छत्तीसगढ़ में इस मौसम में अब तक 399.4 मिमी बारिश हुई
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जुलाई की बारिश का कोटा करीब 5 दिन पहले ही पूरा हो गया है। जुलाई में प्रदेश में 330 मिमी बारिश का औसत रहा है। इस बार 25 जुलाई तक 399.4 मिमी पानी गिर चुका है। यानी कोटे से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसके बावजूद राज्य के 8 जिलों में अभी भी सामान्य से कम बारिश हुई है।
हालांकि कुल मिला कर 8 फीसदी ज्यादा पानी गिरा है। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में जिस तरह की स्थिति है, उससे बाकी बचे अगस्त व सितंबर के महीने में मानसून का कोटा आसानी से पूरा हो जाएगा। प्रदेश में जुलाई का महीना शुरू होने के साथ ही अधिक वर्षा हो रही है। यही कारण है कि इस महीने का कोटा पूरा हो चुका है।
अभी तक जुलाई महीने में 18 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है, लेकिन रायपुर समेत 8 जिलों में सामान्य से कम पानी गिरा है। मौसम विभाग का कहना है कि जैसे-जैसे बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगीं वैसे-वैसे कम बारिश वाले जिलों की कमी पूरी होती जाएगी। आंकड़ों के अनुसार अभी तक सबसे ज्यादा बारिश बीजापुर में 1460.3 मिमी हो चुकी है, यह सामान्य से 170 फीसदी ज्यादा है।
यह ओवरआल प्रदेश में मानसून सीजन से ज्यादा बारिश है। राज्य में 1108 मिमी बारिश होती है। दरअसल प्रदेश में 16 जून को मानसून के दस्तक के बाद कम बारिश हुई। रायपुर व उत्तरी छत्तीसगढ़ में 19 जून को मानसून पहुंचा। खाड़ी में कोई सिस्टम नहीं बनने से व्यापक बारिश नहीं हुई। पश्चिमी हवाओं से पानी गिरता रहा। 9 जुलाई को खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना तो प्रदेश में भारी से अतिभारी बारिश हुई।
आंकड़ों में समझें
495.1 मिमी होनी थी
536.7 मिमी हुई
08% मिमी ज्यादा
यहां ज्यादा पानी गिरा
पिछले 24 घंटे में डभरा में 6, छिंदगढ़, बीजापुर में 5, उदयपुर, सीतापुर, धर्मजयगढ़, नारायणपुर, पखांजूर व लैलूंगा में 4 सेमी पानी गिरा है। इसी तरह जैजैपुर, मुंगेली, सक्ती, आरंग, जांजगीर, तमनार, पत्थलगांव, राजपुर, बगीचा, अंतागढ़, मालखरौदा, माकड़ी में 3 सेमी बारिश रिकार्ड की गई है। कई स्थानों पर इससे कम पानी गिरा है।
ज्यादा पानी के चलते खेती का काम प्रभावित
प्रदेश में जहां ज्यादा पानी गिर रहा है, वहां धान की खेती का काम प्रभावित हुआ है। दरअसल नदी-नाले उफान पर हैं और खेतों में पानी भरा है। वहीं जहां कम पानी गिरा है, वहां बुआई से लेकर रोपाई में दिक्कत हो रही है। राजधानी में शनिवार को भारी बारिश के बाद रविवार को रात में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार 24 घंटे में महज 3.2 मिमी पानी गिरा है।
बस्तर संभाग में अभी भी भारी बारिश हो रही है। इससे प्रदेश में बारिश के आंकड़े बढ़े हैं। मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून द्रोणिका पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किमी की ऊंचाई पर बनी है। एक ऊपरी हवा का चक्रवात दक्षिण-पूर्व मध्यप्रदेश के ऊपर 3.1 किमी की ऊंचाई पर बना है। इसके असर से 26 जुलाई को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।