बनेगा इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम, होगी पूरे शहर की निगरानी
भिलाई। महानगरों की तर्ज पर जिला प्रशासन करीब 50 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम Integrated Control Room बनाएगा। इस कंट्रोल रुम से शहर के 5 सौ से अधिक हाईटेक कैमरों hi-tech cameras को जोड़ा जाएगा। कंट्रोल रुम में लगे मॉनिटरिंग सिस्टम से अधिकारी पूरे शहर पर 24 घंटे निगरानी 24 hour monitoring रखेगें।
नए कंट्रोल रुम के लिए जिला प्रशासन, निगम और पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई है, जो पूरे शहर का सर्वे करेगी। कंट्रोल रुम के लिए बिल्डिंग चिन्हित करने के साथ पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार करके कलेक्टर को सौंपेगी।
इसके बाद शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहे,ग्रामीण और शहर की सभी सड़कों पर हाईटेक कैमरे लगाए जाएगें। इन कैमरों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम से जोड़ा जाएगा। जिससे पुरे शहर की निगरानी आसान हो जाएगा।
चौक चौराहों के साथ,संवेदनशील क्षेत्र, धार्मिक स्थल और पार्क जैसे स्थानों पर कैमरे लगाए जाएगें। नई प्लानिंग के तहत मार्केट एरिया में पैनिक बटन लगाए जाएंगे। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम का उद्देश्य जिले में होने वाले सड़क हादसों की सही वजह पता लगाना भी है।
कैमरों की फुटेज से अधिकारी दुर्घटनाओं की सही कारण पता लगाकर उसका रैक्टिफिकेशन कर सकेगें। कंट्रोल रुम के लिए अलग से टीम का चयन किया जाएगा। प्लानिंग के तहत आईटीएमएस के तहत पहले फेज में लगे 11 कैमरों को भी नए कंट्रोल रुम से जोड़ा जाएगा। दूसरे फेज में लगने वाले 12 करोड़ कीमत के 39 कैमरों को भी नए कंट्रोल रुम से कनेक्ट किया जाएगा।
हाईटेक कैमरे: सड़क हादसों की सही कारण
पता चलेगा नियम तोड़ने वालों पर नजर
शहर की सभी चौक चौराहे और सड़कों पर कैमरा लगाए जाएगें। इन कैमरों को कंट्रोल रुम के कनेक्ट किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक कई बार सड़क दुर्घटनाओं का सही कारण नहीं पता चल पाता है। कैमरो की मॉनिटरिंग से दुर्घटनाओं का सही कारण पता चल पाएगा। इससे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सही कदम उठाया जा सकेगा। प्रमुख चौराहों पर हाईटेक कैमरे लगाए जाएगें। जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों को डिटेक्ट किया जा सकेगा। कैमरों के जरिए सीधे चालान बनाकर वाहन चालक के घर भेजा जाएगा।
पैनिक बटन: समय रहते पीड़ित काे मिल पाएगी मदद
प्लानिंग के तहत शहर के ऐसे स्थानों जहां पर घटना-दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है, वहां पैनिक बटन लगाए जाएगें। इन पैनिक बटन को इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम से जोड़ा जाएगा। जिससे पैनिक बटन प्रेस करते है इसकी सूचना सीधे कंट्रोल रुम को मिलेगी। कंट्रोल रुम में मौजूद अधिकारी पैनिक बटन दबाने वाले व्यक्ति की मदद के लिए नजदीक में मौजूद जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को मैसेज फारवर्ड करेगें। जिससे समय पर मदद की जा सके। पैनिक बटन का कांसेप्ट बड़े शहरों से लिया गया है।
पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम: रुट डायवर्शन
और जाम की सूचना पहले ही मिल पाएगी
इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम से पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम को भी कनेक्ट किया जाएगा। इस सिस्टम को चौक चौराहों से जोड़ा जाएगा। जिससे एक बार भी में एनाउंसमेंट के जरिए सभी को मैसेज दिया जा सके। एनाउंसमेंट सिस्टम यातायात एवेयरनेस के साथ साथ ट्रैफिक अपेडट के लिए उपयोग किया जा सकेगा। रुट डायवर्सन और जाम जैसी स्थिति निर्मित होने पर भी एनाउंसमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। लॉ एंड आर्डर की स्थिति में भी एनाउंसमेंट सिस्टम कारगर साबित होगा। अभी किसी भी तरह का कार्यक्रम या तकनीकी काम होने पर लोगों को जाम से जूझना पड़ता है।
कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाले भी बच नहीं
पाएंगे,ड्रोन कैमरे से पूरे शहर की होगी निगरानी
चौक चौराहों पर लगने वाले हाईटेक कैमरों के साथ जिला प्रशासन ड्रोन कैमरों की भी उपयोग करेगा। अधिकारियों के मुताबिक लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की स्थिति में उपद्रवियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाएगा। शहरों में लगे कैमरों की आउटपुट कंट्रोल रुम में लगे मॉनिटर पर दिखाई देगा। इससे एक साथ पूरे शहर पर निगरानी रखना आसान होगा। पहले फेज में आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत लगे कैमरों भी नए कंट्रोल रुम से जोड़ा जाएगा।
जल्दी ही पूरे प्लान पर अमल किया
जाएगा, पूरा शहर होगा सुरक्षा के घेरे में
इंटीग्रेटेड कंट्रोल रुम बनाया जाएगा। कंट्रोल रुम को शहर के सभी सीसीटीवी कैमरों से कनेक्ट किया जाएगा। अ धिकारी 24 घंटे शहर की निगरानी करेंगें। डीएमएफ फंड से कंट्रोल रुम और शहर में कैमरे लगाए जाएगें।
इससे सड़क हादसों की सही वजह भी पता चल पाएगी। टीम को पूरी प्लानिंग के लिए आदेश दिया गया है। जल्दी ही पूरे प्लान को एग्जिक्यूट किया जाएगा। पूरा शहर सुरक्षा के घेरे में रहेगा।
-पुष्पेंद्र मीणा, कलेक्टर दुर्ग