छत्तीसगढ़ में चार साल में लघु वनोपज संग्राहकों को 345 करोड़ का
भुगतान,एसएचजी की संख्या 4 गुना बढ़कर 17 हजार से अधिक हुई
रायपुर। घर में चूल्हा चौका करो, बच्चे संभालो । ग्रामीण क्षेत्र में हम घरेलू महिलाओं के लिये अधिकांश लोग यही कहते हैं । लेकिन हम सभी ने ठान लिया था कि घर से बाहर निकलकर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करनी है। 345 crore Payment to small forest produce collectors in four years in Chhattisgarh, the number of SHGs increased 4 times to more than 17 thousand
ये कहना है देवभोग की पार्वती साहू का जिन्होंने लघु वनोपज की प्रोसेसिंग से तीन महीने में 5 लाख से ज्यादा की आमदनी की । वे कहती हैं कि ‘हम दस महिलाओं ने सवेरा स्व सहायता समूह से जुड़कर लघु वनोपज ( इमली, फूल इमली, महुआ, चिरौंजी आदि) की प्रोसेसिंग का काम किया।
इन 4 साल मे कितना बदला छत्तीसगढ़.
• छत्तीसगढ का हरा सोना अपनी चमक बिखेर रहा देशभर में 75% फीसदी से ज्यादा की वनोपज की खरीदी सिर्फ छ.ग. मे.
– 15 साल लघु वनोपंजो की खरीदी 2018-19 ₹2.55 करोड..
– आज भूपेश सरकार मे लघु वनोपंजो की खरीदी ₹158 करोड़ 2020-21#CGSwabhimaanKe4Saal pic.twitter.com/Mru5jMUqkz
— Satya Meva Jayate (@zafarmohdINC) December 17, 2022
इसी साल अप्रैल से जून तक काम करने पर हमारे समूह को 5 लाख 19 हजार रूपये की आय हुई । समूह की प्रत्येक महिला को 45 से 50 हजार रूपये मिले’।
पहले ग्रामीणों को लघु वनोपज और उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था । समर्थन मूल्य पर क्रय करने के लिये लघु वनोपज की संख्या कम थी लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इनकी संख्या बढ़ाकर 65 कर दी है।

पहले बाजार में ग्रामीणों से औने-पौने दाम पर लघु वनोपज की खरीदी होती थी। लेकिन संख्या बढ़ने और समर्थन मूल्य की दर निर्धारित होने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति ठीक हुयी है।
गरियाबंद जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र के विकास खण्ड मुख्यालय देवभोग के इंदागांव में लघु वनोपज पर आधारित ग्रामीण उद्यम पार्क की स्थापना जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में इसका शुभारंभ भी किया है। इंदागांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत बड़ी मात्रा में लघु वनोपज जैसे-महुआ फूल सुखा, चिरौंजी गुठली, दाल, महुआ बीज, लाख इत्यादि वनोपज पाए जाते है।
#CGKeKhushhaal4Saal #CGSwabhimaanKe4Saal CM @bhupeshbaghel ने कहा – CG में देश का 74% लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है। उनका वैल्यू एडिशन भी किया जा रहा है सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने पर CM वृक्ष संपदा योजना लागू करने की घोषणा की इसके लिए 100 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया जा रहा है pic.twitter.com/xY0CoBEykz
— sanjeet kumar (संजीत कुमार) Journalist (@sanjeet_08) December 17, 2022
गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक ने बताया कि लघु वनोपज से स्व सहायता समूहों को जोड़कर लगातार उनकी बेहतरी के प्रयास किये जा रहे हैं । देवभोग इलाके में वन धन केंद्रों में 70 से अधिक समूह कार्य कर रहे हैं।
इन समूहों की सफलता देखकर इनसे जुड़ने के लिये प्रतिदिन बड़ी संख्या में महिलाएं संपर्क कर रही हैं और प्रशासन द्वारा लगातार इन्हें लघु वनोपज से जुड़े कार्यों में जोड़ा जा रहा है।
आमदनी इतनी अधिक कि एसएचजी की संख्या 4 गुना बढ़ी

राज्य में लघु वनोपज के प्रोसेसिंग से स्व सहायता समूह (एसएचजी) Self Help Group (SHG) की महिलाओं को जबरदस्त आमदनी हो रही है। इसका ये असर हुआ कि पिछले चार साल में लघु वनोपज से जुड़े एसएचजी की संख्या बढ़कर चार गुना हो गयी है।
वर्तमान में राज्य में लघु वनोपज की प्रोसेसिंग से 17 हजार 424 एसएचजी जुड़े हुये हैं वहीं 4 साल पहले इनकी संख्या 4 हजार 239 थी। छत्तीसगढ़ ने न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत पूरे देश के 74 प्रतिशत से अधिक लघु वनोपज का क्रय करते हुए देश में लगातार प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
लघु वनोपज की संख्या बढ़ने से आया बदलाव

पूर्व में न्यूनतम समर्थन मूल्य / समर्थन मूल्य पर क्रय की जाने वाली लघु वनोपज प्रजातियों की संख्या 07 थी। वर्तमान में सरकार द्वारा 65 प्रकार की लघु वनोपज को क्रय किया जा रहा है। पिछले चार सालों में इसके संग्रहण से जुड़े ग्रामीणों को किये गये भुगतान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
लघु वनोपज संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान वर्ष 2019-20 में रू. 23.50 करोड़, वर्ष 2020-21 में रू. 158.65 करोड़, वर्ष 2021-22 में रू. 116.79 करोड़ एवं वर्ष 2022-23 में (अक्टूबर 2022 की स्थिति में) 46.34 करोड़ का भुगतान संग्राहकों को किया जा चुका है।
इस प्रकार चार वर्षों में राशि रू. 345.28 करोड़ की लघु वनोपज क्रय की गयी। यही नहीं लघु वनोपज के संग्रहण एवं प्रसंस्करण से प्रतिवर्ष 75 लाख से अधिक मानव दिवसों का रोजगार सृजन हुआ।
अब छत्तीसगढ़ में 65 लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी !!
Bhupesh Hai To Bharosa Hai#CGKeKhushhaal4Saal#गढ़बों_नवा_छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/SQouMtPhRO
— Nishchal (@Nishchal_inc) December 16, 2022