असम: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अब भी फरार है, पुलिस तलाश में जुटी हुई है। इसी बीच खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को धमकी भरा संदेश भेजा है।इस संदेश में कहा गया है कि खालिस्तान समर्थकों की लड़ाई भारत सरकार से है। असम के सीएम को धमकी दी गई है कि वो इस मामले में ना पड़ें और हिंसा का शिकार होने से बचें।सिख फॉर जस्टिस ने हिमंता बिस्वा सरमा को पत्रकारों के जरिए धमकी भेजी है। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के करीब 12 पत्रकारों को फोन आया फोन करने वाले शख्स ने खुद को SFJ का सदस्य बताया और कहा कि – “असम में कैद खालिस्तान समर्थकों को प्रताड़ित किया गया है। सीएम सरमा इस बात को ध्यान से सुनें, खालिस्तान समर्थक सिखों की लड़ाई भारतीय शासन और मोदी से है, ऐसा न हो कि सरमा इस हिंसा का शिकार हो जाएं।”असम का खालिस्तान कनेक्शन
18 मार्च को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों/सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां की थीं। फरवरी महीने में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने कथित तौर पर पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने में हिंसा की थी। आरोप है कि अमृतपाल सिंह के कई समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस बैरिकेड्स पर हमला कर उसे तोड़ दिया था, हालांकि पुलिस अबतक अमृतपाल को पकड़ नहीं पाई है।दरअसल 21 मार्च को अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने इन दोनों को असल के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया। अमृतपाल के चार करीबी – सरबजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह गिल और बसंत सिंह को भी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है।सिख फॉर जस्टिस ने कैदियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, इसलिए सरमा को ये धमकी दी गई है।
क्या है सिख फॉर जस्टिस , क्यों बैन है भारत में ये संस्था
खालिस्तान की मांग कई संगठन करते हैं, ऐसा ही एक संगठन सिख फॉर जस्टिस है। इस संगठन की शुरुआत 2007 में अमरिका से हुई थी। संगठन का अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू है। इस संगठन का मकसद पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाने का है। आजतक में छपी ख़बर के अनुसार, आरोप है कि SFJ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से फंडिंग मिलती है। भारत में इस संगठन पर बैन लगा हुआ है,इसका नाम सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी सामने आया था।
गुरपतवंत सिंह पन्नू को जुलाई 2020 में भारत सरकार ने UAPA के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया था। उसके खिलाफ भारत में राजद्रोह सहित कई मामलों में केस दर्ज हैं। 6 जुलाई, 2017 से लेकर 28 अगस्त, 2022 तक आतंकवाद और देशद्रोह सहित विभिन्न धाराओं में कुल 22 मामले दर्ज किए गए, ये सभी मामले सिर्फ पंजाब में दर्ज हैं। साल 2019 में भारत सरकार ने उसके इस संगठन पर बैन लगाया था।