खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आधिकारिक बैठकों के दौरान
और कैंटीन में बाजरा के उत्पादों का उपयोग करने का दिया निर्देश
नई दिल्ली। बाजरा के उपभोग को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य की दृष्टि से उसके लाभों को देखते हुए, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) Department of Food and Public Distribution (DFPD) के सभी कार्यालयों को हाल ही में अपनी कैंटीन और बैठकों में बाजरा को शामिल करने और बढ़ावा देने के निर्देश Instructions for inclusion and promotion of millet in canteens and meetings दिए गए हैं। इस पहल का विस्तार आगे अन्य सरकारी विभागों की कैंटीन में होगा।

रागी बिस्कुट/कुकीज/लड्डू और भुने हुए बाजरे के चिप्स आदि जैसे बाजरे से बने स्नैक्स/बिस्किट (जिसमें मुख्य कच्चा माल के रूप में बाजरा शामिल हो) में से एक के रूप में बाजरा को बैठकों में परोसने जाने वाले स्नैक्स के रूप में शामिल किया जा सकता है।
कैंटीन में बाजरा/रागी डोसा, बाजरा युक्त वड़ा, बाजरा युक्त पूरी एवं इडली/रागी के लड्डू आदि (जिसमें मुख्य कच्चा माल के रूप में बाजरा शामिल हो) का उपयोग किया जाना है और जहां तक संभव हो सके स्थानीय रूप से उपलब्ध बाजरा आधारित उत्पादों का उपयोग किया जाना है।
वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) International Year of Millet (IYOM) के रूप में मनाया जाएगा। डीएफपीडी देश में बाजरे की खरीद/खपत और खरीदे गए बाजरे का उपयोग टीपीडीएस/आईसीडीएस/एमडीएम योजना के तहत वितरण के लिए सक्रिय रूप से करने को बढ़ावा दे रहा है। बाजरे के सेवन से कई प्रकार के लाभ होते हैं और यह जीवन शैली के कारण होने वाले रोगों के प्रबंधन में मदद करता है। व्यापक मात्रा में विटामिन, खनिज, फाइटोकेमिकल्स और रेशेदार तत्वों सहित विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त होने के कारण, बाजरा कुपोषण एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने की दृष्टि से भी एक उत्कृष्ट अनाज है।