नेशनल लोक अदालत में किया गया डेढ़
लाख से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में तहसील स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में शनिवार 14 मई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से मामलों का निराकरण किया गया। इन लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की स्वयं की मौजूदगी तथा ऑन लाइन दोनों ही माध्यमों से उनके सामने निराकरण किये जाने के अतिरिक्त विशेष बैठक के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में यह आयोजन हुआ।
इस नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह समझौता के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों से कुल 1 लाख 25 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है तथा लोक अदालत की समाप्ति तक लगभग 1 लाख 50 हजार से अधिक प्रकरणों के निराकरण होने की संभावना जताई गई।
इसी प्रकार उपरोक्त नेशनल लोक अदालत में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में कुल 03 खण्डपीठों के द्वारा कुल 45 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 48 लाख 70 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया।
इस नेशनल लोक अदालत का निरीक्षण न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा न्यायमूर्ति पी.सैम कोसी पोर्टफोलियो जज और जिला न्यायालय बिलासपुर ने किया।
न्यायाधीशों ने सभी खंडपीठो में उपस्थित पक्षकारों से चर्चा की उन्हें समझाईश दी तथा खंडपीठ के न्यायिक अधिकारियों, सदस्यों तथा अधिवक्ताओं से भी चर्चा की।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने कहा कि न्यायालयों में प्रकरण काफी लंबे तक साल दर साल चलते हैं और पक्षकारगण परेशान होते रहते हैं, समय एवं धन का भी नुकसान होता है। जबकि लोक अदालत में प्रकरणों का त्वरित निराकरण होता है, पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर होते हैं धन की बचत होती है।
न्यायमूर्ति पी.सैम कोशी ने कहा कि प्रकरणों के निराकरण से दोनों पक्षकारों को फायदा पहुंचता है, जब एक प्रकरण निपटता है तो दो लोग लाभान्वित होते हैं। लोक अदालत में सिविल प्रकरणों में निराकृत होने पर न्यायशुल्क वापसी की भी शासन द्वारा व्यवस्था की गई है।
शनिवार 14 मई की लोक अदालत में 350 से ज्यादा खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में दिवानी, फौजदारी, मोटर दुर्घटना, राजस्व, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद जैसे विषयों के प्रकरणों का निराकरण राजीनामा के माध्यम से किया गया।
लकवाग्रस्त विधवा को न्यायालय आना
नहीं पड़ा, पारित हुआ 10 लाख का अवार्ड
अशोक लाल अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बिलासपुर के न्यायालय में दुर्घटना के प्रकरण में आवेदिका फूलबाई को दस लाख बीस हजार रूपये का अवार्ड दिया गया।
आवेदिका के पति भोपाल दुबे की दुर्घटना में 16 दिसम्बर 2020 में मृत्यु हो गई थी। मृतक की पत्नी फूलबाई लकवाग्रस्त हैं तथा चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण व्हीलचेयर में आज न्यायालय में उपस्थित हुईं।
दो भाईयों के बीच 5 साल पुराना विवाद निपटा
एक अन्य प्रकरण स्पेसिक परफार्मेंस का अपर जिला न्यायाधीश स्मिता रत्नावत के न्यायालय में लगभग 5 वर्षों से दो भाईयों राहुल तथा रोहित के बीच में लंबित था।
अट्ठारह लाख के विवाद के उस प्रकरण में दोनों भाईयों के मध्य समझौता हुआ। इस मामले में विक्रयपत्र निष्पादन का अवार्ड पारित किया गया है। न्यायालय द्वारा लगभग एक लाख दस हजार रूपये से अधिक के न्यायशुल्क के वापसी का अवार्ड पारित किया गया।
पक्षकारों को पुष्पगुच्छ देकर
सम्मानित किया न्यायाधीश ने
लोक अदालत की एक अन्य खण्डपीठ में भाई एवं बहन के बीच में सम्पत्ति का विवाद काफी समय से चल रहा था, जिसे समझाईश के निपटाया गया। इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में पति व पत्नी के बीच में मारपीट का एक फौजदारी मामला भी लंबित था, जिसे दोनों पक्षों को समझाईश देकर मामला निपटाया गया।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की उपस्थिति में पति ने पत्नी को बुके देकर प्रकरण में राजीनामा किया। इसी प्रकार कई प्रकरणों में पक्षकारों के मध्य सुलह होने पर न्यायाधीश ने इन पक्षकारों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
हास्टल प्रबंधन ने लौटाए रूपए, निगम
ने की पानी सफाई की व्यवस्था
इसी तरह स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) बिलासपुर में भी 11 प्रकरणों का निराकरण हुआ। कुमारी बनीता प्रधान एवं रॉंयल गर्ल्स हॉंस्टल गांधी चौक के मध्य सेवा की कमी का विवाद चल रहा था। इस मामले में हॉंस्टल प्रबंधन द्वारा पांच हजार रूपये वापस कर प्रकरण का निराकरण कराया।
तोषण कुमार अग्रवाल ने नगरपालिका निगम बिलासपुर के मध्य साफ सफाई का विवाद था। आवेदक के आवेदन पर नगरनिगम द्वारा साफ सफाई कराई गई। इसी प्रकार हरीश चेलकर के विरूद्ध भी नगरनिगम के द्वारा पानी सप्लाई का मामला लंबित था, जिसे पर नगरनिगम द्वारा पानी की सप्लाई की व्यवस्था की गई।
बीमा कंपनी को ब्याज सहित करना होगा
भुगतान, मकान-जमीन का विवाद भी हल हुआ
लोक अदालत में आए प्रकरण में संगीता जेम्स तथा ईफको टोकियों इंश्योंरेंस कंपनी के मध्य एक्टिवा चोरी होने के कारण बीमा की राशि 23 हजार रूपये का बीमा का विवाद लंबित था, जिसे भुगतान करने के लिए कंपनी हीलहलावा किया जा रहा था।
लोक अदालत ने 23 हजार रूपये की राशि 12 प्रतिशत ब्याज की राशि भुगतान करने का आदेश दिया। इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में डाक्टर राहुल वर्मा तथा हाशिम एच, हामीद के मध्य आवास और भू-सम्पदा से संबंधित एक मामला लंबित था, जिसमें उभयपक्षकारों के द्वारा समझौता सम्पन्न हुआ।