पिलखा पहाड़ की सुंदरता में वृद्धि,कुँआ एवं बोरवेल के जल स्तर
में वृद्धि होने से लगभग 180 हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र सिंचित हुआ
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ राज्य प्राधिकरण (कैम्पा ) योजना एडिनशल एपीओ. 2020-21 के तहत सूरजपुर वनमण्डल के वन परिक्षेत्र सूरजपुर अंतर्गत खोखनिया नाला ( पिलखा पहाड़) में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य कराया गया हैं।
वित्त आयोग के अध्यक्ष हुए कांग्रेस सरकार के विकास के कायल-
मुख्यमंत्री जी की तारीफ़ करते हुए नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी को बताया सकारात्मक पहल।
"गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" pic.twitter.com/s6hwyOczMz
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) July 26, 2019
नरवा विकास अंतर्गत बनाया गया खोखनिया नाला बांध से सात गांव हो रहा सिंचित एवं क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा, पर्यटकों को कर रहा आकर्षित, प्रतिदिन आते हैं सैकड़ों पर्यटक। वन्यप्राणियो एवं मवेशियों के लिये वर्ष भर जल की उपलब्धता सुनिश्चित हुआ है।
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कुँआ एवं बोरवेल के जलस्तर में वृद्धि होने से लगभग 180 हेक्टेयर. खरीफ क्षेत्र सिंचित हुआ हैं जिससे 485 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। नरवा विकास होने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुईहै। इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है प्रत्येक दिवस 150-200 व्यक्ति बांध में घुमने आते हैं।
शुक्रवार को कलेक्टर श्री रजत बंसल और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित व्यास प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर सल्पीपदर के झरने का अवलोकन किया, जहां पहाड़ से पानी का उद्गम हो रहा है। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि इस सल्फीपदर झरने का विकास नरवा कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। pic.twitter.com/azdRhWPKNw
— Bastar District (@BastarDistrict) February 19, 2022
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत-पण्डोनगर (पहाड़गांव) के खोखनिया नाला में निर्मित वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की लम्बाई 165 मीटर ऊँचाई 13 मीटर एवं लागत 120.00 लाख हैं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का कैचमेंट एरिया 36000 हेक्टेयर एवं जल भराव क्षेत्र 2000 हेक्टेयर हैं।
जल स्त्रोतों को पुनर्जीवन देती छत्तीसगढ़ सरकार
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel के निर्देश पर प्रदेश में ‘नरवा मिशन’ गठित
विभिन्न विभागों द्वारा कराए जा रहे उपचार कार्यों में करेगा समन्वय
मुख्यमंत्री ने नरवा कार्यक्रम के सुचारू संचालन व विकास कार्यों को गति देने के निर्देश
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 22, 2022
यह खोखनिया नाला के मुख्य प्रवाह में पिलखा पहाड़ के मध्य में तीन पहाड़ो के बीच में बनाया गया हैं, जिसमें पानी का भराव लगभग 16.50 लाख क्यूबिक मीटर हैं। उक्त वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के पानी से ग्राम पंचायत पण्डोनगर, मदनपुर, अजबनगर, कमलपुर एवं पहाड़गांव के कृषि भूमि सिंचित हो रहे हैं।
बधाई छत्तीसगढ़ !!
छत्तीसगढ़ के 'नरवा विकास कार्यक्रम' को मिला राष्ट्रीय 'स्कॉच गोल्डन अवार्ड'।
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी की रक्षा हेतु हमारी सरकार सदैव प्रतिबद्ध है। pic.twitter.com/tHRm50tfJA
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) November 23, 2022
बांध की सुरक्षा हेतु समिति का गठन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा हेतु प्राप्त निर्देशानुसार ग्राम पंचायत – पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के ग्रामीणों की बैठक सरपंचो एवं उपवनमण्डलाधिकारी सूरजपुर व वन अमले के द्वारा लिया जाकर आवश्यक सुझावों पर चर्चा किया गया एवं पिलखा पाठ देव समितिष् का गठन किया गया।
जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष एवं सदस्यों का चुनाव किया गया एवं उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा, साफ-सफाई एवं देखरेख की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही बांध पर आने वाले पर्यटकों की जानकारी भी संधारित करने हेतु चर्चा किया गया।
बांध निर्माण से हो रहे लाभ -वन्यप्राणीयों एवं मवेशियों के लिये वर्ष भर जल कीउपलब्धता सुनिश्चित हुआ हैं। बांध से आसपास स्थित ग्राम पंचायतों के लगभग 165.00 हेक्टे, क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विकास हुआ हैं।कुँआ एवं बोरवेल के जल स्तर में वृद्धि होने से लगभग 180.00 हेक्टर. खरीफ क्षेत्र सिंचित हुए हैं व लगभग 80.00 हेक्टे रबी फसल सीजन में सिंचाई होने की संभावना हैं. जिससे लगभग 485 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
नरवा विकास से खारी नाला बना किसानों के लिए मीठा व लाभप्रद।
राज्य सरकार द्वारा संचालित सुराजी गांव योजना के तहत मनेन्द्रगढ़ के खारी नाला में लगभग 1 करोड़ रू. की लागत से अर्दन डेम का निर्माण।
वन क्षेत्रों के जलस्तर में वृद्धि के साथ 100 एकड़ रकबा में सिंचाई सुविधा। @MCBDistrictCG pic.twitter.com/BqUh92znTd
— Jansampark CG (@DPRChhattisgarh) December 6, 2022
वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के नजदीकी ग्राम पंचायत पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के भू-जल स्तर में लगभग 30 से.मी. की वृद्धि हुई है, जिससे कुआं नलकूप एवं बोरवेल जिनमें माह दिसम्बर के बाद जलस्तर में कमी हो जाता था उनके जल का स्तर बढ़ गया हैं।
वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर में ग्राम पंडोनगर एवं पहाड़गांव के ग्रामीणों द्वारा मत्स्य पालन कार्य किया जा रहा हैं। भू-जल स्तर में वृद्धि होने के कारण पुनरूत्पादन एवं वनौषधियों में बढ़ोतरी पाया गया हैं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर निर्मित हो जाने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुआ हैं, जिसके कारण पर्यटन केन्द्र बन गया है। प्रत्येक दिवस 150-200 व्यक्ति इस बांध में घुमने आते हैं।