आज जयंती: ‘नत्थूलाल’ के नाम से मशहूर हुए अभिनेता
मुकरी की फिल्मों में आने की कहानी है बेहद दिलचस्प
बॉलीवुड के कुछ ही कलाकार ऐसे रहे हैं जिन्हें दुनिया ने उनके असली नाम से नहीं बल्कि उनके किरदार से उन्हें पहचाना है। ‘भई मूछें हों तो नत्थूलाल जैसी हों वरना ना हो…, ‘तैय्यब अली प्यार का दुश्मन हाय हाय…’, ‘मन्नु भाई मोटर चली पम पम पम.., इन सारे गानों और संवादों में जिस नत्थूलाल, मन्नुभाई और तैय्यब अली की बात की जा रही है वो थे हास्य अभिनेता मुकरी।
Remembering Actor #Mukri Ji On His #BirthAnniversary !#MohammedUmarMukri pic.twitter.com/gYSrY4cNHb
— BollyMints (@BollyMints) January 5, 2023
अभिनेता अपने असली नाम से ज्यादा इन्हीं किरदारों के नाम से जाने गए। चार फुट के गोल मटोल मुकरी के चेहरे पर जो मासूमियत थी वो लोगों का दिल लूट लेती थी। पर्दे पर वो कभी मुख्य भूमिका में नजर नहीं आए, लेकिन उनके बिना फिल्म की कहानी भी हमेशा अधूरी मानी गई।
उनकी भूमिका चाहे छोटी ही क्यों ना हों, उन्होंने दर्शकों को हंसाने में कोई कंजूसी नहीं बरती। तो चलिए आज आपको बताते हैं कैसे हुई थी मुकरी की फिल्मों में एंट्री। 5 जनवरी 1922 को महाराष्ट्र में जन्में मुकरी का असली नाम मोहम्मद उमर मुकरी था।
#CINTAA fondly remembers Mukri on his #BirthAnniversary (5 January 1922)
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.#CINTAA #Mukri #BirthAnniversary #greatactor #bollywoodactor #actor #indianactor #comedian #characteractor #gonebutnotforgotten #rememberingyou pic.twitter.com/eEVq9RFFH0
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ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि मुकरी दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के साथ एक ही क्लास में पढ़ते थे और उनके बहुत अच्छे दोस्त थे।दोनों को ही बचपन से अभिनय का शौक था। दिलीप कुमार और मुकरी फिल्मी दुनिया में नाम कमाने का ख्वाब देखते थे और इसी ख्वाब को पूरा करने के लिए दोनों ने मेहनत शुरू कर दी थी।
कुछ समय के संघर्ष के बाद दिलीप कुमार की मुलाकात देविका रानी से हुई थी। कहते हैं कि दिलीप कुमार साहब को देखते ही देविका रानी उनसे प्रभावित हो गई थीं और फिर उन्हें 1944 में आईं ‘ज्वारभाटा’ फिल्म से लॉन्च कर दिया था।
Remembering Mukri, #Nathulal of Bollywood on his Birth Anniversary. He was one of the more frequent faces appearing in hindi films from 50s to 70s. Some of his notable roles were in films like Mother India, Kalaapani, Anari, Amar Akbar Anthony, Bombay to Goa & Sharabi. #Amitabh pic.twitter.com/BHUfIj9BSK
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इसके एक साल बाद दिलीप कुमार की सिफारिश पर 1945 में फिल्म ‘प्रतिमा’ में देविका रानी ने मुकरी को भी रोल ऑफर किया था।इसके बाद दिलीप कुमार अभिनेता के रूप में चमकने लगे और मुकरी फिल्मों में हास्य अभिनेता के रोल में जम गए। उन दिनों दिलीप कुमार की लगभग सभी फिल्मों में मुकरी का रोल तय रहता था। उन्होंने अपने दौर के सभी बड़े हीरो के साथ काम किया था।
मुकरी ने बॉलीवुड में करीब 500 फिल्मों में काम किया था। फिल्मों में काम करने के साथ साथ राज कपूर, प्राण, सुनील दत्त जैसे सितारों संग उनकी दोस्ती भी अच्छी थी। कहा तो यह भी जाता है कि अमिताभ बच्चन ने मुकरी से ही लोगों को हंसाने की कला सीखी थी।
मुकरी को अंग्रेजी नहीं आती थी, लेकिन वो बड़े आत्मविश्वास से अंग्रेजी के शब्द बोलते थे। ऐसे किस्से भी सुने जाते हैं कि एक बार सुनील दत्त ने उन्हें अपनी कंपनी अंजता आर्ट्स के एक कार्यकम में माइक के आगे खड़ा कर दिया था। दिलचस्प बात यह थी कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विदेशी राजदूत थे।
मुकरी अपने साथ हुई शरारत को समझ गए थे लेकिन वह घबराए नहीं। पूरे आत्मविश्वास से अपनी फन्नी अंग्रेजी में बोले, ‘सर, वी होप यू एन्जॉय प्रोग्राम। वी टू एन्जॉय यू।’ यह सुनते ही मुख्य अतिथि समेत सभी हंसते-हंसते लोट पोट हो गए।
Remembering #Mohammed_Umar_Mukri popularly known as #Mukri on his #Birth_Anniversary 💐
He was an Indian actor,who worked as a comedian in Hindi films.He started his film career with the film #Pratima along with noted film actor Dilip Kumar in 1945.
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— #चित्रपट📽️🇮🇳 (@ChitrapatP) January 5, 2023
मुकरी के इसी अंदाज को अमिताभ वे अपनी फिल्म नमक हलाल में दर्शाया था जिसमें उन्होंने ‘इंग्लिश इज ए फन्नी लैंग्वेज’, ‘आई कैन टाक इंग्लिश’, ‘आई कैन वाक इंग्लिश’ जैसे मजेदार डायलॉग बोले थे। मुकरी ने साल 1994 में अपनी पत्नी की खराब तबीयत के चलते बॉलीवुड से दूरी बना ली और उनकी सेवा करने लगे।
4 सितंबर 2000 को दिल का दौरा पड़ने से मुकरी का निधन हो गया। मुकरी इस दुनिया से चले गए लेकिन अपने अभिनय से लोगों के मन वो अमिट छाप छोड़ गए जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।