दुनिया भर में फैला है कारोबार,समूह
की सफलता की कहानी है अनुकरणीय
मुंबई। शापूरजी पालोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) के चेयरमैन, पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) का योगदान भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अद्वितीय है। उन्होंने निर्माण के क्षेत्र में अपनी काबिलियत का परचम लहराया।
93 की उम्र में उन्होंने 28 जून 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया। शापूरजी पालोनजी ग्रुप या एसजी ग्रुप के पालोनजी मिस्त्री को ‘फ़ैन्टम ऑफ बॉम्बे हाउस’ (Phantom of Bombay House) कहा जाता था।
देश के टॉप अमीरों की सूची में शामिल पालोनजी के बारे में कम ही लोग जानते हैं और उन्हें एक गुमनाम अरबपति की संज्ञा भी दी जाती थी। उन्हें किसी सार्वजनिक जगह पर बोलते हुए या कोई समारोह में शामिल होते हुए भी कम ही देखा जाता था।
कौन थे पालोनजी मिस्त्री?
पालोनजी मिस्त्री का जन्म 1 जून, 1929 को मुंबई में हुआ। शापूरजी ने मुंबई के कैथेड्रल ऐंड जॉन कैनन स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद वे लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने चले गए।
सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके वे भारत लौटे और 1954 में बिज़नेस संभाल लिया। बता दें कि पालोनजी के पिता, शापूरजी अपनी स्कूली पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए थे। कुछ लेखों की मानें तो पालोनजी ने 18 की उम्र में 1947 में ही अपने पिता शापूरजी मिस्त्री की निगरानी में व्यापार के दांव-पेंच सीखना शुरू कर दिया था।
50 देशों में फैला कारोबार, 50 हजार
से ज्यादा कर्मचारियों का परिवार
शापूरजी पालोनजी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक, इस ग्रुप की स्थापना 1865 में हुई थी। इस ग्रुप के अंदर 18 कंपनियां हैं।
इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वॉटर, एनर्जी ऐंड फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ में फैला हुआ है। 50 देशों के लगभग 50,000 लोग एसपी ग्रुप के लिए काम करते हैं। फ़ोर्ब्स टेक्स्टाइल, यूरेका फ़ोर्ब्स लिमिटेड जैसी कंपनियां एसजी ग्रुप के अंतर्गत हैं।
मुगल-ए-आजम का ख्वाब पूरा किया था पालोनजी ग्रुप ने
भारत या यूं कहिए दक्षिण एशिया की सर्वकालिक महान व सुपरहिट फ़िल्मों में से एक, के आसिफ़ की मुग़ल-ए-आज़म को शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने ही बतौर प्रोड्यूसर फाइनेंस किया था।
पालोनजी और उनके पिता शापूरजी के काम करने के तरीके में अंतर था।
पालोनजी विदेशों तक परिवार के बिज़नेस को फैलाना चाहते थे। वहीं उनके पिता ने सिर्फ़ दो बार विदेश यात्रा की थी, वो भी किसी रिश्तेदार के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए।
एसपी ग्रुप ने कई महत्वपूर्ण इमारतें बनाई
एसपी ग्रुप ने देश और खासतौर पर मुंबई की कई महत्वपूर्ण इमारतें बनाई हैं। इनमें रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (पुरानी और नई दोनों इमारतें), ओबरॉय टावर्स (उस दौर की देश की सबसे ऊंची बिल्डिंग), वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, लीलावती अस्पताल, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
एसजी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक, 1970 में इस ग्रुप ने मशहूर ताज महल पैलेस के टावर विंग को बनाया।
शापूरजी ग्रुप को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया
पालोनजी ने एसजी ग्रुप को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया और इस ग्रुप के व्यसाय को विदेश की धरती पर स्थापित किया। 1975 में ओमान के सुल्तान के लिए क़ासर अल आलम महल का निर्माण किया। इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को बनाया।
पालोनजी के कुशल नेतृत्व में ही एसजी ग्रुप ने कई सेक्टर्स में पैर जमाना शुरू किया। मशहूर पत्रिका फोर्ब्स Forbes के लेख के अनुसार पालोनजी मिस्त्री के पास $13 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति है।
टाटा ग्रुप के साथ अनबन
एक दौर था जब टाटा और मिस्त्री परिवार के बीच गहरे संबंध थे। पालोनजी के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर्स थे। ये एसजी ग्रुप का सबसे बड़ा एसेट था। 2004 तक पालोनजी मिस्त्री टाटा सन्स बोर्ड के सदस्य थे।
पालोनजी और रतन टाटा के बीच दोस्ताना रिश्ते थे। पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे, सायरस मिस्त्री 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन बने। 28 अक्टूबर, 2016 में सायरस को इस पद से हटा दिया गया। सायरस मिस्त्री ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ के पास गए और टाटा के निर्णय को चैलेंज किया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था और कोर्ट ने फ़ैसला टाटा के हक में सुनाया।
लंबी लड़ाई के बाद शापूरजी पालोनजी ग्रुप और टाटा ग्रुप ने दशकों पुराना संबंध खत्म करने का निर्णय लिया। 2020 में मिस्त्री परिवार ने कहा कि वो टाटा सन्स के अपने स्टेक्स को बेचना चाहती है और ये निर्णय सभी स्टेकहोल्डर्स के हक में है।
भारत में जन्मा आयरलैंड का सबसे अमीर शख्स
भारत के पारसी परिवार में जन्मे पालोनजी ने 2003 में आयरलैंड की नागरिकता ले ली। इस तरह वे आयरलैंड के सबसे अमीर बिज़नेसमैन थे। 2003 में उन्होंने आयरलैंड की महिला से शादी की। लेकिन, जीवन का ज़्यादातर वक्त उन्होंने भारत में ही बिताया।
पालोनजी के दो बेटे हैं- शापूरजी और सायरस मिस्त्री और दो बेटियां हैं- लैला और आलू। शापूरजी मिस्त्री ने 2004 में एसजी ग्रुप की बागडोर संभाली। आलू ने रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से शादी की है।
आयरलैंड क्रिकेट को दिया जीवनदान
आयरलैंड के सबसे रईस नागरिक पालोनजी ने इस देश के लिए भी कई यागदार काम किए। इनमें से एक है आयरलैंड क्रिकेट टीम को जीनवदान।
पालोनजी ने टीम की आर्थिक तौर पर मदद की। वर्ल्ड कप में जब टीम खेलने उतरती थी तब प्रशंसक पालोनजी को थैंक यू कहने वाले बैनर लेकर खड़े रहते थे। एक देश की क्रिकेट टीम की पीठ सीधी करने वाले बिज़नेसमैन लाइमलाइट से दूर ही रहते थे।
2016 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
माना जाता है कि पालोनजी एक नेक दिल इंसान थे, जेंटलमैन थे। सार्वजनिक तौर पर कम ही नज़र आते थे, पालोनजी। शायद ही उन्हें किसी ने किसी समारोह में, कार्यक्रम में भाषण देते देखा हो। ये कहना गलत नहीं होगा कि पालोनजी का काम बोलता था। इसकी गवाही देने के लिए दुनियाभर में कई इमारतें खड़ी हैं।