मुख्यमंत्री बोले-ऑपरेशन दुरूह था,संकट आए लेकिन हिम्मत
बनी रही,राज्योत्सव में होगा राहुल और टीम का फिर से सम्मान
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जांजगीर-चांपा जिले के बोरवेल में फंसे बच्चे राहुल साहू (Rahul Sahu) को निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान (Rescue Operation) पर डाक्यूमेंटरी फिल्म (Documentary Film on Rahul Sahu Rescue ) बननी चाहिए। बचाव टीम के इस अनुभव को प्रदेश और देश के लोग समझ सकें। यह फिल्म भविष्य में ऐसी होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए भी सीख बनेगी।
मुख्यमंत्री बघेल गुरुवार 16 जून को अपने निवास कार्यालय में जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरीद के बोरवेल में फंसे बच्चे राहुल साहू के बचाव अभियान में उल्लेखनीय भूमिका अदा करने वाले जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, सेना और पुलिस के जवानों सहित इस आपरेशन में सहयोग देने वाले लोगों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने बचाव टीम को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल की पढ़ाई, लिखाई एवं उसके चिकित्सा का पूरा खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। मैं पूरी रेस्क्यू टीम और प्रदेश और देश की जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने राहुल के शीघ्र रेस्क्यू के लिए दुआ की। आप सभी की सूझबूझ, मेहनत, लगन और हौसलों ने काम किया।
सभी का लक्ष्य एक ही था, राहुल को बचाना और वह पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन दुरूह था, संकट आए, संघर्ष आए, लेकिन हिम्मत बनी रही। इस पूरे घटनाक्रम की डॉक्यूमेंट्री बननी चाहिए ताकि लोग इसे देखें, समझें जिससे भविष्य में इस तरह की घटना को टाला जा सके।
आप सभी का सम्मान कर मन नहीं भरा है, आप लोगों को और सम्मानित करने का मन करता है। बच्चे राहुल साहू को बोरवेल से निकालने वाले बालक अजरूल और पूरी टीम को राज्योत्सव में आमंत्रित किया जाएगा और वहां पर आप सभी का सम्मान होगा।
टीम के समर्पण भाव की जितनी तारीफ करें, कम है:भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बचाव टीम से कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी आप सभी डटे रहे, कड़ी धूप में, खुले मैदान में लगातार संघर्ष करते रहे। ईश्वर ने राहुल में कुछ कमी कर दी है, लेकिन दूसरी ओर कुछ खासियत भी दी है। राहुल की हिम्मत और संतोष ने बहुत बड़ा काम किया है। राहुल की पढ़ाई लिखाई और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। स्पीच थेरेपी, श्रवण यंत्र लगवाने की जरूरत होगी तो उसका खर्चा भी राज्य सरकार उठायेगी। मैं बचाव ऑपरेशन की पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव टीम के सामने चुनौती बहुत बड़ी थी पर हिम्मत और जोश में कोई कमी नही थी। जहां आवश्यकता थी वो सारे लोग उपस्थित रहे ,मशीनरी उपलब्ध होती गयी। उन्होंने कहा कि जैसे ही सूचना मिली सारी टीम, जो भी एक्सपर्ट थे सभी को सूचना दी गई। बचाव मुहिम में 5 दिन तक लगातार 24 घण्टे काम करते हुए आप थके नहीं। बचाव टीम के लोगों ने जिस लगन और समर्पण भाव से काम किया है, निश्चित रूप से जितनी प्रशंसा की जाए कम है। संकट कभी बता कर नहीं आता, और भी बचाव अभियान हुए हैं परंतु यह 104 घण्टे का सबसे लंबा अभियान चला।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायक रामकुमार यादव, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सेना के ब्रिगेडियर विगनेश मोहंती, आयुक्त जनसंपर्क दीपांशु काबरा, बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी, जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल और संचालक जनसंपर्क सौमिल रंजन चौबे सहित रेस्क्यू टीम के सदस्य उपस्थित थे।
अजरूल के हौसले की तारीफ की मुख्यमंत्री ने, अपनी
जान की परवाह नहीं कर राहुल को सुरंग से निकाला था
जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बोर में फंसे 11 वर्षीय बच्चे राहुल की जान एक बच्चे ने ही बचाई है। उस बच्चे का नाम है अजरूल। अजरूल ने राहुल को बचाने में अपनी जान की भी परवाह नहीं की। जब मुख्यमंत्री ने अजरूल से बातचीत करते हुए उससे पुछा कि आपको डर नहीं लगा तो उसने कहा मुझे सबसे पहले बच्चे की जान बचाने की फिक्र थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजरूल को मुख्यमंत्री निवास पर आज आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया और राज्योत्सव में पुनः सम्मानित करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजरूल की साहस की सराहना करते हुए कहा कि एक बच्चे ने दूसरे बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी, अजरूल की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है।
राहुल को निकालने में प्रशासन का पूरा अमला लगा हुआ था। 104 घंटे के इस रेस्क्यू अभियान को अंतिम परिणाम तक पहुंचाने में अजरूल हक की महत्वपूर्ण भूमिका थी। अजरूल रायपुर स्मार्ट सिटी में सीवरेज सिस्टम में कार्यरत है।
जब रेस्क्यू टीम ने खुदाई पूर्ण कर टर्नल बना कर राहुल के करीब पहुंच गए तब उस समय राहुल को बाहर निकालने का निर्णय लिया और यह जिम्मा अजरूल हक को दिया गया। अजरूल को सेफ्टी बेल्ट पहनाकर मुंह के बल नीचे उतारा गया।
अजरूल ने बताया कि – जब वे नीचे उतरे तो देखा कि राहुल गड्ढे में लेटा हुआ है। तब मैने राहुल को उठाया और उसे सेफ्टी बेल्ट पहनाया और उसे बाहर निकाल लाया। जब मैं गड्ढे में उतरा तो उस समय मेरी जहन में एक ही बात थी कि मेरी जान भले ही चली जाए पर बच्चे की जान बच जाए। इसी सोेच ने मुझे प्रेरणा दी और मुझे किसी प्रकार का डर नहीं लगा और मैं राहुल को बचा पाया।
कलेक्टर ने बताई अभियान की रोचक-चुनौती से भरी दास्तां
कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पूरे बचाव अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि राहुल को सकुशल निकालना है। राहुल को हर हाल में बाहर निकलना है, बचाव अभियान में जिन संसाधनों की जरूरत होगी वो उपलब्ध कराए जाएंगे।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। सेना की टीम भी मौके पर पहुंची। बचाव दल के रास्ते में अनेक कठिनाइयां आई, सुरंग के रास्ते में चट्टान आई। बोरवेल के अंदर जहरीला सांप भी था। मुख्यमंत्री लगातार बचाव कार्य का अपडेट लेते रहे। बचाव कार्य के दौरान आसपास के गांव वालों ने आगे बढ़कर दल का सहयोग किया।
आईजी बोले-मुख्यमंत्री के वादे से हमें भी हिम्मत मिली
बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि इस अभियान ने साबित कर दिखाया कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, हम लगातार एक-दूसरे से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने राहुल की दादी से वादा किया था कि हम तुम्हारे पौत्र को वापस लायेंगे, इसी वादे से हमें भी हिम्मत मिली। उन्होंने बताया कि परिस्थितियां चुनौती भरी रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन सफल हुआ।
जांजगीर-चांपा के एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग और मार्गदर्शन और राहुल की हिम्मत से यह ऑपरेशन सफल हुआ। मुख्यमंत्री रेस्क्यू टीम को लगातार हौसला दे रहे थे। रेस्क्यू टीम को सहयोग देने के लिए बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा से टीम आई। बचाव के कार्य में प्राइवेट फिल्ड के लोगों ने बहुत मदद की।
मुख्यमंत्री कार्यालय के टि्वटर हैंडल से 100 से भी ज्यादा
टि्वट, जो किसी भी न्यूज चैनल की ब्रेकिंग से अधिक
संचालक जनसम्पर्क सौमिल रंजन चौबे ने कहा कि जनसम्पर्क की टीम ने बिना सोये लगातार काम किया, जनसंपर्क संचालनालय में भी हमारी टीम रातभर जागती रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में सही और तथ्यपूर्ण जानकारी मीडिया को पहुंचाते रहे।
इस अभियान ने पूरे छत्तीसगढ़ को एक सूत्र में पिरो दिया। भावनात्मक रूप से सबको जोड़ दिया। उन्होंने बताया कि हमारे विभाग के सहायक जनसम्पर्क अधिकारी कमलज्योति जाहिरे और उनकी टीम ने 72 घंटे बिना थके और बिना सोये काम किया।
सीएमओे ट्वीटर हैंडल से 100 से भी अधिक ट्विट किये गए जो किसी भी न्यूज चैनल की ब्रेकिंग से ज्यादा है। हमने इस अभियान में लगातार न्यूज चैनलों को सकारात्मक और सच्ची ख़बरें पहुंचाई। 104 घंटे के इस अभियान ने छत्तीसगढ़ को एक धागे में पिरोया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ऑपरेशन सफल हुआ। कार्यक्रम में बचाव अभियान में लगी टेक्नीकल टीम, लाईट, टेंट, जनरेटर, वेल्डिंग मशीन, गैस कटर, मशीनरी लेबर प्रोवाईडर, बोरवेल कैमरा सेटअप संचालक, ड्रीलिंग, पोकलेन चलाने वाले, एसईसीएल की रेस्क्यू टीम और फूड प्रोवाईडर्स को भी सम्मानित किया गया।
अस्पताल में भावुकता का पल, मां
की नजरें बेटे से हट नहीं रहीं..बोलीं….
बिलासपुर में अपोलो अस्पताल के आईसीयू में राहुल की माँ गीता साहू। माँ बार-बार बेटे का माथा चूम रही है..मेरा लाल..मेरा लाल कहकर सर में हाथ फेर रही है,दुलार रही है। एक -एक जख्मों को देख रही है मानो आज ही वो सारे जख्मों को भर देना चाहती हो।
राहुल सुन नहीं सकता, पर माँ के हाथों में वो जादू है जिससे सिर्फ महसूस भर किया जा सकता है, सुनने की जरूरत ही कहाँ है। राहुल बोल भी नहीं सकता, एकटक माँ को ही देख रहा, माँ उसे निहार रही है फिर शब्दों की किसे जरूरत है । राहुल और उसकी माँ का प्यार देखकर तो लगा जैसे दोनों को पूरी दुनिया मिल गयी हो।
मिलने वालों के आगे कृतज्ञता के हाथ जोड़े खड़ी है मां
अस्पताल में राहुल की माँ गीता साहू से जो भी मिलने आ रहा है वो दोनों हाथों को कृतज्ञता से जोड़ ले रहीं हैं। गीता ने पांच दिन से कुछ नहीं खाया है और ना ही सोयी हैं । वे कहती हैं कि भगवान कैसे होते हैं, बीते पांच दिनों में देखा है। मेरा तो बेटा है राहुल पर बाकी लोग उसे बचाने के लिये दिन-रात ,भूखे-प्यासे, बिना सोये लगे रहे।
ये सब मेरे लिये साक्षात भगवान हैं। मैं तो सिर्फ पैदा की हूं राहुल को लेकिन सब ने मिलकर उसे नया जन्म दिया है। देश भर से करोड़ों लोगों की दुआओं ने असर किया है और आज मेरा बेटा मेरे सामने है।
हमर मुख्यमंत्री को हम सब परिवार के लोग करोड़ों बार प्रणाम करते हैं। वे दिन-रात राहुल की खबर लेते रहे। यहां अधिकारियों के पास और हमारे पास भी मुख्यमंत्री जी लगातार फोन करते रहे। गीता आगे कहतीं हैं कि सरकार, प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी।
भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दे।दरअसल गीता ने ही सबसे पहले खोजते हुए राहुल को बोरवेल में पाया था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राहुल घर के बाहर खेल रहा था। जब बहुत देर तक नहीं आया तो चिंता हुई।
मैं खोजने निकली तो बोरवेल के पास से राहुल के रोने की आवाज आयी। मैं करीब गयी और कान लगाकर सुना तो राहुल ही रो रहा था। इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी तो बिना देर किये सभी लोग आ गये और बचाव कार्य शुरू कर दिए।
मुख्यमंत्री बोले-एक-एक नागरिक की जान हमारे लिए
अनमोल, राहुल की पढ़ाई का खर्च उठाएगी राज्य सरकार
बोरवेल में गिरने के बाद 5 दिनों के संघर्ष में मौत को हराकर लौटे राहुल को देखने बुधवार 15 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल पहुँचे तो भावनाओं का समंदर उमड़ पड़ा।
जनप्रतिनिधि, अधिकारी, डॉक्टर, स्टाफ, हर किसी की आंखें नम हो गयीं। वजह, मुख्यमंत्री को देखकर राहुल की माँ गीता के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। गीता ने मुख्यमंत्री से कहा आप हमारे लिये भगवान समान हैं। आपकी टीम ने पत्थरों को चीरकर मेरे बेटे की जान बचायी है। किसी ने ना भूख देखी ना प्यास और ना ही एक पल के लिए कोई सोया।
जब तक राहुल बाहर नहीं आ गया सभी लोग ऐसे लगे रहे जैसे उनका बेटा फंसा हो। आप सब को, आपके बच्चों को हमारा परिवार जीवन भर दुआएं देगा। मुख्यमंत्री करीब 5 मिनट तक आईसीयू में रुके और मां की बातें ध्यान से सुनते रहे।
पूरे समय गीता के आंसू नहीं रुके और हाथ जोड़े खड़ी रहीं। मुख्यमंत्री ने राहुल की मां के सर पर स्नेह पूर्वक हाथ रखकर सांत्वना दी और कहा कि ये हमारा फर्ज था। हमारे लिए एक एक नागरिक जान अनमोल है। बघेल ने राहुल से भी बात की और हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में पूरी रेस्क्यू टीम ने असाधारण काम किया है। लेकिन ये हमारा फर्ज था। बघेल ने कहा कि राहुल की पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी,आप लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स को राहुल का बेहतर और समुचित इलाज करने के निर्देश भी दिये।