वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात होगी और 15 दिन में एक बार अपने
पास रख सकेगा बेटी को,भिलाई के कारोबारी को दिया अधिकार
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में भिलाई के एक कारोबारी को उसकी बेटी से मिलने का हक दिया है। पत्नी से अलग होने के बाद कानूनी पचडे में पड़े पिता को उसकी बेटी से मिलने नहीं दिया जा रहा था।
दुर्ग की फैमिली कोर्ट ने भी पिता को अधिकार नहीं दिया। कारोबारी ने अपने वकील के माध्यम से फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने पिता के पक्ष में निर्णय दिया है।
यह मामला है कि भिलाई के कारोबारी निमिश अग्रवाल है। निमिश की शादी 2007 में दुर्ग के कारोबारी विजय अग्रवाल की बेटी रूही अग्रवाल से हुई थी। जनवरी 2012 में उनकी एक बेटी पैदा हुई। इसके कुछ समय बाद ही पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया और दोनों अलग हो गए। रूही अग्रवाल ने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था जिसके कारण निमिश अग्रवाल व परिवारवालों को जेल में रहना पड़ा।
इस दौरान पत्नी अपने बच्ची को भी अपने साथ ले गई। इसके बाद निमिश अग्रवाल ने अपनी बेटी की लिए फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर किया था। फैमिली कोर्ट ने पत्नी के पक्ष में निर्णय देते हुए परिवाद को खारिज कर दिया था। इसके बाद कारोबारी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। इसके बाद हाईकोई के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी ने इस मामले में अपना फैसला दिया है।
उन्होंने कहा है कि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता के साथ दादा-दादी का साथ भी जरूरी है। डिवीजन बेंच ने कारोबारी निमिश अग्रवाल को शर्तों के साथ बेटी से मिलने की अनुमति दी है।
हाईकोर्ट ने बच्ची की कस्टडी मां को दी है साथ ही पिता को भी बच्ची से मिलने अधिकार दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से पिता व दादा-दादी बच्ची से बात कर सकेंगे।
कोर्ट यह भी कहा है कि पति पत्नी एक ही जिले के हैं इसिलए 15 दिन में एक बार पिता अपनी बच्ची को दिन भर रख सकता है। इसके लिए बच्ची की मां को दुर्ग के फैमिली कोर्ट में सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच पेश करना होगा। जहां से पिता अपनी बच्ची को पूरे दिन के लिए अपने साथ ले जाएगा इसके बाद 5 बजे तक फैमिली कोर्ट में पहुंचकर बच्ची को उसकी मां को वापस करेगा। यही नहीं त्योहारों में भी पिता को अपनी बच्ची से मिलने व उसे साथ ले जाने का अधिकार दिया है।
कुछ दिन पहले कारोबारी व बेटी
के खिलाफ एफआईआर का आदेश
कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने भिलाई के कारोबारी निमिश अग्रवाल की पत्नी रूही अग्रवाल व उसके पिता करोबारी विजय अग्रवाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था।
दहेज प्रताड़ना के जिस मामले में निमिश अग्रवाल को जेल हुई थी उसमें दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ था। इसमें निमिश अग्रवाल ने 3 करोड़ 5 लाख रुपए देकर केस वानस लेने पर सहमति बनी थी। लेकिन पिता व पुत्री ने केस वापस नहीं लिया। इस मामले में अपील के बाद दोनों पिता पुत्री के खिलाफ कोर्ट ने एफआईआर का आदेश जारी किया था।