बिहार को रूपहले परदे पर जीवंत करने
वाले प्रसंगों का किया गया विशेष उल्लेख
पणजी। यहां चल रहे 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (इफ्फी) 53rd International Film Festival of India (IFFI) में स्थापित बिहार पवेलियन ने नवोदित फिल्म निर्माताओं से बुद्ध और महावीर की भूमि की ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का अन्वेषण करने का आह्वान किया है।
इस वर्ष इफ्फी में, एक पहल के तौर पर, कई राज्य सरकारों ने अपने – अपने राज्यों में फिल्म निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिल्म बाजार में अपना पवेलियन स्थापित किया है। मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पुडुचेरी जैसे राज्यों ने अपने-अपने पवेलियन स्थापित किए हैं।
केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर बिहार पवेलियन का दौरा किया था। इससे पहले, प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी, जिन्होंने बिहार पवेलियन का उद्घाटन किया, आईएफएफआई में अपने गृह राज्य का प्रतिनिधित्व देखकर बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं, जिनका उपयोग किये जाने की जरूरत है।
बिहार सरकार की अधिकारी बंदना प्रेयशी ने कहा, बिहार में शूटिंग करने के लिए फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के क्रम में राज्य सरकार ने कई पहलें की हैं। उन्होंने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, तेज कनेक्टिविटी और मजबूत अवसंरचना की उपलब्धता के बारे में बात की।
‘एक्सप्लोर बिहार’ पवेलियन में मौजूद राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि गरीबी से जूझ रहे राज्य के रूप में बिहार के चित्रण को तोड़ने की जरूरत है। वास्तव में, रेल, सड़क, हवाई संपर्क और अवसंरचना के विभिन्न रूपों के सन्दर्भ में बिहार की अवसंरचना में कई गुनी वृद्धि हुई है। ‘एक्सप्लोर बिहार’ पवेलियन इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि मुख्यधारा के फिल्म उद्योग के कई प्रसिद्ध अभिनेताओं, निर्देशकों, तकनीशियनों का गृह राज्य बिहार है।
उम्मीद है कि बिहार से जुड़े और मुख्यधारा के बॉलीवुड फिल्म उद्योग या अन्य क्षेत्रीय फिल्म उद्योग में खुद को स्थापित करने वाले कुशल फिल्म निर्माता, अभिनेता अपने गृह राज्य वापस आने और मजबूत फिल्म निर्माण उद्योग की स्थापना में योगदान देने के लिए प्रेरित होंगे।
ये पैवेलियन सांस्कृतिक, प्राकृतिक और पुरातात्विक महत्व की अनूठी चीजों पर प्रकाश डालता है जैसे सोनपुर पशु मेला जो एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है, और हरमंदिर तख्त श्री पटना साहिब जो सिख समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है।
ये पैवेलियन बिहार में फिल्ममेकिंग की विरासत पर भी प्रकाश डालता है। रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विजेता फिल्म ‘गांधी’ के कुछ सबसे प्रतिष्ठित दृश्यों को सदियों पुराने पटना कलेक्ट्रेट में फिल्माया गया था।
फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम (1970)’ का प्रतिष्ठित गीत ‘ओ मेरे राजा’ राजगीर के विभिन्न स्थानों पर फिल्माया गया था।
दर्शकों द्वारा सराही गई ‘मांझी-द माउंटेन मैन (2015)’ दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित फिल्म है जो कि गया, बिहार के एक गरीब मजदूर थे।
‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के कई दृश्यों को पटना में शूट किया गया है। ये राज कुमार गुप्ता द्वारा निर्देशित और अर्जुन कपूर अभिनीत 2019 की हिंदी भाषा की एक्शन थ्रिलर फिल्म है।
हाल ही में ‘ग्राइंडिंग ह्यूमैनिटी’ नाम की एक फिल्म की पूरी शूटिंग बिहार में की गई है। ‘ग्राइंडिंग ह्यूमैनिटी’ 2022 की हिंदी भाषा की फिल्म है, जिसका निर्देशन रुचिन वीना चैनपुरी ने किया है।
बिहार सरकार का कला, संस्कृति और युवा विभाग जल्द ही बिहार राज्य की फिल्म निर्माण नीति प्रकाशित करेगा। इस नीति में अन्य बातों के साथ-साथ एक ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस मैकेनिज्म’ शामिल होगा जो फिल्म निर्माताओं को कम समय में अलग-अलग परमिट प्राप्त करने में मदद करेगा।