कंपनी की विस्तारीकरण परियोजना में बदलाव
नई दिल्ली। स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) Steel Authority of India Limited (SAIL) ने अपनी विस्तारीकरण परियोजना में बदलाव किया गया है। पहले योजना वर्ष 2030 तक उत्पादन क्षमता 50 लाख टन (एमटी) करने थी।
परियोजना में बदलाव के बाद अब उस अवधि तक कंपनी की उत्पादन क्षमता 35 एमटी की जाएगी। उसके बाद के 5 वर्षों में उत्पादन क्षमता 15 एमटी करने का काम परियोजना के दूसरे चरण में किया जाएगा।
2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता को 300 एमटी करना है। जिसमें सेल का महत्वपूर्ण योगदान होगा। कंपनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 20.63 एमटी है। केंद्र की योजना के मुताबिक उसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ा 50 एमटी करना है।
इसके लिए दो फेज में विस्तारीकरण परियोजना शुरू करने की तैयारी है। लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक 2030-31 तक कंपनी की उत्पादन क्षमता 35 एमटी करने के लिए 1.10 लाख करोड़ की जरूरत होगी।
इसमें आधा हिस्सा बैंकों से कर्ज का होगा। बाकी निवेश कंपनी खुद करेगी। इसके लिए बैंकों से संपर्क कर बातचीत की जा रही है। परियोजना में अलाय स्टील प्लांट और सलेम स्टील प्लांट को शामिल नहीं किया गया है।
बीएसपी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 6 एमटी, इसे बढ़ाया जाएगा
भिलाई स्टील प्लांट Bhilai steel plant को पहले चरण में शामिल नहीं किया गया था। बदलाव के बाद अब उसे दोनों ही चरणों में रखा गया है। बीएसपी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 6 एमटी है।
पहले चरण में उत्पादन क्षमता 6.80 एमटी किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद उसकी उत्पादन क्षमता बढ़कर 12 एमटी हो जाएगी।
पिछली परियोजना पांच वर्ष की हुई थी देरी, इस बार भी ऐसा ही
2009 में सेल की विस्तारीकरण परियोजना शुरू हुई। उसे पूरा करने में पांच साल की देरी हुई। जिसके कारण परियोजना की लागत भी लगभग दोगुनी हो गई थी। बीएसपी में परियोजना की मूल लागत 10 हजार करोड़ थी।
मामला लंबा खींचने से लागत बढ़कर 17 हजार करोड़ हो गई थी। इसके बाद भी एसएमएस-3 और ओएचपी जैसी कुछ हिस्से में विस्तारीकरण का काम अभी भी बाकी है।
बीएसपी में पुरानी इकाइयां बंद की जा रहीं, आगे भी जारी रहेगी
बीएसपी में नई विस्तारीकरण परियोजना शुरू करने के लिए पुरानी इकाइयों को बंद किया जा रहा है। अभी तक एसएमएस-1, बीबीएम, फर्नेस 2 और 3, आक्सीजन प्लांट 1 को बंद किया जा चुका है।
आने वाले दिनों में आरएमपी 1 और फर्नेस 1 को बंद करने की योजना है। इसके बाद विस्तारीकरण परियोजना के तहत ब्लास्ट फर्नेस 9, एसएमएस 4 के अलावा सिंटर प्लांट , कोक ओवन बनाया जाना प्रस्तावित है।
केंद्र ने नियुक्त किए सलाहकार, संसदीय कमेटी ने दी रिपोर्ट
सेल में विस्तारीकरण परियोजना को पूरा करने के लिए सलाहकार नियुक्ति किए गए हैं। हालांकि सदन में सलाहकारों के नाम का उल्लेख नहीं किया है।
इस्पात मंत्री के मुताबिक सलाहकारों का काम मंत्रालय और सेल के बीच समन्वय स्थापित परियोजना को अंतिम रूप देना होगा। इससे जुड़ी रिपोर्ट संसदीय कमेटी ने केंद्र को प्रस्तुत कर दी है।