तीन जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई, पेपर बुक बनाने की जवाबदारी हाईकोर्ट के कार्यालयीन कर्मचारियों को
बिलासपुर। हिंदी के अंकों को बचाने और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन से हिंदी माध्यम स्कूलों के खत्म हो रहे अस्तित्व को बचाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट Chhattisgarh High Court की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पेपर बुक पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जरूरी शुल्क जमा करने की बात कोर्ट ने कही है। अगली सुनवाई चार सप्ताह होगी।
याचिकाकर्ता रविंद्र वर्मा ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग जनहित याचिका दायर की है। पहली जनहित याचिका हिंदी के अंकों को बचाने और प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई इन्हीं अंकों के साथ करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में केंद्र व राज्य शासन को प्रमुख पक्षकार बनाया है। याचिका की सुनवाई मंगलवार 30 अगस्त को जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच Division Bench of Justice Gautam Bhaduri में हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि लंबे समय बाद भी उनकी याचिका पर केंद्र सरकार का जवाब नहीं आया है।
दूसरी याचिका में राज्य शासन द्वारा जवाब पेश करने की जानकारी कोर्ट को दी है।
याचिकाकर्ता का जवाब सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को पेपरबुक बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पेपर बुक बनाई जाएगी। शुल्क जमा करने के बाद याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में पेश की गई याचिका और प्रमुख पक्षकारों की ओर दिए गए जवाब की बुक कार्यालयीन कर्मचारी बनाएंगे।
इसे बुक की शक्ल में याचिका को पेश करेंगे। इसके लिए चार पेपर बुक बनाई जाएगी। इनमें से एक पेपर बुक केंद्र सरकार, एक राज्य सरकार, एक हाईकोर्ट और एक पेपर बुक याचिकाकर्ता के पास रहेगी।