लक्षण जानना जरूरी, जानिये कितना नमक जरूरी है पशुओं के लिए
नई दिल्ली। इंसानों की तरह ही पशुओं के आहार में भी नमक होना आवश्यक है। पशुओं में नमक की कमी salt deficiency in animals के चलते कई बीमारियां और विकृतिया पैदा होती हैं। इसलिए इसे पशुओं में पहचानकर समय पर नमक की कमी पूरी की जानी चाहिए।
आईए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं कि आखिर पशुओं के लिए नमक का कितना महत्व है और इसकी कमी या अधिकता होने से पशुओं के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है।
सोडियम एवं क्लोराइड दोनों की जरूरत है पशुओं को
नमक दो तत्वों सोडियम एवं क्लोराइड से मिलकर बनता है। पशुओं को इन दोनों तत्वों की आवश्यकता होती है। पशुओं के शरीर में सोडियम 0.2 प्रतिशत होता है, जो हड्डियों, कोमल उत्तकों और शारीरिक द्रव्यों में पाया जाता है। पशुओं में शारीरिक माध्यम में अम्लीय एवं क्षारीय समानता बनाए रखने के लिए भी नमक की आवश्यकता होती है। इसके आलवा नमक आँत में अमीनो अम्ल और शर्करा के अवशोषण के काम आता है।
मांसपेशियों में अनुबंध करने की क्षमता सोडियम की मात्रा पर निर्भर करती है। पशुओं को नमक, आहार के विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा एवं नमक खिलाने से प्राप्त होता है।
पशुओं में होने वाली चयापचन की क्रियाओं में काम आने के बाद नमक का शरीर से उत्सर्जन होता है। इसलिए पशुओं को आहार में नमक मिलाकर खिलाया जाता है।
पाचन क्रिया के लिए जरूरी है नमक
नमक से लार निकलने में सहायता मिलती है और लार आहार के पचने के लिए प्रोत्साहित करती है। पशुओं के आहार में सम्मिलित सभी खाद्य पदार्थों में नमक की कुछ न कुछ मात्रा पाई जाती है। इसकी अधिक मात्रा समुद्र से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों में पाई जाती है।
कुछ आवश्यकता की पूर्ति साधारण नमक को दाने में मिलाकर अथवा ईंट के रूप में चाटने के लिए पशु के सामने रखकर पूरी की जा सकती है| चारागाह में पशुओं को साधारण सूखे की अपेक्षा दोगुनी मात्रा में नमक प्राप्त हो जाता है। अधिक कच्चेपन की दशा में हरे चारे से नमक अधिक प्राप्त होता है।
गाय-भैंस को औसतन 13 ग्राम नमक चाहिए रोज
साइलेज से भी अधिक मात्रा में नमक पशुओं को मिलता है। एक युवा पशु, गाय अथवा भैंस को एक दिन में औसतन लगभग 13 ग्र्राम साधारण नमक की आवश्यकता होती है। वैज्ञानिकों ने ज्ञात किया है कि 500 किलोग्राम प्रति ब्यांत दूध देने वाली गाय को लगभग 30 ग्राम नमक की प्रतिदिन आवश्यकता पड़ती है।
गौवंश, भैंस, बकरियों एवं भेड़ों के दाने में नमक की मात्रा 1.0 प्रतिशत की दर से मिलाई जाती है। कुक्कुटों नमक के दाने में 0.5 प्रतिशत की दर से मिलाया जाता है।
दूध की मात्रा प्रभावित होती है नमक की कमी से
नमक की आवश्यकता को प्रभावित करने वाले कारण पशु को आमतौर पर शुष्क पदार्थ से 2–3 गुना ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है, वातावरण का तापमान और नमी भी मुख्य कारण होता है। एक शोध में यह देखा गया है कि अगर खाने में 1.5 प्रतिशत पोटेशियम है, तो दूध ज्यादा मात्रा में बनता है।
पोटेशियम की मात्रा सोडियम और क्लोराइड की मात्रा पर प्रभाव डालती है। गर्मी के तनाव में पशु में सोडियम की कमी आ जाती है। पशु द्वारा नमक को ग्रहण की जाने वाली अधिकतम मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि पशु को कितना पानी प्राप्त हो रहा है।
यदि पानी की असीमित मात्रा उपलब्ध हो, तो पशु नमक की बहुत अधिक मात्रा को भी सहन कर सकता है और आवश्यकता से अधिक खाया गया नमक मूत्र द्वारा पशु के शरीर से बाहर निकल जाता है।
कम या ज्यादा नमक होने का बुरा प्रभाव पड़ता है पशुओं में
पानी की मात्रा पर्याप्त होने पर आहार में मात्र 2.2 प्रतिशत नमक से भी प्रभाव दिखता है। इसके प्रमुख लक्षण अधिक प्यास लगना और मॉस पेशियाँ की कमजोरी है। कुक्कुटों के चूजों के आहार में 2.2 प्रतिशत से अधिक नमक होने पर उन पर कुप्रभाव पड़ता है। कुक्कुट आहार में नमक की मात्रा यदि 4.0 प्रतिशत से अधिक हो तो असीमित मात्रा में पानी उपलब्ध होने पर भी उनकी मृत्यु होने लगती है।
पशु आहार में खिलाये जाने वाले नमक की मात्रा पशु के निकलने वाले पसीने पर भी निर्भर करती है। प्रयोगों द्वारा ज्ञात हुआ है कि एक घंटे तक पशु का पसीना निकलने पर लगभग 2 ग्राम सोडियम की हानि हो जाती है।
अत: अधिकतम उत्पादन लेने के लिए और पशु को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पशु के शरीर से होने वाली नमक की हानि और आहार से प्राप्ति के बीच संतुलन बनाए रखा जाए। इस तरह पहचानें पशुओं में नमक की कमी के लक्षण नमक की कमी होने पर पशु का शरीर सोडियम और क्लोराइड का मूत्र में उत्सर्जन कम कर देता है।
नमक की कमी से भूख कम हो जाती है पशुओं की
अधिक समय तक आहार में पशु को नमक न मिलने पर पशु उसके आस–पड़ोस में पड़े कपड़े, लकड़ी एवं मलमूत्र आदि को खाने और चाटने लगता है। परीक्षणों द्वारा वैज्ञानिकों ने ज्ञात किया है कि जिन गायों को नमक नहीं खिलाया जाता है, उनकी भूख दो–तीन सप्ताह में कम हो जाती है।
नमक की कमी से पशु आहार की प्रोटीन एवं ऊर्जा का प्रयोग ठीक से नहीं होता है। परिणामस्वरूप पशुओं का शारीरिक भार कम हो जाता है और दूध देने वाले पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आ जाती है।
अधिक मात्रा में दूध देने वाली गायों में नमक की कमी के लक्षण जल्दी एवं स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं। दूध द्वारा उनके शरीर से नमक बाहर निकल आता है नमक कमी के लक्षण प्रकट होने में पशु को लगभग एक वर्ष तक का समय लग जाता है।
कुक्कुटों के आहार में पर्याप्त समय तक नमक की कमी से उनकी वृद्धि दर रुक जाती है। अंडा देने वाली मुर्गियों में अंडा उत्पादन कम हो जाता है। आहार में नमक पर्याप्त समय तक कम होने से कुक्कुट में एक–दूसरे के पंख नोंचने की भी आदत पड़ जाती है।
पशुओं को कितना नमक खिलाना चाहिए
पशुओं में नमक की आवश्यकता उसकी उम्र तथा क़द-काठी के अनुसार होता है। इसके अलावा पशुओं को मौसम के आधार पर भी नमक की आवश्यकता होती है। अलग–अलग पशुओं में उम्र के अनुसार नमक की आवश्यकता इस प्रकार है-पशु अवस्था सोडियम की मात्रा दूध न देने वाले पशुओं के लिए 1.67 ग्राम / 100 किलोग्राम भार दूध देने वाले पशुओं के लिए 4.22 ग्राम / 100 किलोग्राम भार बढ़ोतरी के लिए 1.56 ग्राम बढ़ने वाले पशु हेतु जिनका भार 150–600 किलोग्राम हो गर्भावस्था के लिए 1.54 ग्राम/दिन, 190 – 270 दिन के गर्भावस्था के लिए।