सुकमा जिले के सिलगेर, कोलईगुड़ा, कमारगुड़ा सहित दुर्गम
इलाके में 5 हजार से अधिक परिवार के घरों का अंधेरा हुआ दूर
जगदलपुर। नक्सल समस्या की वजह से बस्तर के कई दुर्गम इलाकों में बिजली नहीं पहुंच पायी थी। लेकिन बीते चार सालों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को खदेड़कर संवेदनशील और दुर्गम इलाकों में बिजली पहुंचाने का रास्ता साफ किया है। बीते चार सालों में नक्सल घटनाओं में 56 फीसदी तक कमी आयी है। इसका असर ये हुआ कि बस्तर संभाग के 196 गांवों में बिजली पहुंचा दी गयी।
सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाके गुफड़ी के हुर्रा मरकाम बेहद खुश हैं। खुशी की वजह है कि उनके घर में अंधेरे की जगह रोशनी ने ले ली है। In the last four years 196 villages without electricity in Bastar division were illuminated, now children will study and build their future.
मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना से उनके गांव में बिजली पहुंचने खुशी का माहौल है। हुर्रा बताते हैं कि अब यहां रात के अंधेरे में सांप बिच्छू के काटने का डर तो दूर होगा ही साथ ही बच्चे अपना भविष्य भी गढ़ सकेंगे, जिसका उन्हें बरसों से इंतजार था।
सबसे ज्यादा तकलीफ बच्चों की पढ़ाई की थी। बिजली ना होने से शाम के बाद पढ़ाई नहीं हो पाती थी । लेकिन अब बच्चे देर रात तक पढ़ पा रहे हैं। इसी गांव के अजय कलमू का कहना है कि बिजली आने के बाद मोबाइल से बात कर पा रहे हैं। बिजली ना होने से मोबाइल चार्ज कर पाना बड़ी समस्या थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों से ऐसा ही अंधकारमय जीवन व्यतीत करने को विवश बस्तर संभाग के 196 गांवों में बिजली पहुंच पायी है।
पिछले चार साल में रोशन हुआ बस्तर संभाग
🌞☀️💡सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं अबूझमाड़ में बसे गांव और घर
🌞☀️💡नारायणपुर जिले के 196 गाँव हुए अक्षय ऊर्जा से रोशन@bhupeshbaghel@ChhattisgarhCMO @DPRChhattisgarh pic.twitter.com/57Ngm3kW39
— Narayanpur (@NarayanpurDist) July 16, 2020
बीते चार साल में बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में 103 गांव, सुकमा जिले के 61 गांव , बस्तर जिले के 12, दंतेवाड़ा जिले के 11, कांकेर के 05, कोंडागांव के 03 और नारायणपुर के 01 गांव समेत कुल 196 गांव में बिजली पहुंचा दी गयी है ।
सुकमा के अंदरूनी इलाकों तक पहुंची बिजली
सुकमा जिले के 5 हजार से अधिक परिवारों को शासन प्रशासन की मदद से नई रोशनी का सवेरा मिला है। कोलईगुड़ा, कमारगुड़ा, नागलगुण्डा, और करीगुण्डम एक समय नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात गांव रहे। जहां प्रशासन की पहुंच मुश्किल थी, नतीजतन गांव विकास से कोसो दूर रहा।
आज शासन के विकास, विश्वास और सुरक्षा के सूत्र को सफल बनाते हुए पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने नक्सल गुट को खदेड़ दिया है। गांव और गांव के समीप कैम्प की स्थापना से सीधे तौर पर गांव वालों को सुरक्षा के साथ ही विकास की राह मजबूत हुई है और आज गांव में बिजली भी पहुंच गई है।
पिछले चार साल में सुकमा जिले के 61 गांवों के 173 मजरा-टोला में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है । जिसमें 299 किलोमीटर 11 केवी लाइन, 252 किलोमीटर एलटी लाइन और 122 ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं । बिजली पहुंचाने के लिये 2277 लाख रूपये व्यय किये गये हैं । इन 61 गांवों में बिजली पहुंचने से करीब 5 हजार 158 परिवारों के घरों का अंधेरा दूर हुआ है ।
सिलगेर भी हुआ रोशन
मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत कोलईगुड़ा के 82 परिवारों के साथ ही करीगुण्डम के 160, कमारगुड़ा के 120, नागलगुण्डा के 81 तथा सिलगेर के 210 घरों में विद्युत लाईन कनेक्शन किया गया है जिससे ग्रामीणों में उत्साह है।
इन क्षेत्रों में पूर्व में नक्सल अवरोध के कारण विद्युत व्यवस्था किया जाना संभव हो नहीं पा रहा था। लेकिन सुरक्षा कैम्प स्थापित होने के बाद पहले कैम्प और अब गांव तक बिजली पहुंचा दी गई है। सड़कविहीन क्षेत्रों को अब गुणवत्ता पूर्ण सडकों के निर्माण से उन्हें मुख्य मार्ग से जोड़ा जा रहा है।
सड़क बनने से जहां विकास की गति तेज हुई है तो वहीं सुरक्षा कैम्प की स्थापना से ग्रामीणों को सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। सड़क बनने से अब अधोसंरचना निर्माण के साथ ही मूलभूत सुविधाओं की पहुंच भी आसान हुई है।