तिगरिस नदी का पानी उतरते ही नजर आए प्राचीन कालीन निर्माण
बगदाद। अभी हाल ही में एक चौंकाने वाली ख़बर पूरी दुनिया के सामने आई है। दरअसल, इराक देश में तिगरिस नदी (river tigris) के पानी कम होने के कारण एक शहर की खोज हुई है। पुरातत्व विभाग के अनुसार, ये शहर 3400 साल पुराना है।
इराक के कुर्दिस्तान (kurdistan in Iraq) प्रांत में मिली इस जगह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरातत्ववेत्ताओं का जमावड़ा लग गया है। इस शहर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।
विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ये ताम्र युग का शहर है, जो स्थानीय स्तर पर पानी का स्तर कम होने के बाद बाहर आया है। जानकार बता रहे हैं कि ये शहर 1475 ईसा पूर्व से 1275 ईसा पूर्व के बीच का है।
सामने आ रहीं कई जानकारियां
रिपोर्ट के अनुसार, इस काल में टाइग्रिस क्षेत्र में मित्तानी साम्राज्य का राज था। इस साल सूखा पड़ने की वजह से टिगरिस नदी के तट पर मोसुल बांध में पानी कम होने से ये शहर सामने आया।
इस शहर में कई जानकारियां मिल रही हैं। कई पुराने अवशेष भी मिल रहे हैं। पुरातत्व विभाग के लोगों ने बताया कि इस शहर के बारे में बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। ये भी जानने की कोशिश की जा रही है कि पहले के लोग कैसे जीवनयापन करते थे। उनकी ज़िंदगी कैसी थी।
कई बड़ी संरचनाएं मिली
नदी के तट पर मिले अवशेषों में मिट्टी-ईंट की दीवार, बहुमंजिला इमारत, कई टावर के साथ-साथ अन्य बड़ी संरचनाएं भी मिली हैं। वहीं, यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस साम्राज्य के भीतर एक व्यापार केंद्र हो सकता है।
पुरातत्वविज्ञानी डॉ. इवाना पुलजिज का कहना है कि तट पर मोटी मिट्टी की दीवारों के साथ इमारतों को बेहद सावधानीपूर्वक से डिजाइन किया गया था।
इतने दशक तक भी संरक्षित रही दीवारें
पुरातत्वविद का कहना है कि यहां से मिट्टी के 10 क्युनिफॉर्म टैबलेट भी मिले हैं। बता दें कि क्युनिफॉर्म लिखने की एक प्राचीन शैली है। इस खोज की सबसे दिलचस्प बात यह है कि जलमग्न होने के बावजूद भी इस शहर की मिट्टी-ईंट की दीवारें अच्छी तरह से संरक्षित थीं।
जानकारी के अनुसार 1980 के दशक की शुरुआत में जब यहां मोसुल बांध बनाया गया था तब ये शहर दफन हो गया था। लेकिन सूखा पड़ने के कारण एक बार फिर यह साम्राज्य सतह पर आ गया है।