बीदर वायुसैन्य अड्डे पर एयर कमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग
ऑफिसर अनन्या शर्मा ने एक साथ हॉक-132 विमान में भरी उड़ान
बैंगलुरू। वायु सेना Air Force में पिता और बेटी की जोड़ी ने पहली बार किसी लड़ाकू विमान में एक साथ एक ही फार्मेशन में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। जी हां,हम बात कर रहे हैं एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा की।
जिन्होंने इसी साल 30 मई 2022 को कर्नाटक के बीदर वायुसैन्य अड्डे पर हॉक-132 लड़ाकू विमान के इन-फार्मेशन में एक साथ बेहद अनोखी उड़ान भरी है। जिसके बाद यह दोनों वायुसेना में ऐसा कारनामा करने वाली पहली जोड़ी बन गई है। Father and daughter duo created history by flying together in the same formation in a fighter plane for the first time
वायुसेना ने अपने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है। जिसमें उसने बताया कि एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा Air Commodore Sanjay Sharma and his daughter Flying Officer Ananya Sharma ने बीदर वायुसैन्य अड्डे पर हॉक-132 विमान में 30 मई को उड़ान भरी। जिसके बाद पिता और बेटी की इस जोड़ी ने भारतीय वायुसेना में इतिहास रच दिया है। यहां बता दें कि वायुसेना ने वर्ष 2016 से अपनी फाइटर स्ट्रीम में महिलाओं को शामिल करने की शुरुआत की है।

अपने पिता और एयर कमोडोर संजय शर्मा के साथ 30 मई को हॉक विमान Hawk plane में भरी गई उड़ान भी इसी एडवांस स्तर की ट्रेनिंग का हिस्सा थी। एडवांस स्तर के प्रशिक्षण के दौरान अनन्या को हॉक विमानों पर अलग-अलग परिस्थितियों में विमान में उड़ान भरने का जटिल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिसमें एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड से लेकर दिन और रात में उड़ान भरने का प्रशिक्षण मुख्यरूप से शामिल है। वहीं सरकारी आंकड़ों के हिसाब देखें तो वायुसेना में महिला अधिकारियों का आंकड़ा करीब 13 फीसदी है। इसके हिसाब से वायुसेना में 1 हजार 875 महिलाएं हैं।
2016 में वायुसेना के अपनी युद्धक शाखा combat arm में महिलाओं को शामिल करने के फैसले के बाद से लेकर अब तक कुल 17 महिलाओं की इस शाखा में बतौर फाइटर पायलट के रूप में तैनाती हो चुकी है। इनके अलावा 18 महिला अधिकारी बल में नेवीगेटर की भूमिका में भी तैनात हैं।
वायुसेना के इतिहास के पहली घटना
वायुसेना ने ये भी बताया कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि पिता और बेटी ने एक साथ लड़ाकू विमान में एक ही मिशन के लिए उड़ान भरी हो, लेकिन अब ऐसा हो गया है, जिसमें पिता और बेटी की बजाय एयर कमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा की उड़ान भरी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक फोटो में पिता और बेटी की यह जोड़ी एक साथ पोज देते हुए नजर आ रहे हैं।
2021 में अनन्या ने ली थी एंट्री
पिछले साल दिसंबर 2021 में वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट के रूप में कमीशन हुई अनन्या शर्मा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक करने के बाद भारतीय वायुसेना में पायलट के तौर पर एंट्री ली है। जबकि अनन्या के पिता एयर कमोडोर संजय शर्मा वर्ष 1989 में वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन हुए थे। इन्हें लड़ाकू विमानों पर उड़ान भरने का लंबा अनुभव है।
जल्द पूरा होगा अनन्या का प्रशिक्षण
अभी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा बीदर वायुसैन्य अड्डे पर हॉक विमान पर एडवांस स्तर की ट्रेनिंग ले रही है। जल्द ही इसके पूरा होने की उम्मीद है। जिसके बाद वो वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में मौजूद कुछ और महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों को उड़ाती हुई नजर आएंगी।
बीदर में फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा के प्रशिक्षण की कुल अवधि एक साल की है। जिसमें से प्रारंभिक स्तर के छह महीने के प्रशिक्षण को उन्होंने पूरा कर लिया है और अब वह बाकी के बचे हुए छह महीने की एडवांस स्तर की ट्रेनिंग को पूरा करने में लगी हुई हैं।