गोविंद पटेल के संपादन में तैयार ‘तिरोहित तितुरघाट’
पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री बघेल ने किया
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार 8 फरवरी की शाम अपने निवास कार्यालय में ‘तिरोहित तितुरघाट’ पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक धमधा के तितुरघाट में दो दर्जन से अधिक सती स्तंभों के पुरातात्विक साक्ष्य और उनकी विशेषता पर आधारित है।
इसका संपादन गोविन्द पटेल ने किया है तथा भूमिका पुरातत्विद् प्रभात सिंह ने लिखी है। धर्मधाम गौरवगाथा समिति ने तितुरघाट के तिरोहित (भुला दिये गए) तालाब को फिर से ढूंढा और श्रमदान व जनसहयोग से उसकी फिर से खुदाई की। इस स्थान की प्राचीनता व ऐतिहासिकता के साथ ही तालाब के महत्व को दर्शाने इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया है।
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इस पुस्तक में शिवनाथ नदी के किनारे स्थित 500 साल पुराने चतुर्भुजी तितुरघाट गांव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताई गई है। यह गांव अब वहां से उजड़ गई है, परन्तु गांव का ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व दर्शाने वाले सौ से अधिक शिलाखंड, स्थापत्य खंड वहां बिखरे पड़े हैं। जिनमें तीन शिलालेख और दो दर्जन सती स्तंभ मिले हैं। Chief Minister Baghel released the book ‘Tirohit Titurghat’ edited by Govind Patel, containing information about two dozen sati pillars of Dhamdha and the extinct pond.
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यहां एक मंदिर और तालाब भी थी। धर्मधाम गौरवगाथा समिति ने इस विलुप्त तालाब का पुनर्निर्माण करवाया। पटेल इसके पूर्व टमाटर की बंपर पैदावार, तकदीर बदल सकते हैं सुनहरे दाने, छत्तीसगढ़ को तंदुरुस्त बना सकती है भाजी और छह कोरी छह आगर तरिया अऊ बूढ़वा नरवा नाम की पुस्तिका का प्रकाशन कर चुके हैं। इस अवसर पर धर्मधाम गौरवगाथा समिति के संयोजक वीरेंद्र देवांगन, ईश्वरी निर्मल, अशोक देवांगन और सामर्थ्य ताम्रकार उपस्थित थे।