जोहान्सबर्ग। विश्व में कई ट्रेनें अपनी खासियत के लिए जानी जाती हैं। लेकिन आज कहानी उस ट्रेन की, जिस पर सफर करना बेहद खतरनाक है। इसके बावजूद लोग इस पर मुश्किल सफर करने को मजबूर हैं। जिसमें न बैठने के लिए सीट है और न ही कोई टॉयलेट की सुविधा है।
यह ट्रेन अफ्रीका के मॉरितानिया Mauritania देश में चलती है। जो सहारा के रेगिस्तान इलाके से होकर गुजरती है।
तक़रीबन 700 किमी से ज्यादा दूरी का सफर तय करते हुए 20 घंटे में अपनी मंजिल पर पहुंचती है। इस ट्रेन में 200-210 डिब्बे हैं। जिसकी लम्बाई 2 किलोमीटर । इस रेल में 3 से 4 इंजन के डिब्बे लगाए जाते हैं।
इस ट्रेन का नाम ट्रेन डू डेसर्ट Train to desert है, जिसे Iron ore train के नाम से भी जाना जाता है। जो साल 1963 में शुरू हुई थी। यह एक मालगाड़ी है। जो कच्चा लोहा ढोने के काम आती है। इसमें एक डिब्बा पैसेंजर के लिए भी होता है। लेकिन कई यात्री जान की बाजी लगाते हुए मालगाड़ी पर लदे सामान के ऊपर चढ़कर सफर करते हैं।
अफ्रीकी देश की यह ट्रेन Mauritania के Nouadhibou नोआदिबोउ और जौरात Zourat के बीच चलती है। जो Mauritania की राजधानी नोआकचोत Naouakchott जाने के लिए सड़क के मार्ग से 500 किमी की दूरी को कम कर देती है। लोगों को लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ता। उनका समय बच जाता है। इसलिए Mauritania के रेगिस्तान में रहने वाले लोग इस खतरनाक ट्रेन पर मुश्किलों से भरा सफर तय करने को मजबूर हैं।
यात्रियों के लिए इस ट्रेन में सफर करना आसान नहीं होता। वो 49-50 डिग्री तामपान में दिन का सफर करते हैं. वहीं रात में तामपान शून्य डिग्री से नीचे चला जाता है।