पूरे 5 दिन तक छत्तीसगढ़ में थमी रही लोगों की सांसे
सकुशल बाहर निकलने पर सभी ने महसूस की राहत
रायपुर। जांजगीर-चांपा (Jangir-champa) जिले में मालखरौदा विकासखंड के गांव पिहरीद (pihrid)में बोरवेल (borewell) में फंसे 11 वर्षीय राहुल साहू (Rahul Sahu) को 106 घंटे चले बचाव अभियान (Rescue Operation) बाद मंगलवार 14 जून को देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया।
बचाव के फौरन बाद उसे बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जैसे जैसे बचाव अभियान अपने अंजाम तक पहुंच रहा था समूचे छत्तीसगढ़ के लोग बेचैनी के साथ टेलीविजन चैनलों और सोशल मीडिया पर जमे हुए थे।
रात करीब 12 बजे जैसे ही राहुल को सकुशल निकाले जाने की जानकारी मिली तो सभी ने राहत की सांस ली।
5 दिन से था 60 फीट गहरे बोरवेल में,सबसे बड़ा अभियान
राहुल पिछले सप्ताह शुक्रवार 10 जून को दोपहर करीब 2 बजे 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। राज्य सरकार, जांजगीर जिला प्रशासन, राज्य आपदा राहत बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और सेना ने इस ऑपरेशन को बिना रुके अंजाम दिया। जिसमें शुरूआत में ही बचाव टीम की ओर से राहुल तक आक्सीजन की सतत आपूर्ति व भोजन पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई थी।
अंदर गड्ढे तक सीसीटीवी कैमरा भेजा गया, जिससे राहलु पर सतत निगरानी रखी जा रही थी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से काम करते हुए पांचवे दिन राहुल साहू को सकुशल निकाल लिया गया।
ये देश का सबसे बड़ा बचाव ऑपरेशन बताया जा रहा है। इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।
अभियान सफल होने की जानकारी दी मुख्यमंत्री
भूपेश ने, लोगों ने पटाखे फोड़ मनाई खुशियां
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। वो राहुल के परिजनों के संपर्क में थे। मंगलवार 14 जून की रात उन्होंने सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब होने की जानकारी दी।
हमारा बच्चा बहुत बहादुर है।
उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे।
आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं।
इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद। pic.twitter.com/JejmhL7PBj
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022
CM ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गड्ढे में एक सांप भी आ गया था। मगर खतरा टल गया। काफी लोग घटनास्थल के पास मौजूद थे। बघेल ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल, छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस, भारतीय सेना, चिकित्सा दल और प्रशासनिक अधिकारियों समेत बचाव दल में शामिल हर टीम और हर व्यक्ति ने संयुक्त रूप से कर्त्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए राहुल को बोरवेल से निकालने का दुष्कर कार्य कर दिखाया।
जैसे ही राहुल को बाहर निकाला गया जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे चलाए। लोगों ने SDRF, NDRF और सेना के जवानों को गोद में उठा लिया।
सांप की बात छिपाई गई जिससे किसी का भी हौसला न टूटे
पांच दिनों में राहुल की निगरानी स्पेशल कैमरे से की जा रही थी। उसे भोजन-पानी दिया जा रहा था। हौसला बनाए रखने के लिए लगातार उससे बात भी की जाती रही।
पांच दिन तक 60 फीट नीचे दबे रहने के कारण और गड्ढे में पानी भरे होने के कारण उसके शरीर में कमजोरी है। अब सकुशल बाहर आने पर हर कोई राहुल साहू के हौसले की दाद दे रहा है।
इस बीच एक हैरान करने वाला वाकया भी सामने आया है। करीब 60 फीट गहरे गड्ढे में फंसा राहुल अकेला नहीं था गड्ढे के भीतर एक सांप और एक मेंढक भी थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जब कैमरे से राहुल पर नजर रखी जा रही थी तब रेस्क्यू टीम ने देख लिया था कि राहुल के इर्द-गिर्द एक सांप मंडरा रहा है।
तब जांजगीर जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने तय किया कि सांप की बात किसी से साझा नहीं की जाएगी । राहुल के घर वालों को भी इस बारे में नहीं बताया गया था कि उनका हौसला न टूटे। इस बात का पूरा रिस्क था कि सांप राहुल को काट लेता है या नुकसान पहुंचाता मगर ऐसा हुआ नहीं, शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
लगातार चला बचाव ऑपरेशन, ड्रिलिंग
मशीन के बजाए हाथ से तोड़ी गई चट्टान
राहुल के बचाव के लिए राज्य आपदा राहत बल ने अभियान शुरू किया था। इसके बाद इनसे केंद्रीय आपदा राहत बल और सेना के जवान भी जुटे। सेना के जवानों ने रेस्क्यू की कमान अपने हाथ में ले ली थी। वो टनल के जरिए पहले बोरवेल और फिर राहुल तक पहुंचे।
बच्चे के अंदर होने की वजह से चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन से ना काटकर हाथ से तोड़ा गया, फिर अंदर की मिट्टी हटाई गई। ऐसा करते-करते जवान राहुल तक पहुंचे। इसके बाद रस्सी से खींचकर राहुल को बाहर लाया गया।
उसकी हालत को देखते हुए पहले से ही एंबुलेंस, डाक्टरों की टीम और मेडिकल इक्विपमेंट्स तैयार थे। टनल से एंबुलेंस तक कॉरिडोर बनाया गया था। राहुल को स्ट्रेचर के जरिए सीधे एंबुलेंस तक लाया गया।
बेहद धैर्य के साथ अपना काम करती रही टीम
सेना की ओर से बताया गया कि NDRF टीम को आराम देने के लिए जवानों ने कमान संभाली थी। यह एक संयुक्त अभियान था। सवाल बच्चे की जिंदगी का था, ऐसे में चट्टान तोड़ने के लिए इक्विपमेंट्स से ज्यादा हाथों का इस्तेमाल किया गया।
जवान हाथों से मिट्टी निकाल रहे थे और कोहनी के सहारे आगे बढ़ रहे थे। धीरे-धीरे मिट्टी हटाते-हटाते आखिरकार वह लम्हा आ ही गया जब बनाई गई टनल बोरवेल से मिल गई।
वहां अंदर चट्टान के हिस्से पर सोए राहुल की पहली झलक जवानों को मिली। बाहर जानकारी दी गई और भीड़ भारत माता की जय के नारे लगाने लगी।
रोने की आवाज आई, तब पता लगा राहुल का
राहुल साहू (11) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 60 फीट गहरा था।
ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था।
घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी उसी जगह पर टिके हुए थे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। एक भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।
बचाव के तुरंत बाद ग्रीन कारिडोर से लाया गया अस्पताल
5 दिन चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार 14-15 जून की मध्यरात्रि लगभग सवा सौ किलोमीटर की दूरी तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर राहुल को ग्राम पिहरीद ( मालखरौदा) से बिलासपुर अपोलो अस्पताल लाकर इलाज शुरू किया गया है। इसके पहले बचाव अभियान के दौरान 5 दिनों में कई बार राहुल से उसकी मां की बात भी करवाई गई। जिसमें राहुल ने प्रतिक्रिया दी। इससे लोगों ने राहत की सांस ली।
सकुशल बचाव के बाद अपोलो अस्पताल बिलासपुर पहुंचने पर जिला प्रशासन बिलासपुर एवं जनप्रतिनिधियों ने चोटिल राहुल एवं परिजनों का स्वागत किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव रश्मि देवी सिंह, एसएसपी पारुल माथुर, जिला पंचायत सीईओ हरीश एस, एडिशनल एसपी, उमेश कश्यप सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन,एसडीएम तुलाराम भारद्वाज आदि उपस्थित थे।
इसके पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि राहुल की स्थिति अभी स्थिर है। डाक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में बीपी, शुगर, हार्ट रेट नॉर्मल है और फेफड़े भी क्लियर हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव भी कर रहे थे निगरानी, ले रहे थे खबर
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा था कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि नन्हे राहुल साहू, जो कि पिछले कुछ दिनों से जीवन से लड़ाई लड़ रहे थे, उनको सफलता पूर्वक बोरवेल से बाहर निकल लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा था कि मेरी चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर, जांजगीर से वार्ता हुई जो खुद राहुल साहू के साथ मौजूद हैं। उनके मुताबिक राहुल पूर्णतः स्वस्थ और होश की अवस्था में हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल की चिकित्सा में कोई कमी नहीं रहेगी और हम सभी राहुल साहू के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। 100 घण्टे से भी ज़्यादा चले इस ऑपरेशन में बचाव दल और जिला प्रशासन युवा राहुल को बचाने के लिए अथक प्रयास किया इसके लिए सभी का साधुवाद।
अभी आईसीयू में रहेगा राहुल, डाक्टर रखें हैं स्वास्थ्य पर नजर
डाक्टरों ने राहुल की स्थिति को सामान्य बताया है। लेकिन अभी राहुल को ICU में रखा गया है। राहुल की तबीयत का करीब 72 घंटे तक डाक्टर मानिटर करेंगे।
उसके बाद ही किसी तरह का कोई निर्णय लिया जायेगा। आईसीयू में भर्ती के बाद डाक्टरों ने गहन निगरानी में राहुल का इलाज शुरू कर दिया है। डाक्टरों ने प्रांरंभिक जांच में बच्चे की स्थिति को समान्य बताया है।