जर्नी में कालेज, फैकल्टी और साथी स्टूडेंट्स ने उसका बहुत सपोर्ट किया जिसके लिए वो हमेशा उनका आभारी रहेगी।
यवनिका का कहना है कि माता पिता धरती पर भगवान का रूप हैं और उनका आशीर्वाद है तो जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाना नामुमकिन नहीं है। यवनिका ने हमेशा ही अपनी मेहनत और काबीलियत पर भरोसा रखा और अपने लक्ष्य को हासिल किया।
यवनिका के जुझारू पन के सम्मान में उसे गोल्ड मेडल देते वक्त जीफ जस्टिस एन वी रमणा तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी अतिथि अपनी जगह पर खड़े होकर उनका उत्साह बढ़ाया।