आज जन्मदिन: टाइम्स पत्रिका ने रहमान
को दी है मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि
अल्लाह रक्खा रहमान लोकप्रिय रूप से ए॰ आर॰ रहमान भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिन्दी और तमिल फिल्मों में संगीत दिया है। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्मतः उनका नाम ‘अरुणाचलम् शेखर दिलीप कुमार मुदलियार’ रखा गया।
धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने अल्लाह रक्खा रहमान नाम रखा। ए. आर. रहमान उसी का संक्षिप्त रूप है। रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिल के अतिरिक्त हिंदी तथा कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी।
रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय व्यक्ति हैं। ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त हुए है।
इसी फिल्म के गीत ‘जय हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार भी मिले।
Wishing The Mozart Of Madras, Oscar Award Musician @arrahman a Very Happy Birthday 💐#HBDARRahman ✨
Director Maniratnam about AR Rahman at Roja Movie Event pic.twitter.com/XSk9bbA9en
— BA Raju's Team (@baraju_SuperHit) January 6, 2023
रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर (आर. के. शेखर) मलयालम फ़िल्मों में संगीतकार थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलैयराजा के बैंड के लिए भी काम करते थे।
चेन्नई के “नेमेसिस एवेन्यू” बैंड की स्थापना का श्रेय रहमान को ही जाता है। वे की-बोर्ड, पियानो, हारमोनियम और गिटार भी बजा लेते है। वे सिंथेसाइजर को कला और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम मानते हैं। रहमान जब नौ साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी।
तब परिस्थितियाँ इतनी बिगड़ गई कि पैसों के लिए घरवालों को रहमान के पिता के वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा। इसी बीच उनके परिवार ने इस्लाम धर्म अपनाया। बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहाँ से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री प्राप्त की।
Happy Birthday Isai Puyal AR Rahman.
Thank you for existing @arrahman 🙏🙏#HappyBirthdayARRahman pic.twitter.com/6a8XHIrKN1
— Charan reviews (@Tamasha999) January 5, 2023
12 मार्च 1995 को चेन्नई में रहमान का सायरा बानो से विवाह संपन्न हुआ। उनके दो बेटीयाँ खदिजा, रहीमा और एक बेटा अमीन हैं। रहमान की पत्नी सायरा बानो की सगी बहन के पति, जिनका नाम भी रहमान है, वे एक दक्षिण भारतीय अभिनेता है। रहमान के भाँजे जी. वी. प्रकाश कुमार भी एक प्रतिष्ठित संगीतकार हैं । वे रहमान की बड़ी बहन ए. आर. रेहाना के सुपुत्र हैं ।
1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया। 1992 में उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म ‘रोजा’ में संगीत देने का न्योता दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता।
Believe it, these two songs are released in same year, first one is from Country's top composer's song in a big star film and the other one is from a new comer's low budget film, look at the sound quality, that's how AR Rahman entered Tamil Cinema🔥
Happy Birthday G.O.A.T.🐐🎉 pic.twitter.com/C2lvkW3WmQ
— JS || Hari Asylum Stan (@revengerda) January 6, 2023
इस पुरस्कार के साथ आरंभ हुआ रहमान की जीत का सिलसिला आज तक जारी है। रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, ताल, जीन्स, पुकार, फिज़ा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लमडॉग मिलियनेयर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है।
उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर 1997 में “वंदे मातरम्” एलबम बनाया, जो अत्यधिक सफल रहा। भारतबाला के निर्देशन में बनी एलबम “जन गण मन”, जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई नामी हस्तियों ने सहयोग दिया उनका एक और महत्वपूर्ण काम था।
It is God of music Rahman's birthday..#HappyBirthdayARRahman pic.twitter.com/bg55ZG9f1a
— Mohabbatein (@sidharth0800) January 5, 2023
उन्होंने स्वयं कई विज्ञापनों के जिंगल लिखे और उनका संगीत तैयार किया। उन्होंने जाने-माने कोरियोग्राफर प्रभुदेवा और शोभना के साथ मिलकर तमिल सिनेमा के डांसरों का ट्रुप बनाया, जिसने माइकल जैक्सन के साथ मिलकर स्टेज कार्यक्रम दिए।
रहमान विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में शामिल हैं। 2004 में रहमान को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बंद करो टीबी, भागीदारी के वैश्विक राजदूत, एक परियोजना के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बच्चों, भारत बचाओ सहित दान के लिए समर्थन दिखाया गया है और उनके गीत “इंडियन ओशन” के लिए यूसुफ इस्लाम के साथ काम किया है।
दिलचस्प है रहमान की लव स्टोरी
एआर रहमान ने लव मैरिज नहीं की थी, लेकिन उन्होंने शादी के लिए अपनी मां करीमा बेगम को अपनी पसंद के बारे में सब कुछ बता दिया था कि उन्हें अपनी होने वाली पत्नी में क्या क्या गुण चाहिए। उनको जैसी लड़की चाहिए थी, मां ने अपने बेटे के लिए वैसी ही लड़की ढूंढने का बेड़ा उठा लिया।
अरे… हमने तो आपको यह बताया ही नहीं कि एआर रहमान को अपनी होने वाली बेगम में क्या क्या गुण चाहिए। तो चलिए बताते हैं, पहला कि वह खूब पढ़ी लिखी हो, वह ऐसा इसलिए चाहते थे क्योंकि रहमान ने सिर्फ स्नातक ही पढ़ पाए थे। दूसरा उसे संगीत से प्रेम हो और तीसरा वह बहुत शालीन होने के साथ खूबसूरत भी हो।
इन सभी खूबियों से भरपूर लड़की तलाशना बेहद मुश्किल था रहमान की मां के लिए, क्योंकि तीनों ही गुण किसी एक में मिलना आसान नहीं था। लंबी खोजबीन के बाद रहमान की मां एक दिन चेन्नई के एक बिजनेसमैन के घर अपने बेटे का रिश्ता लेकर पहुंचीं। बिजनेसमैन की दो बेटियां थीं।
जिनका नाम मेहर और सायरा बानो था। वह देखने तो उनकी छोटी बेटी मेहर को गए थे। अब इत्तेफाक कहे या किस्मत का लिखा, रहमान की मां को वे सभी गुण उनकी बड़ी बेटी सायरा बानो में नजर आ गए। ..तो फिर क्या था, सोने पर सुहागा.. उन्होंने तुरंत मेहर के पिता से उनकी बड़ी बेटी सायरा बानो के रिश्ते की बात रख दी थी।
साल 1995 में एआर रहमान और सायरा शादी के बंधन में बंध गए थे। शादी के समय रहमान 27, जबकि सायरा 21 साल की थीं। शादी के बाद जब दोनों ने एक-दूसरे को करीब से जाना तो उनका प्यार भी उतना ही गहरा हो गया। एआर रहमान ने भारतीय सिनेमा में संगीत को नए आयामों तक पहुंचाया है।
सम्मान और पुरस्कार
"மிகப்பெரிய புத்திசாலித்தனமோ உயர்ந்த கற்பனை வளமோ மேதைகளை உருவாக்குவதில்லை. மாறாத அன்பு, அன்பு, அன்பு மட்டுமே ஓர் உண்மையான மேதையின் ஆன்மாவாக இருக்கிறது."
~ மொஸார்ட்
ARR, an escapism I seek! 🎶
Happy Birthday A.R. Rahman ❤ pic.twitter.com/VWhJ6EXeKa
— Dhivya Marunthiah (@DhivCM) January 6, 2023
संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए 1995 में मॉरीशस नेशनल अवॉर्ड्स, मलेशियन अवॉर्ड्स।
फर्स्ट वेस्ट एंड प्रोडक्शन के लिए लारेंस ऑलीवर अवॉर्ड्स।
चार बार संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता।
2000 में पद्मश्री से सम्मानित।
मध्यप्रदेश सरकार का लता मंगेशकर अवॉर्ड्स।
छः बार तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड विजेता।
11 बार फिल्म फेयर और फिल्म फेयर साउथ अवॉर्ड विजेता।
विश्व संगीत में योगदान के लिए २००६ में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सम्मानित।
2009 में फ़िल्म स्लम डॉग मिलेनियर के लिए गोल्डेन ग्लोब पुरस्कार।
ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए ऑस्कर पुरस्कार।
2009 के लिये 2 ग्रैमी पुरस्कार, स्लम डॉग मिलेनियर के गीत जय हो…. के लिये: सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक व सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत के लिये।