राजस्थान। कथा के पहले दिन व्यास पीठ के पूजन के साथ ही कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि कोटा में क्वालिटी की शिक्षा मिलती है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। छात्रों को दिल से पढ़ाई करनी चाहिए साथ ही इस बात का भी अच्छे से ध्यान रखे की असफल हो जाने पर उनके घर वाले छात्र का बेसब्री से इंतजार भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा की शिक्षा सफलता देती है और परीक्षा फल देती है। एक पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंने का हर संभव प्रयास करता है, इस बात को ध्यान में रखकर बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए।
हमारे पूर्वजों और पितरों का केंद्र राजस्थान
कथा के वचन के दौरान पंडित मिश्रा ने कहा कि जो लोग संतान धर्म पर अनर्गल बयानबाजी और गलत टिप्पणियां करते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कोटा में मथुराधीश जी विराजमान हैं, सालासर और मेहंदीपुर में बालाजी विराजमान हैं, इसी तरह से खाटू नगरी में खाटूश्याम जी विराजमान हैं। जिस प्रकार से शिक्षा का केंद्र कोटा है, उसी प्रकार से हमारे पूर्वजों और पितरों का केंद्र राजस्थान है।
मुंह उठाकर कुछ भी बोल देते हैं
उन्होंने कहा कि विधर्मियों से संघर्ष के दौरान सेठ भामाशाह ने अपनी दौलत और अपना सर्वस्व महाराणा प्रताप को सौंप दिया था, तब जाकर सनातन धर्म की स्थापना हो सकी थी और ये लोग हैं कि मुंह उठाकर कुछ भी बोल देते हैं।
बस एक लोटा जल
कथा के बीच में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि निष्कपट भाव से भगवान शिव पर एक लोटा जल और बिल्व पत्र चढ़ाने मात्र से ही हमारी सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पंडित मिश्रा ने स्वप्न में पितरों के आने के तरीके और संकेत भी बताए, साथ ही बताया कि घर के दरवाजे पर आटे की रंगोली बनाने से देव पितृ प्रसन्न होते हैं, और घर में शुभ सूचना आती है।
श्राद्ध पक्ष में देव शिव महापुराण कथा सौभाग्य की बात
उन्होंने देव पितरों और पितरों के मध्य अंतर भी समझाया साथ ही उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से समझाया। इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष में देव शिव महापुराण कथा को सुनने के माहत्म्य को हुई समझाया। उन्होंने कहा की कोटा के लोग सौभाग्यशाली हैं, जो श्राद्ध पक्ष में देव शिव महापुराण सुन रहे हैं। इस माह में भगवान पितरों को धरती पर भेजते हैं और हमारे पितृ भी हमारे साथ घर से निकलकर कथा सुनने आते हैं। कथा के प्रथम दिन कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने अपनी पत्नी गीता शर्मा के साथ व्यासपीठ का पूजन कर कथा का शुभारंभ करवाया।
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इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी अपनी पत्नी डॉक्टर अमिता बिरला के साथ पहुंचे और पंडित प्रदीप मिश्रा का स्वागत सत्कार कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लेने पंडाल पहुंचे। पंडित प्रदीप मिश्रा के श्री मुख से कथा सुनने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में सुबह ही पांडाल में पहुंचने लगे और कथा शुरू होने से पूर्व ही पांडाल खचाखच भर गया। आलम यह था की जगह नहीं होने पर भी लोग दशहरा मैदान से बाहर सड़कों पर ही यहां वहां बैठकर कथा सुनने लगे। भारी भीड़ और ऊपर से उमस वाली गर्मी भी भक्ति की इस बयार को रोक नहीं सकी। बाहर से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तो मध्य रात्रि से ही पांडाल में जा पहुंचे और अपने दैनिक कर्म से निवृत्त होकर कथा के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार करने लगे। कथा के आयोजक विधायक संदीप शर्मा ने बाहर आए श्रद्धालुओं के रहने और खाने के लिए उचित प्रबंध किए है।
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