भोपाल। FIR lodged against Priyanka Gandhi in Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। मध्य प्रदेश में अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन मांगने का एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में ट्वीट किया था। जिसके बाद भाजपा की शिकायत पर भोपाल और इंदौर में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, अरुण यादव, कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा और पत्र जारी करने वाले ज्ञानेंद्र अवस्थी के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। आपको इस लेख में बताते हैं कि इस मामले में कौन सी धाराओं में केस दर्ज किया गया है और उसके तहत कितने साल की सजा का प्रावधान है।
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इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
- भोपाल क्राइम ब्रांच ने आइपीसी की धारा 469, 500, 501 के तहत मामला दर्ज किया है।
- इंदौर की संयोगितागंज थाना पुलिस ने धारा 420 और 469 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज कर किया है।
कितनी सजा का है प्रावधान?
धारा 420
इस धारा के तहत अधिकतम सात साल की सजा के साथ अर्थ दंड का प्रावधान है।
धारा 469
इस धारा में तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 500
दो साल की सजा अथवा जुर्माना या दोनों का भी प्रावधान है।
धारा 501
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धारा 420 में किया गया बदलाव
FIR lodged against Priyanka Gandhi in Madhya Pradesh गौरतलब है कि प्रियंका वाड्रा और अन्य नेताओं के खिलाफ धारा 420 के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया है। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा रखे गए बिल के अनुसार कानून की धाराओं में बदलाव किया गया है। जिसमें धारा 420 भी शामिल है। आगे धारा 420 के स्थान पर धारा 316 का इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या है मामला?
दरअसल, सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नाम लिखा गया एक पत्र वायरल हुआ था। जो कि लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के नाम से लिखा गया। पत्र में फरियादी का नाम ज्ञानेंद्र अवस्थी दर्ज था। पत्र में ठेकेदारों को 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही भुगतान मिलने की बात कही गई है। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इस पत्र पर ट्वीट किया था। वहीं अब भाजपा की शिकायत पर कांग्रेस नेताओं पर मामला दर्ज किया गया है।