दीपावली त्योहार पर कपड़ों की खरीदारी न हो ऐसा संभव नहीं है, करवाचौथ से लेकर दीपावली तक शहर भर के प्रमुख कपड़ा बाजार में ग्राहकों की बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है। करवाचौथ त्योहार से जगमग हुए कपड़ा बाजार में रोजाना करीब 50 करोड़ से भी अधिक की खरीदारी हो रही है, जिसके अनुसार आने वाले पांच दिनों में 250 करोड़ के कारोबार की उम्मीद है।
वहीं साड़ियां, लहंगे, सूटिंग-शर्टिंग के लिए प्रख्यात जनरलगंज बाजार में सूरत, जयपुर, कोलकात की हैवी सिरोसकी, फ्रील व ब्रासो डिजाइन की साड़ियां लोगों को खूब पसंद आ रही है।
कपड़ों के मामले में जनरलगंज बाजार उत्तर भारत के सबसे पुराने बाजार में से एक है। यह बाजार करीब 200 वर्षों से भी पुराना है, जहां से देश भर में कपड़ा भेजा जाता है। दीपावली त्योहार आते ही बाजार में रौनक बढ़ चुकी है, गलियों में बसे इस बाजार में सुबह से ही ग्राहकों का तांता लग रहा है, त्योहार के साथ सहालग के खरीदारों की भी भारी भीड़ लग रही है।
कपड़ा व्यापारियों की माने तो बाजार में आर्गेंजा रिच पल्लू सिरोसिकी (बेसिकली सिल्क का कपड़ा) की साड़ियां महिलाओं को काफी पसंद आ रही है। जिनकी 300 रुपये से शुरूआत है और रिफाइन फ्रेबिक की साड़ियां 4000 लागत तक की है।
रेडीमेड व धागे के बॉर्डर की साड़ियों की मांग
इसी डिजाइन की साड़ियों में रेडीमेड बार्डर, बनारसी, धागे का बॉर्डर, मशीन बॉर्डर के साथ आर्गेंजा व कॉटन के धागे की मिक्स साड़ियों की भी डिमांड की जा रही है। कानपुर कपड़ा कमेटी के डायरेक्टर रुमित सिंह सागरी ने बताया कि आर्गेंजा के साथ सिरोसिकी वर्ग की कॉटन रिच पल्लू, जमोटो वर्ग में सिमर कपड़ा, जो फैंसी होने के साथ ही इनकी साड़ियां काफी महंगी होती है, जो एक हजार से लेकर पांच हजार कीमत तक की होती है।
वहीं सिल्क के सब्टिट्यूट के रूप में जैनी जैकार्ड कपड़े की साड़ियां भी लोग खूब पसंद कर रहे है। बताया कि इन सभी अलग-अलग वर्ग की साड़ियों में रेशम सिरोसकी की कढ़ाई, मशीन वर्क विद हैवी पॉटली की साड़ियां बाजार में मौजूद है।
जरकन, वेलवेट के लहंगों की दुल्हनें कर रहीं मांग
कपड़ा करोबारी राकेश कपूर ने बताया कि बाजार में साड़ियों के साथ लहंगे भी खूब डिमांड पर है। स्टोन वर्क, जरी, जरकन, वेलवेट, सिल्क, सिरोसकी लहंगों की दुल्हनें खूब मांग कर रही है। सभी प्रकार के लहंगों में जरकन का हैंडवर्क किया जाता है।
अलग-अलग कढ़ाई के साथ 700 रुपये से लेकर 20 हजार तक के लहंगे बाजार में है। इसके साथ जयपुर का बॉक्स बार्डर, हैंड वर्क, बांदनी, बानरस की बनारसी बार्डर, सिल्क बॉर्डर की साड़ियां लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।