आज जन्मदिन- हिंदी सिनेमा की पहली आइटम गर्ल का दर्जा है हेलन का, फिल्मों की सफलता की गारंटी होती थी उनकी मौजूदगी
मुंबई। हेलन को अगर बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। कुछ ही दिन बाद हेलन अपनी जिंदगी के 83 साल पूरे कर चुकी हैं । हेलन को आखिरी बार साल 2000 में रिलीज हुई फिल्म ‘मोहब्बतें’ में देखा गया था। 22 साल हो गए, उन्हें लाइम लाइट से दूर हुए।
कभी-कभी अपने परिवार के साथ या फिर अपनी पक्की सहेलियां वहीदा रहमान और आशा पारेख के साथ पिकनिक मनाते जरूर नजर आ जाती हैं। भारतीय सिनेमा में आइटम सॉन्ग शुरू करने का श्रेय हेलन को ही जाता है।
एंग्लो इंडियन हेलन जब तक फिल्मों में रहीं, उनका स्टारडम चरम पर रहा । अपने डांस से हेलन ने दर्शकों को खूब एंटरटेन किया।
चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाली हेलन की जिंदगी में कभी सिर्फ मायूसी थी। हेलन का जन्म 21 नवंबर 1938 में बर्मा में हुआ था। उनकी मां बर्मा की थीं। हेलन का एक भाई और एक सौतेली बहन जेनिफर थी। पिता की मौत के बाद उनकी मां ने एक ब्रिटिश सैनिक से शादी कर ली। इसके बाद हेलन ने अपने सौतेले पिता का सरनेम रिचर्डसन अपना लिया। लेकिन वर्ल्ड वॉर-2 में रिचर्डसन की मौत हो गई।
युद्ध के दौरान मुश्किलें झेलीं परिवार के साथ
जब जापान ने बर्मा पर कब्जा किया तो हेलन का पूरा परिवार भारत की ओर चल दिया। यात्रा के दौरान उन्हें जंगलों और गांवों से गुजरना पड़ा। हेलन की मां और दोनों भाई-बहन भूख से बिलख रहे थे। तब ग्रामीणों ने उन्हें अपने घर पर रखा और खाना दिया।
वहीं पर एक ब्रिटिश सैनिक ने उन्हें मुंबई जाने के लिए गाड़ी, खाना और दवाइयां दी। जिस ग्रुप के साथ हेलन का परिवार मुंबई जा रहा था उनमें से कुछ लोग भुखमरी और कुछ बीमारी के कारण मर गए। मुंबई की मंजिल अभी दूर थी इसलिए हेलन की मां ने कोलकाता में रुकने फैसला किया। हेलन का पूरा परिवार वहीं घर लेकर रहने लगा। वो वहां पर नर्स का काम करने लगीं।
कुकु से मुलाकात ने बदल दी जीवन की दिशा
हेलन और उनके दोनों भाई-बहन को स्कूल भेजा गया। लेकिन मां की सैलरी से घर का खर्च निकालना मुश्किल था। कोलकाता में रहने के दौरान हेलन की मां की मुलाकात कुकु मोरे से हुई जो फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर थीं। हेलन घर चलाने के लिए नौकरी ढूंढ रही थीं। तब कुकु ने हेलन को फिल्मों में कोरस डांसर की नौकरी दिलवाई। उन्हें साल 1951 में आई फिल्म ‘शाबिस्तान’ में ग्रुप डांसर का रोल ऑफर हुआ था। इधर हेलन के आते ही कुकु का चार्म फीका पड़ने लगा और हेलन ने अपनी जगह बना ली।
19 साल की उम्र में हेलन को फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ में बड़ा ब्रेक मिला। इस फिल्म के गाने ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ ने हेलन की किस्मत बदल दी। इसके बाद तो वो बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल बनकर सामने आईं।
हेलन के चर्चित आइटम सॉन्ग्स में- ये मेरा दिल यार का दीवाना, आ जाने जां, यम्मा यम्मा, सुकू सुकू, ओह हसीना जुल्फों वाली,पिया तू अब तो आजा आदि शामिल हैं।
27 साल बड़े डायरेक्टर से किया पहला विवाह
हेलन 60 के दशक की सेक्स सिंबल मानी जाने लगीं। हेलन अपने डांस के साथ खूबसूरती के लिए भी जानी जाती थीं। वो जब भी घर से बाहर निकलती थीं तो बुर्का पहनती थीं। बेहद सुंदर होने की वजह से वो छेड़छाड़ का शिकार भी होती थीं।
1957 में हेलन ने अपने 27 साल बड़े डायरेक्टर पीएन अरोड़ा से शादी कर ली लेकिन ये 16 साल की शादी हेलन के 35वें बर्थडे के दिन टूट गई। हेलन ने पीएन अरोड़ा से इसलिए तलाक ले लिया क्योंकि वो उनके पैसे उड़ाते थे। हेलन फिल्मों से अच्छी कमाई करती थीं। उनके पति इसी का फायदा उठाते थे। पति के खर्च के चलते हेलन दिवालिया हो गईं। यहां तक कि उनका अपार्टमेंट भी किराया ना देने के चलते सीज कर दिया गया। पति को तलाक देने के बाद हेलन ने अकेले जिंदगी की जंग लड़ी।
सलीम खान से मिली और अपनी दुनिया बसा ली
1962 में फिल्म ‘काबिल खान’ के दौरान हेलन की मुलाकात सलमान खान के पिता सलीम खान से हुई। सलीम खान हेलन को देखते ही उन्हें दिल दे बैठे। सलीम खान ने हेलन को फिल्में दिलाने में मदद की।
लेकिन वो पहले से ही शादीशुदा थे इसलिए उनकी पत्नी सुशीला (सलमा) ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बावजूद सलीम ने हेलन से शादी की। कुछ समय की नाराजगी के बाद सुशीला और उनके बच्चों ने हेलन को अपना लिया।
अब सलमान खान भी उन्हें मां का दर्जा देते हैं। 1971 में हेलन ने अपनी मां और भाई-बहनों को हमेशा के लिए छोड़ दिया क्योंकि उनकी मां अपने ही ड्राइवर के साथ भाग गई थीं। उनकी मां का निधन 1986 में हो गया था। हेलन ने 1983 में फिल्मों से संन्यास ले लिया था।
लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कई फिल्मों में गेस्ट अपीयरेंस दी। हेलन को उनके भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।