रायगढ़ में महिला स्व सहायता समूह
ने कायम की स्वावलम्बन की मिसाल
रायगढ़। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए शासन की बनाई गई योजना किस प्रकार से फलीभूत हो रही है। इसकी एक बानगी विकासखंड रायगढ़ के ग्राम पंचायत सरवानी Gram Panchayat Sarwani of development block Raigarh में देखने को मिली।
जहां सखी ग्राम संगठन, मां आदिशक्ति महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य बिजेश्वरी पटेल 2018 से बिहान समूह से जुड़ी। जहां शासन द्वारा संचालित नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना अंतर्गत ग्राम में गोठान संचालित है। यहां वर्मी कंपोस्ट उत्पादन, सब्जी बाड़ी एवं वृक्षारोपण किया गया।
यहां महिलाओं को आजीविका से जोड़ने के लिए समूह गठन से पहले बैठक आयोजित कर आजीविका पर चर्चा कर मशरूम उत्पादन के लिए बैंक से लिंकेज किया गया। बैंक से 50 हजार रुपए प्राप्त कर 20 हजार रूपए की लागत से मशरूम उत्पादन mushroom production किया गया।
समूह के सदस्यों की मेहनत रंग लाई और पहले प्रयास में सफलता अर्जित की। इस दौरान समूह को लगभग 80 हजार रुपए शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। वर्तमान में समूह के सदस्यों द्वारा 2 लाख 50 हजार रुपए बैंक से ऋण लेकर सभी सदस्य मशरुम उत्पादन व्यक्तिगत रूप से कर रहे हैं।
समूह की सदस्य बिजेश्वरी पटेल स्वयं मशरूम उत्पादन करने के साथ अन्य महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलंबनी बना रही है।
बिजेश्वरी के परिवार में कुल 6 सदस्य हैं, परिवार की आय का मुख्य स्रोत पारंपरिक कृषि पर ही निर्भर रहता है। लेकिन आज बिजेश्वरी बिहान समूह से जुड़कर मशरूम उत्पादन की जानकारी एवं प्रशिक्षण से लगभग 2 लाख 50 हजार से अधिक का लाभ अर्जित कर चुकी है।
आय के स्रोत बनने से परिवार के स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा के साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। मायावती सिदार एवं जयंती महेश्वरी द्वारा भी मशरुम उत्पादन से अच्छी आय अर्जित कर चुकी हैं।
जिनका उपयोग वो परिवार की सहायता, बच्चों की पढ़ाई और इलाज आदि में कर रही है। समूह के सदस्यों का कहना है कि समूह में काम करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। संगठन के फलस्वरुप समूह को व्यक्तिगत जरूरतों में साथ ही आर्थिक सामाजिक मदद मिलती है।
बिजेश्वरी भविष्य में मशरूम उत्पादन को वृहद स्तर पर संचालित करना चाहती है। इसके साथ ही समूह के सभी सदस्य सामूहिक रूप से गुड़ चिक्की निर्माण कर सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय करने की कार्य योजना बना रही है। जिससे समूह को आर्थिक मजबूती के साथ सदस्यों को बेहतर लाभ मिल सके।