सूरज की रोशनी में आसानी से होंगे वैज्ञानिकों के शोध
नई दिल्ली। हम बचपन से यही देखते हैं कि सूरज उगने के साथ ही दिन शुरू हो जाता है। जी हां, साल भर में कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आसमान में सूर्य नहीं दिखता।
वहीं दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां सूर्य के दर्शन बहुत दुर्लभ हैं। यहां चार महीने तक अंधेरा रहा और अब जा कर आसमान में सूरज दिखा है।
यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी ने साझा की तस्वीरें
हम बात कर रहे हैं दुनिया के उस सबसे ठंडे हिस्से की जिसे लोग अंटार्कटिका के नाम से जानते हैं। इस ठंडी दुनिया में 4 महीने बाद सूरज निकला है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी European Space Agency द्वारा सूर्य के आगमन की जानकारी एक ब्लॉग लिखकर और फोटोग्राफ शेयर कर के दी गई है। चिकित्सक हेंस हैगसन Doctor Hannes Hagson ने आसमान में चमक रहे सूर्य की तस्वीर ली है और इसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 5 अगस्त को जारी किया था।
मई के बाद अब देखने मिली सूरज की रोशनी
कोनकोर्डिया रिसर्च स्टेशन Concordia Research Station के 12 सदस्यों के समूह ने अगस्त के शुरुआती महीने में सूरज की किरणे देखीं। चार महीने बाद सूर्य को देख क्रू सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ये वैज्ञानिक इस लिए खुश हैं क्योंकि सूरज का इनके के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। ये वैज्ञानिक इस साल मई में सूरज के अस्त होने के बाद से ही इसके दोबारा उगने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
अंटार्कटिका एकदम दक्षिण में है और यहां पर सूरज का निकला एक बड़ी घटना माना जाता है। 4 महीने बाद उगाने वाले इस सूरज की तस्वीर लेने वाले हेंस हैगसन ने लिखा कि, ‘अंटार्कटिका का समय बड़ा अजीब है और ये तेजी से गुजरता है और इसी समय वो काफी धीमा भी हो जाता है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘सिर्फ दो दिनों के अंदर हम उम्मीद कर रहे थे कि दक्षिण में सूरज निकलने वाला है। सुबह की रोशनी की वापसी ने निश्चित तौर पर हमें मुस्कुराने की एक वजह दी है और अब इस एडवेंचर का आखिरी दौर शुरू होने वाला है।’
सूरज निकलने से वैज्ञानिकों में खुशी की लहर, लिए जाएंगे नमूने
अंटार्कटिका सख्त सर्दियां के लिए मशहूर है। यहां तापमान -80 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। ऐसे मौसम में दिन के समय भी अंधेरा रहता है। ये अंधेरा ऐसा होता है जो किसी के भी मन में दहशत पैदा करने के लिए काफी है।
अगस्त में सूरज निकलने के बाद वैज्ञानिक काफी खुश हैं क्योंकि इनके लिए ये सूरज कई मायनों में खास है। अब यहां पर वैज्ञानिक कई तरह की रिसर्च कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां एक फिल्म फेस्टिवल का आयोजन भी होना है।
यहां खासतौर पर बायोमेडिकल से रिसर्च होने वाली है।
इसके लिए डॉक्टर हेंस हैगसन ने क्रू मेंबर्स के यूरिन, स्टूल और ब्लड सैंपल लिए हैं। वैज्ञानिक यह पता लगाना चाहते हैं कि इंसानी शरीर अकेलेपन और अत्यधिक खराब मौसम में रहते हुए क्या कुछ झेलता है और इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है।
Sunrise after 4 months in Antarctica 😊
Last time Sun was seen
on May 3rd
Antarctica is southern most point on our planet pic.twitter.com/Um16Yydlqv
— M V Rao @ Public Service (@mvraoforindia) August 23, 2022