आग्रह ठुकरा न सके बघेल, दिलिप षड़ंगी ने दिया साथ
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आमा पान के पतरी, करेला पान के दोना जस गीत गाकर सभी को हैरान कर दिया। बघेल यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। आयोजकों ने सवाल-जवाब के बाद मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ी गीत गाने का आग्रह किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे लोक गायक दिलीप षड़ंगी भी अगली पंक्ति पर बैठे थे।
मुख्यमंत्री ने षड़ंगी को देखा और कहा जब इतने अच्छे कलाकार खुद मंच में हों, तो इससे अच्छी बात क्या होगी। मुख्यमंत्री ने षडंगी को माइक देने के लिए कहा और उनके साथ खुद भी छत्तीसगढ़ी जस गीत झूपत झूपत आबे दाई मोरे अंगना वो.. गाया। ये दिलिप षड़ंगी का ही गाया हुआ मशहूर देवी गीत है। मुख्यमंत्री बघेल का ये अंदाज अब चर्चा में है।
छत्तीसगढ़ लंका नहीं है, यहां ऐसी कोई संभावना नहीं
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से कुछ सियासी सवाल पूछे गए। बात महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सियासत पर हुई। पूछा गया कि कहीं प्रदेश में भी सत्ता पलट न हो जाए कोई घर का भेदी लंका न ढहा दे, इस पर हंसते मुख्यमंत्री बोले ये छत्तीसगढ़ है लंका नहीं, यहां ऐसी कोई संभावना ही नहीं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में छत्तीसगढ़ मॉडल सफल है। हम आम लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हम वह काम कर रहे हैं, जिससे आम जनता के जेब में पैसा आये और उनकी आय बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की। छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने गोबर खरीदी की। अब गोमूत्र की भी खरीदी करने जा रहे हैं। इससे बड़ा फायदा यह हुआ कि किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है।
नक्सल वारदातों में कमी, आदिवासी
समाज को हमने लिया भरोसे में
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा हम नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं। नक्सली घटनाओं में कमी आ रही है।
हमने इसके लिए ‘विश्वास, विकास और सुरक्षा’ की नीति अपनायी। आदिवासी समाज जल, जंगल जमीन से जुड़ा है। हमने आदिवासी समाज को विश्वास में लेकर काम करना शुरू किया।